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स्वास्थ्य: गंग्याल अस्पताल की 'सेहत' खराब, तीन थियेटर में हफ्ते से सर्जरी बंद
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: kumar गुलशन कुमार
Updated Tue, 09 Aug 2022 05:49 PM IST
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सार
अस्पताल में 11 डॉक्टरों के पद सृजित हैं, जिसमें एक आर्थोपेडिक्स और दस मेडिकल अफसर के पद शामिल हैं। यहां दस अन्य डॉक्टर अटैच किए गए थे।

Gangyal Hospital
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग में डाक्टरों और कर्मचारियों की डिटेचमेंट प्रक्रिया शुरू होने से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है। शहर के साथ लगते राजीव गांधी अस्पताल गंग्याल में व्यवस्था गड़बड़ा गई है। एक हफ्ते से रूटीन और विशेष सर्जरी सेवाएं बंद पड़ी हैं। त्वचा और स्पाइन यूनिट आदि में ताला लटक रहा है। इससे स्थानीय सहित आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को फिर से मजबूरन गांधीनगर या जीएमसी का रुख करना पड़ रहा है।
राजीव गांधीनगर अस्पताल में दो फार्मासिस्ट और एक फीमेल मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर का पद सृजित है, जबकि अटैचमेंट पर पांच फार्मासिस्ट, पांच स्टाफ नर्स और पांच फीमेल मल्टीपर्पज वर्करों की मदद से आपरेशन थियेटरों को चलाया जा रहा था। अस्पताल में तीन ऑपरेशन थियेटर हैं। इसमें गायनी, आर्थो, स्पाइन आदि की सर्जरी की जा रही थी, लेकिन वर्तमान में पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण सर्जरी बंद है। मरीजों को सिर्फ ओपीडी की ही सुविधाएं मिल रही हैं।
अस्पताल में 11 डॉक्टरों के पद सृजित हैं, जिसमें एक आर्थोपेडिक्स और दस मेडिकल अफसर के पद शामिल हैं। यहां दस अन्य डॉक्टर अटैच किए गए थे। अस्पताल में त्वचा यूनिट भी शुरू की गई थी, जिसके लिए अखनूर से डॉक्टर अटैच किया गया था, लेकिन डिटेचमेंट के बाद त्वचा यूनिट बंद है। इसमें चार दिन त्वचा रोग संबंधी ओपीडी और दो दिन सर्जरी की जाती थी। दो डेंटल सर्जन अटैच थे, जिससे चार डेंटल सर्जन की उपस्थिति से दो डेंटल चेयर की मरीजों को सुविधा मिल रही थी। लेकिन अब दो डाक्टरों के चले जाने से दंत चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
अस्पताल में महीने में स्पाइन की दो से तीन सर्जरी की जा रही थीं, लेकिन डॉक्टर के डिटैच होने के बाद यह ऑपरेशन भी बंद हैं। जीएमसी जम्मू के बाद संभाग के इसी अस्पताल में स्पाइन सर्जरी की सेवाएं दी जा रही थीं।
डिटेचमेंट एक विभागीय प्रक्रिया है। लेकिन इससे पहले स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की सुविधाओं को सुनिश्चित करना चाहिए था। अब मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। - पृथ्वी राज शर्मा, स्थानीय निवासी।
स्वास्थ्य विभाग को एक विशेष मामले में राजीव गांधी अस्पताल में पैरामेडिकल स्टॉफ और डॉक्टरों की पर्याप्त उपलब्धता के बाद ही सुविधाओं को बहाल करना चाहिए। इससे लोगों को बाद में परेशानी नहीं होगी। - शमशेर सिंह, स्थानीय निवासी।
स्टाफ की कमी के कारण ऑपरेशन थियेटर बंद होने से लोगों को गांधीनगर और जीएमसी का रुख करना पड़ रहा है। इससे उन्हें समय और पैसे की बर्बादी हो रही है। - विपिन संग्राल, स्थानीय निवासी।
किसी भी व्यवस्था को बदलने से पहले प्रभावों पर मंथन करना चाहिए। राजीव गांधी अस्पताल में कोई भी सर्जरी न होने से क्षेत्रवासी परेशान हैं। सरकार को ऐसी सुविधाओं को जल्द बहाल करना चाहिए। - राहुल मेहरा, स्थानीय निवासी।
