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केसीसी बैंक की बैलेंस शीट मजबूत, बेफिक्र रहें खाताधारक : धीमान
संवाद न्यूज एजेंसी, कांगड़ा
Updated Fri, 19 Sep 2025 07:56 AM IST
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कहा- कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को राजनीति का अखाड़ा न बनाया जाए
अमर उजाला ब्यूरो
धर्मशाला। केसीसी बैंक की बैलेंस शीट पूरी तरह मजबूत है और खाताधारक बेफिक्र रहें। यह बात कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक समिति धर्मशाला कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष पंकज धीमान ने कही। यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि केसीसी बैंक भी आरबीआई और नाबार्ड की ओर से निर्धारित सभी मानकों पर पूर्णतया खरा उतर रहा है। हमारे बैंक के रिजर्व लगभग 1000 करोड़ रुपये हैं। सीडी अनुपात लगभग 30 फीसदी, नेट एनपीए लगभग 5.62 फीसदी, सीएआर लगभग 15 फीसदी और शुद्ध लाभ लगभग 118 करोड़ रुपये है। पिछले कुछ वर्षों की तुलना करें तो हम प्रत्येक वित्तीय मापदंड में लाभ में हैं और लगातार प्रगति कर रहे हैं।
प्रदेश के लोगों ने बैंक में लगभग 15,000 करोड़ रुपये जमा किए हैं। बैंक भारत के सभी सहकारी बैंकों में उच्च स्थान पर है और अपने सभी सम्मानित ग्राहकों को हर प्रकार की उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए तत्पर है। जहां तक बोर्ड को भंग करने की बात है तो आरबीआई और नाबार्ड की ओर से यह कदम बोर्ड के शासन-प्रशासन संबंधी समस्याओं के कारण उठाया गया है। ऐसे निर्णय बैंक के हित में और सभी ग्राहकों की धनराशि की सुरक्षा के लिए लिए जाते हैं। यदि ये सुझाव नहीं माने जाते तो व्यवस्थापक नियुक्त किया जाता है, जैसा कि पहले 1992 और 2017 में भी हुआ है। पंकज धीमान ने सभी राजनीतिक प्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को राजनीति का अखाड़ा न बनाया जाए।

अमर उजाला ब्यूरो
धर्मशाला। केसीसी बैंक की बैलेंस शीट पूरी तरह मजबूत है और खाताधारक बेफिक्र रहें। यह बात कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक समिति धर्मशाला कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष पंकज धीमान ने कही। यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि केसीसी बैंक भी आरबीआई और नाबार्ड की ओर से निर्धारित सभी मानकों पर पूर्णतया खरा उतर रहा है। हमारे बैंक के रिजर्व लगभग 1000 करोड़ रुपये हैं। सीडी अनुपात लगभग 30 फीसदी, नेट एनपीए लगभग 5.62 फीसदी, सीएआर लगभग 15 फीसदी और शुद्ध लाभ लगभग 118 करोड़ रुपये है। पिछले कुछ वर्षों की तुलना करें तो हम प्रत्येक वित्तीय मापदंड में लाभ में हैं और लगातार प्रगति कर रहे हैं।
प्रदेश के लोगों ने बैंक में लगभग 15,000 करोड़ रुपये जमा किए हैं। बैंक भारत के सभी सहकारी बैंकों में उच्च स्थान पर है और अपने सभी सम्मानित ग्राहकों को हर प्रकार की उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए तत्पर है। जहां तक बोर्ड को भंग करने की बात है तो आरबीआई और नाबार्ड की ओर से यह कदम बोर्ड के शासन-प्रशासन संबंधी समस्याओं के कारण उठाया गया है। ऐसे निर्णय बैंक के हित में और सभी ग्राहकों की धनराशि की सुरक्षा के लिए लिए जाते हैं। यदि ये सुझाव नहीं माने जाते तो व्यवस्थापक नियुक्त किया जाता है, जैसा कि पहले 1992 और 2017 में भी हुआ है। पंकज धीमान ने सभी राजनीतिक प्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक को राजनीति का अखाड़ा न बनाया जाए।
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