दिल्ली ब्लास्ट: लखनऊ के लालबाग गर्ल्स कॉलेज में तलाशे जाएंगे डॉ. शाहीन के रिकॉर्ड, मिल सकता है कोई सुराग...
Dr Shaheen Siddiqui: आतंकी कनेक्शन मामले में गिरफ्तार डॉ. शाहीन लखनऊ के लालबाग गर्ल्स कॉलेज की छात्रा हो सकती हैं। इसके लिए जांच की जा रही है।
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आतंकी कनेक्शन मामले में गिरफ्तार डॉ. शाहीन के मोहल्ले में चर्चा है कि उसने लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की थी। इस चर्चा के बाद बुधवार को कॉलेज परिसर में पूरे दिन छात्राओं और शिक्षिकाओं के शाहीन ही चर्चा में रही। शाहीन ने इसी स्कूल से पढ़ाई की थी या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए विद्यालय में पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। खंदारी बाजार मोहल्ले के लोगों के अनुसार, शाहीन के घर से महज 50 मीटर दूर पर लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज है। अनुमान है कि घर से करीब होने की वजह से शाहीन ने 1995 से 1997 के बीच यहीं से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ली होगी। स्कूल के एक कर्मचारी ने बताया कि विद्यालय में उपलब्धियों का बोर्ड लगा है। इसमें हर वर्ष की मेधावी छात्राओं के नाम अंकित हैं, लेकिन शाहीन का नाम नहीं है। कॉलेज की प्रधानाचार्य एन. श्रीवास्तव के अनुसार, यदि शाहीन यहां की छात्रा होगी तो यह बात 25-30 वर्ष पहले की होगी, जबकि दो वर्ष पहले मेरी पोस्टिंग यहां हुई है। पुराने रिकॉर्ड में शाहीन का नाम खोजा जा रहा है। अभी इस बात की पुष्टि के लिए कोई साक्ष्य नहीं है। फिलहाल पुरानी शिक्षिकाओं को भी शाहीन का नाम तक याद नहीं। किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि अनुशासन व देशप्रेम का पाठ पढ़ाने वाले उनके विद्यालय की कोई पूर्व छात्रा देश विरोधी घटनाओं में लिप्त होगी।
एटीएस ने छोटे भाई शोएब से ली डॉ. शाहीन के संपर्कों की जानकारी
लालबाग के खंदारी बाजार में डॉ. शाहीन के पिता सईद अंसारी के घर के बाहर बुधवार की सुबह भी लोगों का जमावड़ा रहा। किसी अंजान व्यक्ति को सईद और उनके घरवालों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। परिवार ने भी दरवाजे में अंदर से ताला बंद कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सईद के घर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पूरे दिन कैसरबाग थाने की पुलिस का आना जाना लगा रहा। इस मामले की छानबीन से स्थानीय पुलिस को अलग रखा गया है।
डॉ. शाहीन व डॉ. परवेज की गिरफ्तारी के बाद इनके छोटे भाई शोएब ने बुधवार को पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। उसने बताया कि एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को उससे पूछताछ की थी। डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज के संपर्कों के बारे में जानकारी ली। जांच टीम ने जो भी जानकारी मांगी, उन्हें दे दी गई। सामान्य बातचीत हुई थी। शाहीन के करीबियों के बारे में पुलिस पूछ रही थी। इसके अलावा आखिरी बार कब बात हुई और कितने साल से वह लखनऊ नहीं आई, इसके बारे में भी पूछा।
घर से मोबाइल फोन जब्त और हार्ड डिस्क जब्त करने के सवाल पर शोएब ने कहा कि मेरा फोन मेरे पास है। शोएब का कहना है कि कोई मोबाइल फोन जब्त नहीं किया गया है। एटीएस कौन सी हार्ड डिस्क लेकर गई है, इसके बारे में उन्हें नहीं पता। शोएब का कहना है कि अगर एटीएस या जम्मू पुलिस को कोई सबूत मिला है, तो वही बता पाएंगे। एटीएस ने उन्हें या परिवार के लोगों को इसके बारे में कुछ नहीं बताया है।
पिता के साथ रहता है शोएब
शोएब पिता के साथ खंदारी बाजार स्थित मकान में रहता है। कुछ वर्ष पहले बीमारी की वजह से मां का निधन हो गया था। पिता सईद पेंशन पाते हैं, जिससे घर का खर्च चलता है। शोएब ट्यूशन पढ़ाता है। मंगलवार को शोएब दिन भर घर में ही रहा।
मस्जिद के मुतव्वली भी हैरान
मोहल्ले के जिस मस्जिद में परवेज नमाज पढ़ने जाता था वहां के मुतव्वली भी हैरान हैं। मौलाना ने बताया कि सईद और परवेज खुद से मतलब रखते थे। लंबे समय से परवेज यहां नहीं आया। वह जब भी आता था नमाज पढ़ने के बाद चुपचाप निकल जाता था। सईद के बच्चे ऐसा करेंगे पता नहीं था।