{"_id":"69236428b11ac811e7081a6b","slug":"become-a-conductor-and-give-wings-to-your-dreams-flight-is-yet-to-come-mandi-news-c-90-1-mnd1021-177124-2025-11-24","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mandi News: कंडक्टर बन सपनों को लगाए पंख, अभी उड़ान बाकी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Mandi News: कंडक्टर बन सपनों को लगाए पंख, अभी उड़ान बाकी
विज्ञापन
एचआरटीसी सुंदरनगर की बस में टिकट काटती महिला कंडक्टर पल्लवी। संवाद
विज्ञापन
सुंदरनगर(मंडी)। आज की बेटियां कुछ भी कर सकती हैं, इसी बात को चरितार्थ किया है सुंदरनगर की घीड़ी पंचायत के तरु गांव की 23 वर्षीय पल्लवी ने। पल्लवी डेढ़ साल से बतौर महिला कंडक्टर सुंदरनगर के एचआरटीसी डिपो में सेवाएं दे रही हैं। पल्लवी का कहना है कि वह इस नौकरी से खुश है क्योंकि उसे आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला है।
वर्ष 2023 में जब वह सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रही थी, उसी दौरान उसे एचआरटीसी में महिला कंडक्टर की परीक्षा की जानकारी मिली। उसने मेहनत कर इस परीक्षा को पास कर यह नौकरी वर्ष 2024 में हासिल कर ली। आज डेढ़ साल गुजर जाने के बाद एक संपन्न बेटी और बहू के रूप में स्वाभिमान से युवा बेटियों के लिए प्रेरणा बनी है। उसे जीवन साथी के रूप में सिविल इंजीनियर प्रवीण कुमार का साथ मिला।
...
अभी और भी उड़ान बाकी
पल्लवी बेशक एक महिला कंडक्टर के रूप में आत्मनिर्भर होने के साथ बेटियों के लिए प्रेरणा बनी मगर उसकी उड़ान प्रशासनिक सेवाओं में जाने की है। वह कहती हैं कि मेरी मंजिल अभी और है। इसके अलावा अपने घर और ससुराल की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।
...
आज बेटियां कुछ भी कर सकती हैं, बशर्ते उनका लक्ष्य तय हो। मुझे मेरे ड्राइवर पिता खजान सिंह ने इस नौकरी को करने के लिए प्रेरित किया। आज मैं आत्मनिर्भर होने के साथ अपने स्तर पर आगे बढ़ने के लिए सक्षम हूं। मेरा अगला लक्ष्य एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में खुद को स्थापित करने का है जिसके लिए मैं प्रयासरत हूं।
पल्लवी, महिला कंडक्टर, एचआरटीसी सुंदरनगर
000
Trending Videos
वर्ष 2023 में जब वह सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी कर रही थी, उसी दौरान उसे एचआरटीसी में महिला कंडक्टर की परीक्षा की जानकारी मिली। उसने मेहनत कर इस परीक्षा को पास कर यह नौकरी वर्ष 2024 में हासिल कर ली। आज डेढ़ साल गुजर जाने के बाद एक संपन्न बेटी और बहू के रूप में स्वाभिमान से युवा बेटियों के लिए प्रेरणा बनी है। उसे जीवन साथी के रूप में सिविल इंजीनियर प्रवीण कुमार का साथ मिला।
विज्ञापन
विज्ञापन
...
अभी और भी उड़ान बाकी
पल्लवी बेशक एक महिला कंडक्टर के रूप में आत्मनिर्भर होने के साथ बेटियों के लिए प्रेरणा बनी मगर उसकी उड़ान प्रशासनिक सेवाओं में जाने की है। वह कहती हैं कि मेरी मंजिल अभी और है। इसके अलावा अपने घर और ससुराल की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।
...
आज बेटियां कुछ भी कर सकती हैं, बशर्ते उनका लक्ष्य तय हो। मुझे मेरे ड्राइवर पिता खजान सिंह ने इस नौकरी को करने के लिए प्रेरित किया। आज मैं आत्मनिर्भर होने के साथ अपने स्तर पर आगे बढ़ने के लिए सक्षम हूं। मेरा अगला लक्ष्य एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में खुद को स्थापित करने का है जिसके लिए मैं प्रयासरत हूं।
पल्लवी, महिला कंडक्टर, एचआरटीसी सुंदरनगर
000