नागपंचमी आज, चौराहों पर पिटेगी गुड़िया
सुबह से ही घरों में सर्प आकृति पूजन के बाद शाम को शहर और गांव की हर गली-चौराहा गुड़िया और रंग-बिरंगी डंडियों से पट जाएगा। इस दिन भगवान भोले की पूजा कर नागों को गौदुग्ध पिलाया जाता है।
मान्यता है कि ऐसा करने से भविष्य में सर्प भय नहीं रहता। घर से दरिद्रता दूर भगाने के लिए शाम को चौराहों पर बच्चों द्वारा गुड़िया का भी पीटा जाना शुभ माना जाता है।
नाग पंचमी के मौके पर बृहस्पतिवार शाम बाजारों में बच्चों ने अपनी पसंद की गुडिया पीटने वाली डंडियां भी खूब खरीदी।
आचार्य प्रदीप शास्त्री ने बताया कि बृहस्पतिवार देर रात से पंचमी का मान लग गया, जिससे शुक्रवार को उदया में पंचमी मिलगी।
इस दिन सूर्योदय के समय स्नान कर घर के मुख्य द्वार पर दोनों ओर गोबर और गौदुग्ध से तक्षक नाग की सर्पाकृति बनाकर उसकी पूजा करनी चाहिए।
जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के बाद आरती उतारकर सफेद मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए।
ये है लोक मान्यता
बहुत पहले एक ब्राह्मण की लालची ब्राह्मणी के कारण सर्प देवता ने उसके इकलौते पुत्र को काट लिया था।
सर्प देवता से अपने पुत्र की सलामती के लिए दोषी पत्नी को पीटे जाने की घटना से ही इस दिन गुड़िया भी मनाई जाती है।
नागपंचमी के दिन ही शाम को घर की महिलाएं और युवतियां पुराने कपड़ों से गुड़िया बनाकर भाइयों को पीटने के लिए देती हैं।
दंगल में लगेंगे दांव, सजेंगे मेले
नागपंचमी गुड़िया के अवसर पर आसपास के गांवों में दंगल भी खेले जाएंगे। बीकेटी के शिवपुरी, इटौंजा के अमानीगंज और कुम्हरावां के पलिया गांव समेत माल-मलिहाबाद और मोहनलालगंज के कई इलाकों में दंगल खेले जाएंगे।