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Lucknow News: छत पर खेल रही बच्ची के सिर में लगी गोली, कहां से चली, पता नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी, लखनऊ
Updated Sat, 20 Dec 2025 02:18 AM IST
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अस्पताल में भर्ती लक्ष्मी व उसके सिर से निकाली गई गोली।
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लखनऊ। गाजीपुर के बस्तौली गांव में मंगलवार को मकान की छत पर खेल रही तीन वर्षीय लक्ष्मी के सिर में गोली लग गई। गनीमत रही कि गोली टिनशेड को भेदते हुए आई थी। इसलिए उसकी जान बच गई। पिता की तहरीर पर गाजीपुर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा में एफआईआर दर्ज की है।
एसीपी गाजीपुर ए विक्रम सिंह ने बताया कि बस्तौली गांव निवासी रमेश दुकान चलाते हैं। रमेश के अनुसार मंगलवार शाम करीब चार बजे बेटी लक्ष्मी मकान की छत पर टिनशेड से बने कमरे में भाई सौभाग्य (8) और हिमांश (7) के साथ खेल रही थी। तभी एक जोरदार आवाज सुनाई पड़ी। दोनों बच्चों ने देखा कि लक्ष्मी के सिर से खून निकल रहा था। यह देख दोनों घबराकर नीचे आए और घरवालों को बताया। वह छत पर पहुंचे तो देखा कि लक्ष्मी लहूलुहान थी। वह उसे लेकर घर के पास स्थित निजी अस्पताल पहुंचे।
मामूली चोट समझकर डॉक्टर ने लगा दिए टांके
निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने सिर पर मामूली घाव समझकर टांके लगा दिए और बच्ची को छुट्टी दे दी। रमेश ने बताया कि देर रात बेटी के सिर में तेज दर्द होने लगा। हालत बिगड़ती देख वह उसे लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां जांच करने पर डॉक्टरों ने बेटी के सिर में गोली फंसने की बात कही। अस्पताल में बेड न होने के कारण डॉक्टरों ने उसे ट्राॅमा सेंटर रेफर कर दिया। ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने बुधवार को बेटी की जांच की और बृहस्पतिवार को सर्जरी की। एसीपी ने बताया कि शुक्रवार सुबह बच्ची को होश आ गया, उसकी हालत स्थिर है।
किसने और कहां से चलाई गोली, नहीं हो सकी जानकारी
एसीपी ने बताया कि जानकारी होने पर गाजीपुर इंस्पेक्टर टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे। छत पर पड़े टिनशेड में सुराख था। अभी यह पता नहीं चल सका है कि गोली कहां से और किसने चलाई। जांच के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं। आसपास बने घरों व अन्य स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी जा रही है। बच्ची के सिर से मिली गोली को फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा।
घरों में हुए आयोजनों की जानकारी जुटा रही पुलिस
इंस्पेक्टर के मुताबिक पुलिस की टीमें पता लगा रही है कि घटना के दिन रमेश के आसपास कितने घरों में आयोजन थे। ताकि हर्ष फायरिंग होने की बात पता चल सके। पड़ोसियों के पास लाइसेंसी हथियारों की भी जांच की जाएगी।
पड़ोसियों को भी सुनाई दी आवाज
लक्ष्मी के चाचा विक्की ने बताया कि गोली चलने की आवाज इतनी जोरदार थी कि आस-पड़ोस के लोगों को भी सुनाई पड़ी। उनका आरोप है कि निजी अस्पताल के डॉक्टरों को गोली लगने की बात पता चल जाती तो समय रहते उसका इलाज हो जाता।
सिर में घूम रही थी गोली
टिनशेड से टकराकर गोली बच्ची के सिर में धंसने के बाद भी लगातार घूम रही थी। इसकी वजह से सर्जरी करना और भी मुश्किल था। डॉक्टरों ने सर्जरी के दौरान अल्ट्रासाउंड और एक्सरे का सहारा लेकर गोली की सही स्थिति का आकलन करने के बाद मस्तिष्क को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए गोली निकालने में सफलता हासिल की। सर्जरी करने वाले डॉ. अंकुर बजाज ने बताया कि बच्ची के माता-पिता 17 दिसंबर को ट्रॉमा सेंटर आए थे। उनके पास सीटी स्कैन रिपोर्ट थी। इसमें गोली धंसी नजर आ रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत ही सभी जांच कराकर सर्जरी की योजना बनाई गई। दोबारा स्कैन करने पर गोली की स्थिति बदली हुई नजर आई। इसका मतलब यह था कि बच्ची के हिलने के साथ गोली की स्थिति बदल रही थी। इसको देखते हुए अल्ट्रासाउंड और एक्सरे का सहारा लेकर गोली निकाली गई। रात 10 बजे शुरू हुई सर्जरी करीब तीन बजे तक चली।
वेंटिलेटर से हटाई गई, पर अभी आईसीयू में बच्ची
डॉ. बजाज ने बताया कि सर्जरी के बाद बच्ची को वेंटिलेटर पर रखा गया। शुक्रवार को वेंटिलेटर हटा दिया गया, लेकिन अभी भी उसे आईसीयू में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. एसएन सिंह और डॉ. शालिनी त्रिपाठी की निगरानी में रखा गया है।
