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यूपी: प्रदेश में और भी महंगा हुआ पार्क फेसिंग और कॉर्नर प्लाट लेना, मंजिल के अनुसार भी तय हुए सर्किल रेट
अभिषेक गुप्ता, अमर उजाला लखनऊ
Published by: रोहित मिश्र
Updated Thu, 13 Nov 2025 08:08 AM IST
सार
Circle Rate in UP: यूपी में रियल स्टेट की बिक्री में एकरुपता लाने के लिए सर्किल रेट में कुछ बदलाव किए गए हैं। इससे प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है।
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कॉर्नर प्लाट के देने होंगे ज्यादा पैसे।
- फोटो : डेमो पिक।
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विस्तार
प्रदेश में संपत्तियों के मूल्यांकन और सर्किल रेट निर्धारण को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। महानिरीक्षक निबंधन द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक अब संपत्तियों के मूल्यांकन में एकरूपता लाने के लिए मानकीकृत कलेक्टर दर सूची का प्रारूप तैयार किया गया है। प्रदेश के सभी जनपदों के लिए नई दर लागू हो गई है। इसके अनुसार किसी भी अकृषक संपत्ति (वाणिज्यिक, औद्योगिक या आवासीय) के सामने पार्क या एक से अधिक सड़कें होने की स्थिति में संपत्ति का मूल्य 10 से 20 प्रतिशत तक अधिक माना जाएगा। यानी अब पार्क या दो सड़कों से सटे प्लॉट का सर्किल रेट 20 फीसदी तक ज्यादा होगा।
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मूल्यांकन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने उच्चस्तरीय समिति गठित की थी। इस समिति में विभिन्न मण्डलों के उपमहानिरीक्षक एवं सहायक महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी शामिल थे। समिति ने प्रदेशभर के जिलों से प्राप्त प्रस्तावों का अध्ययन करने के बाद मानकों का सरलीकरण किया। अब कृषि भूमि के मूल्यांकन में सड़क से दूरी को प्रमुख मानक बनाया गया है। सड़क से दूरी बढ़ने पर भूमि का मूल्य उसी अनुपात में घटेगा।
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सरकारी या उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद, औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा, नोएडा अथारिटी, यीडा) या अन्य निकायों द्वारा आवंटित संपत्तियों का मूल्यांकन संबंधित सरकारी दरों के अनुरूप होगा। यदि दो दरों में अंतर होगा तो उच्चतर दर लागू की जाएगी। एक हजार वर्गमीटर तक के भूखंडों पर स्टांप शुल्क सामान्य विधि से तय होगा, जबकि इससे बड़े भूखंडों में 30 प्रतिशत तक मूल्यह्रास की व्यवस्था की गई है। संपत्ति परिसर में स्थित सबमर्सिबल पंप, बोरवेल, कुआं, नल या हैंडपंप का मूल्यांकन अलग से किया जाएगा। इनके लिए अलग दरें तय की जा रही हैं। स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि नई मानकीकृत कलेक्टर दर सूची के लागू होने के बाद प्रदेश में संपत्ति मूल्यांकन की प्रक्रिया पहले से अधिक पारदर्शी और एकरूप हो जाएगी। इससे न केवल खरीदार और विक्रेता दोनों को स्पष्ट दरों का लाभ मिलेगा बल्कि राजस्व वसूली में भी वृद्धि होगी।
मंजिलवार भवन निर्माण के लिए अलग-अलग प्रावधान
-एक से चार मंजिल तक के भवन में प्रत्येक मंजिल के अविभाजित भूभाग का मूल्य अलग-अलग होगा
-दो मंजिला भवन में प्रत्येक मंजिल की अविभाजित भूमि का 50 फीसदी
-तीन मंजिला में क्रमशः 33.33 प्रतिशत और चार मंजिला में 25 प्रतिशत हिस्सा मान्य होगा
-चार से अधिक मंजिल वाले भवनों के लिए मूल्यांकन बहुमंजिला भवन/अपार्टमेंट की दरों पर किया जाएगा।
-दो मंजिला भवन में प्रत्येक मंजिल की अविभाजित भूमि का 50 फीसदी
-तीन मंजिला में क्रमशः 33.33 प्रतिशत और चार मंजिला में 25 प्रतिशत हिस्सा मान्य होगा
-चार से अधिक मंजिल वाले भवनों के लिए मूल्यांकन बहुमंजिला भवन/अपार्टमेंट की दरों पर किया जाएगा।
छत की रजिस्ट्री पर भी तय हुई नई दरें
-भूमिगत तल की छत पर 50 फीसदी
-प्रथम तल की छत पर एक तिहाई दर
-द्वितीय तल की छत पर एक चौथाई दर
-तृतीय तल या उससे ऊपर की छत पर पांचवे हिस्से की दर से मूल्यांकन
-प्रथम तल की छत पर एक तिहाई दर
-द्वितीय तल की छत पर एक चौथाई दर
-तृतीय तल या उससे ऊपर की छत पर पांचवे हिस्से की दर से मूल्यांकन
भवन की उम्र के अनुसार मूल्यह्रास (डेप्रिसिएशन) की दरें भी तय
-20 वर्ष तक पुराने भवन पर कोई मूल्यह्रास नहीं होगा
-20 से 30 वर्ष तक पुराने भवन पर 20 प्रतिशत
-30 से 40 वर्ष तक पुराने पर 30 प्रतिशत
-40 से 50 वर्ष तक पुराने पर 40 प्रतिशत
-50 वर्ष से अधिक पुराने भवन पर 50 प्रतिशत तक मूल्यह्रास की छूट
(नोट: यह छूट तभी लागू होगी जब भवन की उम्र का प्रमाणिक साक्ष्य प्रस्तुत किया जाएगा।)
-20 से 30 वर्ष तक पुराने भवन पर 20 प्रतिशत
-30 से 40 वर्ष तक पुराने पर 30 प्रतिशत
-40 से 50 वर्ष तक पुराने पर 40 प्रतिशत
-50 वर्ष से अधिक पुराने भवन पर 50 प्रतिशत तक मूल्यह्रास की छूट
(नोट: यह छूट तभी लागू होगी जब भवन की उम्र का प्रमाणिक साक्ष्य प्रस्तुत किया जाएगा।)