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Hamirpur (Himachal) News: मेडिकल कॉलेज में टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन की नहीं रहेगी कमी
संवाद न्यूज एजेंसी, हमीरपुर (हि. प्र.)
Updated Mon, 22 Dec 2025 01:51 AM IST
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हमीरपुर। डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में टेनेक्टेप्लेस इंजेक्शन की कमी नहीं रहेगी। सर्दियों में हृदयघात आने की अधिक संभावनाओं के बीच कॉलेज प्रबंधन ने दवा आपूर्तिकर्ता कंपनी को 20 इंजेक्शन की मांग भेजी है।
बीते सप्ताह ही कॉलेज को करीब 23 टेनेक्टप्लेस इंजेक्शन मिले थे। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और हृदय पर अधिक काम का बोझ पड़ता है। इससे हृदय संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं। इसलिए कॉलेज की ओर से एहतियात के तौर पर और इंजेक्शनों की मांग की गई है।
एक टीके की कीमत करीब 40 से 45 हजार रुपये होती है। जहां निजी अस्पतालों में टीके के लिए लोगों काे काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं, जबकि मेडिकल कॉलेज में यह निशुल्क लगाया जाता है। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में रोजाना 2000 के करीब ओपीडी होती है। सप्ताह में लगभग एक से दो मरीज हृदयघात के मेडिकल कॉलेज पहुंच जाते हैं।
मरीजों को यह टीका समय पर लगाया जाए तो मरीज की सेहत में सुधार हो जाता है। समय पर टीके उपलब्ध करवाने के लिए कॉलेज प्रबंधन पहले से इन टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देसराज शर्मा ने बताया कि 20 टीकों की मांग की गई है।
इसलिए जरूरी है यह इंजेक्शन
यह इंजेक्शन अगर हृदयघात के बाद 12 घंटे से पहले लग जाए तो मरीज आसानी से ठीक हो जाता है। टेनेक्टेप्लेस हृदयघात के मरीज को लगते ही असर कर जाता है। इससे आसानी से मरीज की जान बचाई जा सकती है। इस इंजेक्शन के लगने से हृदयघात के बाद खून का थक्का नहीं जमता है। इससे मरीज की जान बचाने में सहूलियत होती है।
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बीते सप्ताह ही कॉलेज को करीब 23 टेनेक्टप्लेस इंजेक्शन मिले थे। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और हृदय पर अधिक काम का बोझ पड़ता है। इससे हृदय संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं। इसलिए कॉलेज की ओर से एहतियात के तौर पर और इंजेक्शनों की मांग की गई है।
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एक टीके की कीमत करीब 40 से 45 हजार रुपये होती है। जहां निजी अस्पतालों में टीके के लिए लोगों काे काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं, जबकि मेडिकल कॉलेज में यह निशुल्क लगाया जाता है। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में रोजाना 2000 के करीब ओपीडी होती है। सप्ताह में लगभग एक से दो मरीज हृदयघात के मेडिकल कॉलेज पहुंच जाते हैं।
मरीजों को यह टीका समय पर लगाया जाए तो मरीज की सेहत में सुधार हो जाता है। समय पर टीके उपलब्ध करवाने के लिए कॉलेज प्रबंधन पहले से इन टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देसराज शर्मा ने बताया कि 20 टीकों की मांग की गई है।
इसलिए जरूरी है यह इंजेक्शन
यह इंजेक्शन अगर हृदयघात के बाद 12 घंटे से पहले लग जाए तो मरीज आसानी से ठीक हो जाता है। टेनेक्टेप्लेस हृदयघात के मरीज को लगते ही असर कर जाता है। इससे आसानी से मरीज की जान बचाई जा सकती है। इस इंजेक्शन के लगने से हृदयघात के बाद खून का थक्का नहीं जमता है। इससे मरीज की जान बचाने में सहूलियत होती है।