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एसीपी गाजीपुर ए विक्रम सिंह ने बताया कि बस्तौली गांव निवासी रमेश दुकान चलाते हैं। रमेश के अनुसार मंगलवार शाम करीब चार बजे बेटी लक्ष्मी मकान की छत पर टिनशेड से बने कमरे में भाई सौभाग्य (8) और हिमांश (7) के साथ खेल रही थी। तभी एक जोरदार आवाज सुनाई पड़ी। दोनों बच्चों ने देखा कि लक्ष्मी के सिर से खून निकल रहा था। यह देख दोनों घबराकर नीचे आए और घरवालों को बताया। वह छत पर पहुंचे तो देखा कि लक्ष्मी लहूलुहान थी। वह उसे लेकर घर के पास स्थित निजी अस्पताल पहुंचे।
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मामूली चोट समझकर डॉक्टर ने लगा दिए टांके
निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने सिर पर मामूली घाव समझकर टांके लगा दिए और बच्ची को छुट्टी दे दी। रमेश ने बताया कि देर रात बेटी के सिर में तेज दर्द होने लगा। हालत बिगड़ती देख वह उसे लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां जांच करने पर डॉक्टरों ने बेटी के सिर में गोली फंसने की बात कही। अस्पताल में बेड न होने के कारण डॉक्टरों ने उसे ट्राॅमा सेंटर रेफर कर दिया। ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने बुधवार को बेटी की जांच की और बृहस्पतिवार को सर्जरी की। एसीपी ने बताया कि शुक्रवार सुबह बच्ची को होश आ गया, उसकी हालत स्थिर है।
किसने और कहां से चलाई गोली, नहीं हो सकी जानकारी
एसीपी ने बताया कि जानकारी होने पर गाजीपुर इंस्पेक्टर टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे। छत पर पड़े टिनशेड में सुराख था। अभी यह पता नहीं चल सका है कि गोली कहां से और किसने चलाई। जांच के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं। आसपास बने घरों व अन्य स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी जा रही है। बच्ची के सिर से मिली गोली को फोरेंसिक लैब भेजा जाएगा।
घरों में हुए आयोजनों की जानकारी जुटा रही पुलिस
इंस्पेक्टर के मुताबिक पुलिस की टीमें पता लगा रही है कि घटना के दिन रमेश के आसपास कितने घरों में आयोजन थे। ताकि हर्ष फायरिंग होने की बात पता चल सके। पड़ोसियों के पास लाइसेंसी हथियारों की भी जांच की जाएगी।
पड़ोसियों को भी सुनाई दी आवाज
लक्ष्मी के चाचा विक्की ने बताया कि गोली चलने की आवाज इतनी जोरदार थी कि आस-पड़ोस के लोगों को भी सुनाई पड़ी। उनका आरोप है कि निजी अस्पताल के डॉक्टरों को गोली लगने की बात पता चल जाती तो समय रहते उसका इलाज हो जाता।
सिर में घूम रही थी गोली
टिनशेड से टकराकर गोली बच्ची के सिर में धंसने के बाद भी लगातार घूम रही थी। इसकी वजह से सर्जरी करना और भी मुश्किल था। डॉक्टरों ने सर्जरी के दौरान अल्ट्रासाउंड और एक्सरे का सहारा लेकर गोली की सही स्थिति का आकलन करने के बाद मस्तिष्क को कम से कम नुकसान पहुंचाते हुए गोली निकालने में सफलता हासिल की। सर्जरी करने वाले डॉ. अंकुर बजाज ने बताया कि बच्ची के माता-पिता 17 दिसंबर को ट्रॉमा सेंटर आए थे। उनके पास सीटी स्कैन रिपोर्ट थी। इसमें गोली धंसी नजर आ रही थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत ही सभी जांच कराकर सर्जरी की योजना बनाई गई। दोबारा स्कैन करने पर गोली की स्थिति बदली हुई नजर आई। इसका मतलब यह था कि बच्ची के हिलने के साथ गोली की स्थिति बदल रही थी। इसको देखते हुए अल्ट्रासाउंड और एक्सरे का सहारा लेकर गोली निकाली गई। रात 10 बजे शुरू हुई सर्जरी करीब तीन बजे तक चली।
वेंटिलेटर से हटाई गई, पर अभी आईसीयू में बच्ची
डॉ. बजाज ने बताया कि सर्जरी के बाद बच्ची को वेंटिलेटर पर रखा गया। शुक्रवार को वेंटिलेटर हटा दिया गया, लेकिन अभी भी उसे आईसीयू में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. एसएन सिंह और डॉ. शालिनी त्रिपाठी की निगरानी में रखा गया है।

अस्पताल में भर्ती लक्ष्मी व उसके सिर से निकाली गई गोली।

अस्पताल में भर्ती लक्ष्मी व उसके सिर से निकाली गई गोली।

अस्पताल में भर्ती लक्ष्मी व उसके सिर से निकाली गई गोली।

अस्पताल में भर्ती लक्ष्मी व उसके सिर से निकाली गई गोली।

अस्पताल में भर्ती लक्ष्मी व उसके सिर से निकाली गई गोली।

अस्पताल में भर्ती लक्ष्मी व उसके सिर से निकाली गई गोली।

अस्पताल में भर्ती लक्ष्मी व उसके सिर से निकाली गई गोली।
