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Una News: नए श्रम कानूनों के खिलाफ विभिन्न संगठनों का प्रदर्शन, डीसी को सौंपा ज्ञापन
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आरोप, कॉरपोरेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लागू किए कानून
आउटसोर्स कर्मचारी प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त करने की उठाई मांग
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिला सीटू के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने बुधवार को हाल ही में लागू किए गए चार नए श्रम कानूनों का विरोध किया। हिमाचल किसान सभा, आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन, मिड-डे मील वर्कर यूनियन तथा 102 व 108 चालक यूनियन के सदस्यों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधियों ने उपायुक्त ऊना जतिन लाल को एक ज्ञापन भी सौंपा।
इस दौरान सीटू के जिला महासचिव गुरनाम सिंह और हिमाचल किसान सभा ऊना के उपाध्यक्ष केके राणा ने कहा कि सरकार की ओर से हाल ही में लागू किए गए नए लेबर कोड श्रमिकों के हितों के प्रतिकूल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये कानून कॉरपोरेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं। नए प्रावधानों के तहत कंपनियां अब 300 तक श्रमिकों को बिना बाधा के नौकरी से निकाल सकती हैं, जबकि पहले यह सीमा 100 श्रमिकों तक थी। इसके अलावा हड़ताल संबंधी अधिकारों को भी कमजोर किया जा रहा है।
केके राणा ने कहा कि किसानों को कई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य अभी भी प्राप्त नहीं हो पाता। उन्होंने मांग की है कि चारों श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए, आउटसोर्स कर्मचारी प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए, देश भर में सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया जाए तथा मासिक पेंशन 10,000 रुपये तय की जाए। साथ ही जबरन भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने, बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने, गुप्त व्यापार समझौतों पर प्रतिबंध लगाने और महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध बढ़ती हिंसा के मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनिश्चित करने की मांग भी उठाई गई। दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों पर रोक लगाने की भी अपील की गई। प्रदर्शन के दौरान रणजोत सिंह, चनन सिंह, कुशल कुमार, सतीश चौधरी, मजीद, जोगा सिंह, पूनम देवी, निर्मल सैणी, संतोख सिंह, विकास दत्ता, पारस भारद्वाज, राजेंद्र और नवीन वर्मा सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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आउटसोर्स कर्मचारी प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त करने की उठाई मांग
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिला सीटू के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने बुधवार को हाल ही में लागू किए गए चार नए श्रम कानूनों का विरोध किया। हिमाचल किसान सभा, आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन, मिड-डे मील वर्कर यूनियन तथा 102 व 108 चालक यूनियन के सदस्यों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधियों ने उपायुक्त ऊना जतिन लाल को एक ज्ञापन भी सौंपा।
इस दौरान सीटू के जिला महासचिव गुरनाम सिंह और हिमाचल किसान सभा ऊना के उपाध्यक्ष केके राणा ने कहा कि सरकार की ओर से हाल ही में लागू किए गए नए लेबर कोड श्रमिकों के हितों के प्रतिकूल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये कानून कॉरपोरेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं। नए प्रावधानों के तहत कंपनियां अब 300 तक श्रमिकों को बिना बाधा के नौकरी से निकाल सकती हैं, जबकि पहले यह सीमा 100 श्रमिकों तक थी। इसके अलावा हड़ताल संबंधी अधिकारों को भी कमजोर किया जा रहा है।
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केके राणा ने कहा कि किसानों को कई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य अभी भी प्राप्त नहीं हो पाता। उन्होंने मांग की है कि चारों श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए, आउटसोर्स कर्मचारी प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त किया जाए, देश भर में सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया जाए तथा मासिक पेंशन 10,000 रुपये तय की जाए। साथ ही जबरन भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने, बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने, गुप्त व्यापार समझौतों पर प्रतिबंध लगाने और महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध बढ़ती हिंसा के मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनिश्चित करने की मांग भी उठाई गई। दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों पर रोक लगाने की भी अपील की गई। प्रदर्शन के दौरान रणजोत सिंह, चनन सिंह, कुशल कुमार, सतीश चौधरी, मजीद, जोगा सिंह, पूनम देवी, निर्मल सैणी, संतोख सिंह, विकास दत्ता, पारस भारद्वाज, राजेंद्र और नवीन वर्मा सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।