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अमेरिकी कंपनी ने कृषि विभाग की अनुमति से खराब बीज बेचने का किया दावा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: Trainee Trainee
Updated Sat, 12 Oct 2019 04:17 AM IST
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : फाइल फोटो
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किसानों को खराब वैरायटी का धान बीज बेचने वाली अमेरिकन बहुराष्ट्रीय कंपनी सिंजेंटा ने केंद्र सरकार के सामने कृषि विभाग की अनुमति से ही यह बीज बेचने का दावा किया है। हालांकि, कृषि निदेशालय ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। कहा है कि अगर ऐसा है तो कंपनी अनुमति पत्र प्रस्तुत करे। साथ ही किसानों को हुए नुकसान की भरपाई किए जाने से पहले कंपनी के किसी भी प्रतिनिधि से बात करने से इन्कार कर दिया है।
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सिंजेंटा इंडिया लिमिटेड ने यूपी के कई हिस्सों में किसानों एलपी-17059 वैरायटी का संकर धान बीज बेचा। जिन किसानों ने इस वैरायटी का इस्तेमाल किया, उनके खेतों में पौधे तो बड़े हुए, पर उन पर बाली नहीं आई। मामला पकड़ में आने पर सिजेंटा के यूपी में बीज बिक्री करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। साथ ही संबंधित जिला कृषि अधिकारियों को एफआईआर कराने के आदेश भी दे दिए गए।
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यहां बता दें कि रामपुर के स्वार क्षेत्र के किसानों ने भी बड़ी मात्रा में इस बीज का इस्तेमाल किया। सितंबर में भी पौधे काफी बड़े हो जाने के बावजूद जब बाली नहीं आई तो उन्होंने कृषि विभाग में शिकायत की। मामले की जानकारी मिलने पर केंद्रीय कृषि विभाग की टीम ने भी मौका मुआयना किया।
सिंजेंटा यह स्वीकार कर चुकी है कि उसने यूपी के मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और बदायूं जिले के किसानों के अलावा उत्तराखंड के रुद्रपुर के किसानों को धान बीज की हाईब्रिड वैरायटी एलपी-17059 बेची। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने कई अन्य जिलों में भी इस वैरायटी का बीज बेचा है, लेकिन वहां के किसानों के शिकायत न किए जाने से मामले अभी प्रकाश में नहीं आए हैं।
पूरे प्रकरण में केंद्र सरकार ने भी दखल देते हुए सिंजेंटा से जवाब मांगा। कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने के आग्रह के साथ बताया कि सिंजेंटा ने केंद्र को रिपोर्ट दी है कि उसने कृषि निदेशालय से अनुमति लेने के बाद ही इस वैरायटी को बाजार में उतारा। वहीं, कृषि विभाग के कुछ उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि सिंजेंटा को वर्ष 2016 में यूपी में बीज बेचने के लिए लाइसेंस दिया गया था।
बाद में इसी लाइसेंस के साथ जारी उत्पाद सूची में सिंजेंटा ने कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से गुपचुप ढंग से एलपी-17059 को भी शामिल करा दिया। अब उसी उत्पाद सूची के आधार पर सिजेंटा यह दावा कर रही है कि उसे एलपी-17059 बेचने की अनुमति दी गई थी।
इस बारे में संपर्क किए जाने पर बीज बिक्री संबंधी काम देख रहे कृषि विभाग के निदेशक वीपी सिंह ने बताया कि सिंजेंटा ने केंद्र सरकार को भ्रामक जानकारी दी है। उसे यूपी में एलपी-17059 को बेचने की कभी अनुमति नहीं दी गई। प्रतिबंध के बाद कंपनी के लोगों ने निदेशालय में संपर्क किया तो उनसे दो टूक कह दिया गया है कि पहले किसानों को हुए नुकसान की शत-प्रतिशत भरपाई करें।
