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अफसरों पर गाज गिरना तय: जांच में खुलती जा रहीं बेइमानी की परतें, फसल बीमा की एक लाख से अधिक पॉलिसी रद्द

चंद्रभान यादव, अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Tue, 23 Dec 2025 08:07 AM IST
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सार

फसल बीमा में बेइमानी की परतें जांच में खुलती जा रही हैं। फसल बीमा की एक लाख से अधिक पॉलिसी रद्द कर दी गई हैं। हमीरपुर और ललितपुर में भी जांच शुरू हो गई है। भारत सरकार के पोर्टल में संशोधन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अफसरों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। 

Investigation uncovering layers of fraud in crop insurance More than one lakh insurance policies cancelled
बीमा में बेइमानी। - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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उत्तर प्रदेश में फसल बीमा में बेइमानी की परतें खुलने लगी हैं। महोबा व झांसी के बाद ललितपुर और हमीरपुर में भी जांच शुरू हो गई है। खरीफ 2025 में हुई बीमा पॉलिसी में अब तक 105361 पालिसी रद्द कर दी गई हैं। साथ ही भारत सरकार से पोर्टल में आवश्यक संशोधन कराने का प्रस्ताव भी भेजा गया है।

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बुंदेलखंड समेत अन्य जिलों में खरीफ-2024, रबी 2024 और खरीफ 2025 में फसल बीमा में घपले सामने आए हैं। नदी, बंजर, रेलवे, सरकारी और सांसद की जमीन पर दूसरे लोगों ने बीमा कराकर करोड़ों रुपये डकार लिए। अकेले महोबा में करीब 40 करोड़ क्लेम लिया गया। इस मामले में अलग- अलग थाने में 59 और झांसी में 10 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। 

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हमीरपुर और ललितपुर में चल रही जांच

अमर उजाला में घपले की खबर छपने के बाद कृषि विभाग ने सभी जिलों में खरीफ और रबी 2025 की बीमा पालिसी की जांच डीएम के माध्यम से कराई। अब तक रिपोर्ट के आधार पर करीब 105361 पॉलिसी रद्द की गई हैं। इसमें सर्वाधिक करीब 10 हजार महोबा की हैं। झांसी में नौ हजार व अन्य जिलों में डेढ़ सौ से लेकर एक एक हजार के बीच पॉलिसी रद्द की गई हैं। हमीरपुर और ललितपुर में जांच चल रही हैं।

किसानों ने 432.43 करोड़ का प्रीमियम दिया

मालूम हो कि खरीफ 2024-25 में 4751 लाख किसानों ने फसल बीमा कराकर 1.25 करोड़ का प्रीमियम दिया और 2.12 करोड़ का क्लेम लिया। इसी तरह खरीफ 2025-26 में 5595 लाख किसानों ने 1.06 करोड़ का प्रीमियम दिया है। अभी इनका क्लेम होना है। इसी तरह खरीफ 2024-25 में 15.38 लाख किसानों ने 432.43 करोड़ का प्रीमियम दिया। इनमें से 3.58 लाख किसानों को 276.10 करोड़ का क्लेम दिया गया है। खरीफ 2025-26 में 20.92 लाख किसानों ने 537.64 करोड़ का प्रीमियम दिया, जिनमें से 2.06 किसानों को 142.02 करोड़ का क्लेम दिया गया है।

पोर्टल में होगा बदलाव

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना का क्रियांवयन भारत सरकार की ओर से तैयार पोर्टल पर किया जाता है। किसान रजिस्ट्री शुरू होने के साथ जमीनों का डिजिटलाइजेशन हो गया है। अब पोर्टल पर खाता संख्या डालते ही डाटा भी कनेक्ट हो जाएगा। इससे यह पता चलेगा कि संबंधित खाते में नदी, बंजर अथवा किसी व्यक्ति के नाम जमीन है। ऐसे में बीमा स्वीकृत करने से पहले जिस व्यक्ति के नाम से जमीन होगी, उसे सूचना मिलेगी। पोर्टल पर अन्य तरह के प्रावधान करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। 

105361 पालिसी रद्द की गईं

निदेशक कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा सुमिता सिंह ने बताया कि जांच चल रही है। अब तक खरीफ 2025 में जांच के बाद 105361 पालिसी रद्द की गई है। जिलाधिकारियों की जांच रिपोर्ट आते ही बीमा कंपनियां एनसीआईपी पर दर्ज पालिसी रद्द कर रही हैं। पोर्टल में आवश्यक संशोधन कराने के साथ ही कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बीमा कराने पर रोक लगाने की दिशा में तत्परता से कार्य किया जा रहा है। 
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