कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी है। इसमें राज्यों से हालात पर पैनी नजर बनाए रखने के लिए कहा गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे गए पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि मौजूदा स्थिति में कोरोना के मामलों में आए उछाल के बीच पांच से 10 फीसदी सक्रिय मामलों को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है। हालात तेजी से बदल रहे हैं और रोजाना मामलों की गति भी तेज हो रही है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ सकती है। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि वे कुल मामलों की संख्या और सक्रिय मामलों की संख्या पर नजर बनाए रखें।
स्वास्थ्य मंत्रालय की चिट्ठी में कहा गया है कि निगरानी के आधार पर स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता की समीक्षा की जाए। इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की उपलब्धता की रोजाना समीक्षा हो। भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पताल में सक्रिय मामलों का आंकड़ा 20-23 फीसदी के बीच था।
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है। इसमें ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ डेल्टा के मामले भी शामिल हैं। इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासितप्रदेशों को कोरोना प्रबंधन और मानव संसाधन को लेकर विशेष रूप से स्वास्थ्यकर्मियों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
पांच राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री के साथ मंडाविया ने की बैठक
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गोवा, दादरा नगर हवेली, दमन और दीव एवं महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान कोरोना से निपटने की तैयारियों व इससे सम्बंधित अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पांच राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रियों से स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने, हर ज़िले में टेलीकंसल्टेशन हब स्थापित करने और उपलब्ध बुनियादी ढांचे व स्वास्थ्य सेवा में व्यापक जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
विस्तार
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी है। इसमें राज्यों से हालात पर पैनी नजर बनाए रखने के लिए कहा गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे गए पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि मौजूदा स्थिति में कोरोना के मामलों में आए उछाल के बीच पांच से 10 फीसदी सक्रिय मामलों को ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है। हालात तेजी से बदल रहे हैं और रोजाना मामलों की गति भी तेज हो रही है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ सकती है। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि वे कुल मामलों की संख्या और सक्रिय मामलों की संख्या पर नजर बनाए रखें।
स्वास्थ्य मंत्रालय की चिट्ठी में कहा गया है कि निगरानी के आधार पर स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता की समीक्षा की जाए। इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की उपलब्धता की रोजाना समीक्षा हो। भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पताल में सक्रिय मामलों का आंकड़ा 20-23 फीसदी के बीच था।
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है। इसमें ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ डेल्टा के मामले भी शामिल हैं। इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासितप्रदेशों को कोरोना प्रबंधन और मानव संसाधन को लेकर विशेष रूप से स्वास्थ्यकर्मियों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
पांच राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री के साथ मंडाविया ने की बैठक
इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गोवा, दादरा नगर हवेली, दमन और दीव एवं महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान कोरोना से निपटने की तैयारियों व इससे सम्बंधित अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पांच राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रियों से स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने, हर ज़िले में टेलीकंसल्टेशन हब स्थापित करने और उपलब्ध बुनियादी ढांचे व स्वास्थ्य सेवा में व्यापक जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।