सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Lucknow News ›   Officers from district to PCF headquarters will be trapped in paddy purchase scam

धान खरीद घोटाला: एसआईटी जांच में होश उड़ाने वाला खुलासा; जिले से लेकर पीसीएफ मुख्यालय तक के अफसर नपेंगे

चंद्रभान यादव, अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Tue, 13 May 2025 09:33 AM IST
विज्ञापन
सार

उत्तर प्रदेश में धान खरीद घोटाले की एसआईटी जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां मिली हैं। इसमें जिले से लेकर पीसीएफ मुख्यालय तक के अफसर फंसेंगे। तत्कालीन एसडीएम, एडीएम और लेखपाल पर भी गाज गिर सकती है। अमित चौधरी से ज़ुड़े कई अफसरों का भी कार्रवाई की जद में आना लगभग तय है।

Officers from district to PCF headquarters will be trapped in paddy purchase scam
धान खरीद केंद्र। (सांकेतिक) - फोटो : संवाद
loader

विस्तार
Follow Us

प्रादेशिक कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड में धान खरीद घोटाले के तार जिलों से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक जुड़े हैं। एसआईटी जांच में इसके भी सुबूत मिले हैं। मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) को सौंपे जाने के बाद अमित चौधरी से जुड़े अफसर भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। इसी तरह तत्कालीन एसडीएम, एडीएम और लेखपाल पर भी गाज गिर सकती है, क्योंकि उस वक्त किसान सत्यापन का कार्य इन्हीं के जिम्मे था।

Trending Videos


वर्ष 2023-24 में धान खरीद घोटाले की जड़ें काफी गहरी हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बस्ती के जिला प्रबंधक रहते अमित चौधरी को पहले सिद्धार्थनगर का चार्ज दिया गया। फिर सिद्धार्थनगर में नियमित करके बस्ती का चार्ज थमा दिया गया। वह सिद्धार्थनगर ही नहीं बस्ती, संत कबीरनगर सहित अन्य जिलों में भी धान खरीद में चल रहे खेल को संचालित करता रहा। मामला सदन में उठने के बाद जांच शुरू हुई।

विज्ञापन
विज्ञापन

कई किसानों ने 63 बार धान बेचा

सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की जांच में जिला प्रबंधक के साथ ही अकाउंटेंट परमानंद उपाध्याय, छह क्रय केंद्र प्रभारी, धान ढुलाई में लगे ठेकेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जांच के दौरान पता चला कि 37 क्रय केंद्र पर धान खरीद में घालमेल किया गया। जांच में लगी पुलिस ने करीब 4200 किसानों के खातों की पड़ताल की है। इसमें पता चला कि कई किसानों ने 63 बार धान बेचा है। इनके खाते एक ही हैं, लेकिन ओटीपी के लिहाज से मोबाइल नंबर बदल-बदल कर प्रयोग किया गया है।

एसडीएम के पास थी सत्यापन की जिम्मेदारी

धान बिक्री के संबंध में किसान के ऑनलाइन आवेदन पर लेखपाल रिपोर्ट लगाता है। पांच हेक्टेयर से कम भूमि वालों का सत्यापन एसडीएम और इससे अधिक भूमि वाले किसानों का सत्यापन एडीएम करते हैं। ऐसे में ईओडब्ल्यू की जांच के दायरे में लेखपाल, एसडीएम और एडीएम भी आएंगे।

यह भी पढ़ेंः- UP News: उन्नाव में चार हजार करोड़ का निवेश करेगा यूएई का शाही परिवार, मछली पालन में यूपी बनेगा सबसे बड़ा गढ़

खरीद हुई नहीं, ढुलाई में लाखों खर्च

धान खरीद में पीसीएफ के अधिकारियों के साथ ही क्रय केंद्र प्रभारियों और ढुलाई में लगे ठेकेदारों की भी मिलीभगत रही। बिना धान खरीदे ही ढुलाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए है। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि ढुलाई में 10 ठेकेदार काम कर रहे थे। इसमें से दो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई और वे जेल में हैं। 

इसी तरह 37 क्रय केंद्रों में से छह केंद्र प्रभारियों को भी जेल भेजा जा चुका है। अब अन्य क्रय केंद्रों से जुड़े डाटा की भी पड़ताल की जा रही है। इन केंद्रों के दस्तावेज और यहां धान बेचने वाले किसानों का सत्यापन किया जा रहा है। पुलिस अकाउंटेंट की तलाश में लगी है। उसके लखनऊ स्थित आवास पर भी छापे मारे गए, लेकिन वह हाथ नहीं लगा।

दोषियों के खिलाफ शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी

मामले में सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि पीसीएफ के जिला प्रबंधक सहित अन्य लोगों को निलंबित कर जांच शुरू कराई गई। जिला प्रबंधक को बर्खास्त कर दिया गया है। अन्य दोषी विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी शीघ्र ही कार्रवाई की जाएगी।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed