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Yamuna Nagar News: राइस मिलों में बचा धान उठाने पर सुनवाई आज

संवाद न्यूज एजेंसी, यमुना नगर Updated Mon, 01 Dec 2025 01:02 AM IST
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Hearing today on lifting of paddy left in rice mills
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संवाद न्यूज एजेंसी
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यमुनानगर। सात राइस मिलों में गबन का मामला सामने आने के बाद हैफेड और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को बचे हुए अपने धान के खराब होने का डर सता रहा है। इस धान की सुपरदारी किसे दी जाए इसको लेकर एक दिसंबर आज कोर्ट में सुनवाई होगी। पहले 28 नवंबर को सुनवाई होनी थी, परंतु अधिकारी अधूरे दस्तावेजों के साथ कोर्ट में पहुंचे। अधूरी तैयारी से आने पर कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी थी।
प्रतापनगर, रणजीतपुर व छछरौली की सात राइस मिलों में जो धान का गबन उजागर हुआ था उसमें से प्रतापनगर की मोरवी नंदन एग्रो फूड्स, अंजनी नंदन एग्रो फूड्स और श्री बालाजी एग्रो फूड्स राइस मिलों में हैफेड द्वारा खरीदा गया धान सप्लाई किया गया था। इसी तरह प्रतापनगर की मैसेज बद्री विशाल एग्रो फूड्स, श्रीजी एग्रो फूड्स, छछरौली स्थित सिंगला एग्रो फूड्स व रणजीतपुर स्थित श्रीश्री बाला जी एग्रो इंडस्ट्री में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का धान है। करीब 14 हजार मीट्रिक टन धान अभी सभी राइस मिलों में खुले में पड़ा है। इस समय सर्दी का मौसम होने से वातावरण में नमी बहुत ज्यादा है। इससे धान के खराब होने की संभावना बढ़ गई है। इसलिए हैफेड व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की तरफ से कोर्ट में अर्जी लगाकर बचे हुए धान को उठाने की मांग की गई है। दरअसल जब थाने में प्राथमिकी दर्ज हो जाती है तो आगामी कार्रवाई के लिए न्यायालय से अनुमति लेनी होती है। मामले में एसआईटी बनने के बाद उम्मीद जगी थी कि सात राइस मिलों में हुए गबन से जल्द ही पर्दा उठ जाएगा।
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आरोपी राइस मिलर दंपति की गिरफ्तारी होना तो दूर की बात है, अभी तक एसआईटी को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से पूरा रिकॉर्ड ही नहीं मिला है। दूसरी और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग करनाल में हुए धान घोटाले में विभाग के इंस्पेक्टरों पर कार्रवाई कर चुका है, लेकिन जिला में अभी तक तीनों इंस्पेक्टरों पर कार्रवाई करने के नाम सिर्फ रिकॉर्ड ही मांगा जा रहा है।
सत्यापन के विरोध में राइस मिलें रही बंद

जिला राइस मिल एसोसिएशन के प्रधान मनीष बंसल ने बताया कि बार-बार की जा रही वेरिफिकेशन कराए जाने से राइस मिलर अपना काम नहीं कर पा रहे हें। इसलिए उन्होंने अपनी राइस मिलों को सोमवार तक के लिए बंद कर दिया है। यदि फिर भी उन्हें तंग करना बंद नहीं किया गया तो वह विभाग से अपना एग्रीमेंट रद्द कर देंगे। सरकार अपना धान वापस उठाकर कहीं भी कुटाई करवा सकती है। जल्द ही इसे लेकर एसोसिएशन की बैठक बुलाकर आगामी निर्णय लिया जाएगा।
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