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Kangra News: विदेश में नौकरी दिलाने और चेक बाउंस मामले में दोषी को दो साल की सजा
संवाद न्यूज एजेंसी, कांगड़ा
Updated Fri, 19 Sep 2025 08:36 AM IST
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न्यायालय ने 9 फीसदी ब्याज के साथ 6.20 लाख रुपये लौटाने के दिए आदेश
संवाद न्यूज एजेंसी
सुलह (कांगड़ा)। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी और चेक बाउंस मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दो साल की सजा सुनाई है। दोषी को 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त 6 माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। साथ ही दोषी को 9 फीसदी ब्याज के साथ दोषी को 6.20 लाख रुपये लौटाने के आदेश भी दिए हैं।
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी पालमपुर अशोक कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। वर्ष 2013 में मनतेश कुमार निवासी कंचन कॉलोनी, विकास नगर, लुधियाना पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। धीरा के बलोटा निवासी शोभा राम ने अपने बेटे को विदेश में नौकरी दिलवाने के लिए इमीग्रेशन एजेंट मनतेश कुमार को 6 लाख 20 हजार रुपये दिए थे। इसके बाद न तो युवक को विदेश भेजा गया और न ही पैसे लौटाए गए। कई बार पैसे मांगने पर एजेंट ने चेक दे दिए जो बाद में बाउंस हो गए। गवाहों की मौजूदगी में चेक देने के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो शोभा राम ने वर्ष 2017 में कानूनी कार्रवाई शुरू की थी। न्यायालय में पहुंचे मामले में सभी तथ्यों और गवाहों को जांचने के बाद आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने यह सजा सुनाई है।

संवाद न्यूज एजेंसी
सुलह (कांगड़ा)। विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी और चेक बाउंस मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दो साल की सजा सुनाई है। दोषी को 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त 6 माह के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। साथ ही दोषी को 9 फीसदी ब्याज के साथ दोषी को 6.20 लाख रुपये लौटाने के आदेश भी दिए हैं।
न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी पालमपुर अशोक कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। वर्ष 2013 में मनतेश कुमार निवासी कंचन कॉलोनी, विकास नगर, लुधियाना पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था। धीरा के बलोटा निवासी शोभा राम ने अपने बेटे को विदेश में नौकरी दिलवाने के लिए इमीग्रेशन एजेंट मनतेश कुमार को 6 लाख 20 हजार रुपये दिए थे। इसके बाद न तो युवक को विदेश भेजा गया और न ही पैसे लौटाए गए। कई बार पैसे मांगने पर एजेंट ने चेक दे दिए जो बाद में बाउंस हो गए। गवाहों की मौजूदगी में चेक देने के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो शोभा राम ने वर्ष 2017 में कानूनी कार्रवाई शुरू की थी। न्यायालय में पहुंचे मामले में सभी तथ्यों और गवाहों को जांचने के बाद आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने यह सजा सुनाई है।
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