दुनियाभर के 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं। भारत में भी मंकीपाॅक्स के केस बढ़ रहे हैं। सबसे पहले 14 जुलाई को दक्षिण केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था। उसके बाद से कई मामले सामने आने के बाद दिल्ली में मंकीपॉक्स का नया केस आया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस का इस बारे में कहना है कि इस बीमारी का प्रकोप तेजी से पूरी दुनिया में फैल रहा है। यह किन माध्यमों से फैल रहा है इसके बारे में हमें अभी बहुत कम जानकारी है। हालांकि मंकीपॉक्स के तेजी से फैलते मामलों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जाहिर करते हुए वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। इस मुद्दे पर डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों को गंभीर होने का आह्वान किया है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स के फैलने की वजह पुरुषों के बीच यौन संबंध को बताते हुए मानवाधिकारों और प्रभावित समुदाय के लोगों की गरिमा का खास ध्यान रखने की सलाह दी है।
Monkeypox: क्या सेक्स करने से फैल रहा है मंकीपॉक्स? जानिए डब्ल्यूएचओ के डॉक्टर ने क्या कहा
पुरुषों के बीच यौन संबंधों से मंकीपाॅक्स का प्रसार
विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की रीजनल डायरेक्टर के तौर पर चुनी गईं पहली भारतीय डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि जोखिम वाली आबादी के बीच पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में केंद्रित मामलों के साथ, इस बीमारी के प्रसार को कम करना संभव है।
मंकीपाॅक्स सार्वजनिक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित
डब्ल्यूएचओ की रीजनल डायरेक्टर डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने अपने बयान में कहा कि मंकीपॉक्स के मामले उन देशों में तेजी से सामने आ रहे हैं जिन्होंने इसे पहले नहीं देखा है, यह बहुत चिंता की बात है। हालांकि, पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में केंद्रित मामलों के साथ, इस बीमारी के प्रसार को कम करना संभव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार को दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से मंकीपॉक्स के लिए निगरानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को मजबूत करने का आह्वान करते हुए इस बीमारी को सार्वजनिक वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है।
संक्रमण वाले 98 फीसदी लोग समलैंगिक पुरुष
मंकीपाॅक्स को लेकर शहरों के निवासी रोगियों के चिकित्सीय रिकॉर्ड का विश्लेषण करने पर पाया गया कि मंकीपॉक्स संक्रमण वाले 98 फीसदी लोग समलैंगिक या उभयलिंगी पुरुष थे। इनकी औसतन आयु 38 वर्ष है। साथ ही अधययन में पता चला कि करीब 95 फीसदी लोग यौन संबंधों के दौरान एक दूसरे से संक्रमित हुए। लेकिन विशेषज्ञों ने अध्ययन में साफ तौर पर कहा है कि इससे समलैंगिक समुदाय के खिलाफ गलत भावना नहीं आनी चाहिए। यह एक स्थिति है जो किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है।
अध्ययन में यह भी पता चला है कि मंकीपॉक्स संक्रमित सभी मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। करीब 13 फीसदी रोगियों को भर्ती करना पड़ा था जिनमें चकत्ते, बुखार, सुस्ती, मायलागिया सिरदर्द और लिम्फ नोड्स की सूजन इत्यादि लक्षण दिखाई दे रहे हैं।मंकीपॉक्स डीएनए वायरस है और 32 में से 29 संक्रमित रोगियों के वीर्य द्रव जांच में यह मिला है।
मंकीपाॅक्स के वायरस की जानकारी कम
मंकीपॉक्स को लेकर क्षेत्रीय निदेशक डॉ. सिंह का कहना है कि बीमारी को लेकर हम सभा का केंद्रित प्रयास और उपाय संवेदनशील व भेदभाव रहित होना चाहिए। हालांकि वैश्विक स्तर पर और इस क्षेत्र में मंकीपॉक्स का जोखिम अंतरराष्ट्रीय प्रसार की संभावना को बढ़ाता है। इसके अलावा, वायरस के बारे में अभी तक अधिक जानकारी नहीं है। ऐसे में हमें मंकीपॉक्स को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है और इस बीमारी के प्रसार को कम करने के लिए तैयार रहना होगा।