स्वास्थ्य विभाग के कदम से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में विभाग और सरकार को पहले से ही तैयारी करनी चाहिए थी। -पूर्ण चंद वर्मा, स्थानीय निवासी।
चिकित्सा सेवाएं बहाल करने के प्रयास जारी
राजीव गांधी अस्पताल में सभी चिकित्सा सेवाएं बहाल करने के लिए प्रयास जारी हैं। इसके लिए विशेष मामले के तहत डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की जा सकती है। इसके लिए उच्चाधिकारियों से बात की जा रही है। - डॉ. सलीम-उर-रहमान, स्वास्थ्य निदेशक जम्मू।
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राजीव गांधीनगर अस्पताल में दो फार्मासिस्ट और एक फीमेल मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर का पद सृजित है, जबकि अटैचमेंट पर पांच फार्मासिस्ट, पांच स्टाफ नर्स और पांच फीमेल मल्टीपर्पज वर्करों की मदद से आपरेशन थियेटरों को चलाया जा रहा था। अस्पताल में तीन ऑपरेशन थियेटर हैं। इसमें गायनी, आर्थो, स्पाइन आदि की सर्जरी की जा रही थी, लेकिन वर्तमान में पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण सर्जरी बंद है। मरीजों को सिर्फ ओपीडी की ही सुविधाएं मिल रही हैं।
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अस्पताल में 11 डॉक्टरों के पद सृजित हैं, जिसमें एक आर्थोपेडिक्स और दस मेडिकल अफसर के पद शामिल हैं। यहां दस अन्य डॉक्टर अटैच किए गए थे। अस्पताल में त्वचा यूनिट भी शुरू की गई थी, जिसके लिए अखनूर से डॉक्टर अटैच किया गया था, लेकिन डिटेचमेंट के बाद त्वचा यूनिट बंद है। इसमें चार दिन त्वचा रोग संबंधी ओपीडी और दो दिन सर्जरी की जाती थी। दो डेंटल सर्जन अटैच थे, जिससे चार डेंटल सर्जन की उपस्थिति से दो डेंटल चेयर की मरीजों को सुविधा मिल रही थी। लेकिन अब दो डाक्टरों के चले जाने से दंत चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
अस्पताल में महीने में स्पाइन की दो से तीन सर्जरी की जा रही थीं, लेकिन डॉक्टर के डिटैच होने के बाद यह ऑपरेशन भी बंद हैं। जीएमसी जम्मू के बाद संभाग के इसी अस्पताल में स्पाइन सर्जरी की सेवाएं दी जा रही थीं।
डिटेचमेंट एक विभागीय प्रक्रिया है। लेकिन इससे पहले स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की सुविधाओं को सुनिश्चित करना चाहिए था। अब मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। - पृथ्वी राज शर्मा, स्थानीय निवासी।
स्वास्थ्य विभाग को एक विशेष मामले में राजीव गांधी अस्पताल में पैरामेडिकल स्टॉफ और डॉक्टरों की पर्याप्त उपलब्धता के बाद ही सुविधाओं को बहाल करना चाहिए। इससे लोगों को बाद में परेशानी नहीं होगी। - शमशेर सिंह, स्थानीय निवासी।
स्टाफ की कमी के कारण ऑपरेशन थियेटर बंद होने से लोगों को गांधीनगर और जीएमसी का रुख करना पड़ रहा है। इससे उन्हें समय और पैसे की बर्बादी हो रही है। - विपिन संग्राल, स्थानीय निवासी।
किसी भी व्यवस्था को बदलने से पहले प्रभावों पर मंथन करना चाहिए। राजीव गांधी अस्पताल में कोई भी सर्जरी न होने से क्षेत्रवासी परेशान हैं। सरकार को ऐसी सुविधाओं को जल्द बहाल करना चाहिए। - राहुल मेहरा, स्थानीय निवासी।
स्वास्थ्य विभाग के कदम से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में विभाग और सरकार को पहले से ही तैयारी करनी चाहिए थी। -पूर्ण चंद वर्मा, स्थानीय निवासी।
चिकित्सा सेवाएं बहाल करने के प्रयास जारी
राजीव गांधी अस्पताल में सभी चिकित्सा सेवाएं बहाल करने के लिए प्रयास जारी हैं। इसके लिए विशेष मामले के तहत डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की जा सकती है। इसके लिए उच्चाधिकारियों से बात की जा रही है। - डॉ. सलीम-उर-रहमान, स्वास्थ्य निदेशक जम्मू।