ऑपरेशन सिंदूर: भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव से स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को झटका, चिंतित हुए कारोबारी
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव से स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा है। कश्मीर से लकड़ी की आवक थमने से बैट का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। कंपनियां एडवांस बुकिंग भी नहीं कर रही हैं। स्पोर्ट्स शोरूम में कई आइटम का अभाव है। इससे कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है।


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भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी से स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को तगड़ा झटका लगा है। कश्मीर विलो से बनने वाले बैट के लिए लकड़ी की आवक ठप होने से जालंधर एवं मेरठ में इसका उत्पादन प्रभावित हुआ है। कंपनियों ने आपूर्ति की अग्रिम बुकिंग बंद कर दी है। इससे लखनऊ में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी चिंतित हैं।
दरअसल, इस वक्त क्रिकेट किट की मांग बढ़ने से व्यापार बेहतर चल रहा है। इंदिरानगर और अमीनाबाद में स्पोर्ट्स शोरुम के संचालक सुनील मलहन ने बताया कि सबसे ज्यादा क्रिकेट के बैट जालंधर और मेरठ में बनते हैं। पर, भारत-पाकिस्तान में तनाव के चलते बैट बनाने के लिए कश्मीर से लकड़ी नहीं आ पा रही है। इससे बैट का उत्पादन घट गया।
सुनील कहते हैं कि स्कूल बंद होने से इस समय बच्चों का खेल की तरफ रुझान बढ़ा है। इससे बैट व अन्य खेल सामग्रियों की बिक्री बढ़ी है। आलमबाग के कारोबारी उपकार सिंह कहते हैं कि राजधानी में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के छोटे-बड़े एक हजार से ज्यादा कारोबारी हैं। बैट की अग्रिम बुकिंग बंद होने से चिंता बढ़ गई है।
कामगारों के पलायन ने फैक्टरियों और कारोबारियों की बढ़ाई चिंता
लुधियाना की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक जय अग्रवाल ने बताया कि दोनों देशों की तनातनी के कारण औद्योगिक इकाइयों के उत्पादन पर भी असर पड़ा है। जय के मुताबिक यहां की इकाइयों में यूपी एवं बिहार के बड़ी संख्या में कामगार काम करते हैं।
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युद्ध के हालात बने तो ये कामगार अपने-अपने परिवार लेकर घर लौट गए। इससे जिस इकाई में 50 कर्मचारी थे, वहां पर 20-25 ही बचे। इससे 50 फीसदी तक उत्पादन घट गया। इससे कई इंडस्ट्री पर व्यापक असर पड़ा है। यहां की फैक्टरियों से मांग के मुताबिक कारोबारियों को आपूर्ति नहीं मिल पा रही है।
साइकिल व होजरी के उत्पादों की आपूर्ति प्रभावित, फिलहाल राजधानी में असर नहीं
जय अग्रवाल बताते हैं कि लुधियाना साइकिल, सिलाई मशीन, ऑटोमोबाइल के स्पेयर पार्ट्स और होजरी के उत्पादन के लिए मशहूर है। इन उत्पादों से भरे ट्रक रोजाना लखनऊ और लुधियाना के बीच चलते थे। जय ने बताया कि उनकी कंपनी का ऑफिस लखनऊ में भी है।
ज्यादातर कारोबारी अपना माल उनके ही ट्रकों से मंगाते हैं, लेकिन आठ मई से अब तक लुधियाना से साइकिल व सिलाई मशीन के स्पेयर पार्ट्स और होजरी का एक भी ट्रक रवाना नहीं हुआ है। औसतन रोजाना 10 ट्रक माल रवाना होते थे। उधर, लखनऊ के साइकिल कारोबारियों ने बताया कि लुधियाना से स्पेयर पार्ट्स की आवक थमने से फिलहाल कोई असर नहीं है, लेकिन आवक एक हफ्ते और ठप रहेगी तो दिक्कत बढ़ेगी।