17 अक्तूबर, शनिवार से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो गई हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि 17 अक्तूबर से 24 अक्तूबर तक हैं। इन दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा का विधान है। मां के शक्तिपीठ धामों का बहुत अधिक महत्व होता है। मां के शक्तिपीठ धामों में दर्शन करने से मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां के 52 शक्तिपीठ हैं। सिर्फ भारत में ही नहीं मां के कुछ शक्तिपीठ धाम विदेशों में भी स्थित हैं। इन धामों का बहुत अधिक महत्व है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको विदेशों में स्थित मां के शक्तिपीठ धामों के बारे में बताएंगे। मां के पावन शक्तिपीठ धामों में भक्तों का तांता लगा रहता है। आपको बता दें भगवान शिव जब माता सती के वियोग में माता सती के शव को लेकर तांडव करने लगे थे तब भगवान विष्णु ने सुर्दशन चक्र से माता सती के शव के टुकड़े कर दिए। माता सती के अंग और आभूषण जहां- जहां गिरे वो शक्तिपीठ बन गए। अगली स्लाइड्स में जानिए विदेशों में स्थित मां के पावन शक्तिपीठ के बारे में...
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Navratri 2020: विदेशों में भी स्थित हैं मां के पावन शक्तिपीठ, जानिए सभी के बारे में
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: योगेश जोशी
Updated Sat, 24 Oct 2020 06:04 AM IST
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17 अक्तूबर, शनिवार से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं
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पाकिस्तान में स्थित इस शक्तिपीठ को हिंगलाज देवी के नाम से जाना जाता है
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हिंगुला शक्तिपीठ, पाकिस्तान
- हिंगुला शक्तिपीठ, पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है। पाकिस्तान में स्थित इस शक्तिपीठ को हिंगलाज देवी के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान में स्थित इस शक्तिपीठ को नानी का मंदिर और नानी का हज भी कहा जाता है। धार्मिक पुराणों के अनुसार इस स्थान पर माता सती का सिर गिरा था।
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उग्रतारा शक्तिपीठ बांग्लादेश में स्थित है
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बांग्लादेश में स्थित शक्तिपीठ
- उग्रतारा शक्तिपीठ बांग्लादेश में स्थित है। मां का यह पावन शक्तिपीठ सुनंदा नदी के तट पर स्थित है। धार्मिक पुराणों के अनुसार इस स्थान पर माता सती की नाक गिरी थी। बांग्लादेश में मां के तीन और भी शक्तिपीठ हैं...
- अपर्णा शक्तिपीठ- धार्मिक पुराणों के अनुसार इस स्थान पर मां सती के बाएं पैर की पायल गिरी थी। यह शक्तिपीठ बांग्लादेश के भवानीपुर गांल में स्थित है।
- चटगांव में स्थित है मां का शक्तिपीठ- बांग्लादेश में मां का एक और शक्तिपीठ है जो चटगांव में स्थित है। धार्मिक पुराणों के अनुसार इस स्थान पर माता सती की दाई भुजा गिरी थी।
- यशोर में भी स्थित है शक्तिपीठ- बांग्लादेश के यशोर नामक शहर में भी मां का पावन शक्तिपीठ है। धार्मिक पुराणों के अनुसार इस स्थान पर मां सती के बाईं हथेली गिरी थी।
नेपाल में माता के कई शक्तिपीठ हैं
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नेपाल में स्थित शक्तिपीठ
- नेपाल में माता के कई शक्तिपीठ हैं। नेपाल में गंडक नदी पर आद्याशक्ति का पीठ है। धार्मिक पुराणों के अनुसार इस स्थान पर माता सती का दांया गाल गिरा था। इस शक्तिपीठ में देवी की पूजा गंडकी रूप में होती है। नेपाल में माता का शक्तिपीठ पशुपतिनाथ मंदिर के पास में भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर माता सती के दोनों घुटने गिरे थे। नेपाल में मां के और भी कई शक्तिपीठ हैं...
- जनकपुर में वनदुर्गा
- जयमंगला मंदिर
- उग्रतारा मंदिर
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श्रीलंका में भी मां का पावन शक्तिपीठ स्थित है
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श्रीलंका में भी है मां का पावन शक्तिपीठ
- श्रीलंका में भी मां का पावन शक्तिपीठ स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रीलंका में जिस स्थान पर मां का शक्तिपीठ है वहां पर माता सती की पायल गिरी थी। इस शक्तिपीठ में मां की पूजा इंद्राणी रूप में की जाती है।