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बंगाल: पुलिस ने सुवेंदु अधिकारी को झाड़ग्राम जाने से रोका, नरसंहार में जान गवांने वालों को देने जा रहे थे श्रद्धांजलि
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Fri, 07 Jan 2022 11:13 PM IST
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सार
जब पुलिस ने उन्हें नेतई जाने की अनुमति नहीं दी, तो अधिकारी पास के भीमपुर गए और मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अधिकारी पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2020 में भाजपा में शामिल हो गए थे।

सुवेंदु अधिकारी
- फोटो : ANI
विस्तार
भाजपा नेता और नंदीग्राम से विधायक सुवेंदु अधिकारी को शुक्रवार को पुलिस ने झाड़ग्राम जिले के नेतई गांव में जाने से रोक दिया। यहां माकपा के कार्यकर्ताओं ने वामपंथी दल के शासन के दौरान 2011 में ग्रामीणों पर कथित तौर पर गोलीबारी कर नौ लोगों की हत्या कर दी थी। सुवेंदु अधिकारी मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां जाने वाले थे।
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पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता को नेतई की तरफ जाने से रोकने के बाद माहौल थोड़ा गरम भी हुआ। इसके मद्देनजर झिटका जंगल के पास पुलिस अधिकारियों और सुवेंदु अधिकारी के बीच तीखी बहस भी हुई। अधिकारी ने दावा किया कि गांव में जाने के लिए उन्होंने कोर्ट से अनुमति ली है।
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हालांकि, जब पुलिस ने उन्हें नेतई जाने की अनुमति नहीं दी, तो अधिकारी पास के भीमपुर गए और मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अधिकारी पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2020 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
इस बीच बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया कि नरसंहार की बरसी मनाने के लिए नेतई में पार्टी का कार्यक्रम चल रहा था और शायद पुलिस ने अधिकारी को वहां जाने की इजाजत नहीं दी।
दरअसल, 7 जनवरी 2011 को तत्कालीन पश्चिम मेदिनीपुर जिले के नेतई गांव में एक स्थानीय माकपा नेता के घर में कथित रूप से अंधाधुंध गोलीबारी की गई थी। इस दौरान नौ ग्रामीणों की मौत हो गई थी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने नरसंहार की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। सीबीआई ने मई 2014 में 20 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।