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UP News: पावर कॉरपोरेशन के वर्टिकल व्यवस्था विस्तारित करने का विरोध तेज, नियामक आयोग पहुंचा उपभोक्ता परिषद

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Tue, 21 Oct 2025 09:38 PM IST
सार

यूपी में पावर कॉरपोरेशन के वर्टिकल व्यवस्था विस्तारित करने का विरोध तेज हो गया है। इसको लेकर उपभोक्ता परिषद नियामक आयोग पहुंच गया है। विधिक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल करके नई व्यवस्था को वितरण संहिता का उल्लंघन बताया।

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Opposition to expansion of power corporation's vertical system intensifies in Uttar Pradesh
electricity - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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उत्तर प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन की ओर से निगमों में लागू की जा रही वर्टिकल व्यवस्था का विरोध तेज हो गया है। केस्को, अलीगढ़, मेरठ, बरेली के बाद राजधानी लखनऊ लेसा, नोएडा सहित अन्य क्षेत्रों में इसे लागू करने को लेकर नियामक आयोग में विधिक लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल कर दिया गया है। यह प्रस्ताव राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने दाखिल किया है। 

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नियामक आयोग में मंगलवार को दाखिल किए गए प्रस्ताव में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि केस्को, अलीगढ़, मेरठ, बरेली और अब लखनऊ लेसा, नोएडा सहित अन्य क्षेत्रों में बिजली वितरण कंपनियों द्वारा बिना उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की स्पष्ट अनुमति के 'वर्टिकल व्यवस्था' लागू कर दी गई है। 
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इस व्यवस्था के तहत उपभोक्ताओं को शिकायतों के समाधान के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली पर निर्भर किया गया है, लेकिन यह पूरी तरह से विफल सिद्ध हो रही है। पावर कॉरपोरेशन 1912 के माध्यम से उपभोक्ता की शिकायतों के समाधान की व्यवस्था बना रहा है। जबकि, अभी तक इसमें ओटीपी व्यवस्था लागू नहीं हुई है।

परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रस्ताव दाखिल करते हुए विद्युत वितरण संहिता के प्रावधानों के उल्लंघन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 1947 में बने राज्य विद्युत परिषद की संरचना में बदलाव किया जा रहा है। विद्युत नियामक आयोग को विश्वास में नहीं लिया गया। 

इन बिंदुओं पर मांगा जवाब 

  • 1912 कॉल सेंटर पूरी तरह निष्क्रिय हो गया है, शिकायतें दर्ज नहीं हो रही हैं। समाधान का कोई ट्रैक उपलब्ध नहीं। ऐसा क्यों? 
  • ओटीपी आधारित शिकायत प्रणाली की कोई स्पष्ट प्रक्रिया उपभोक्ताओं को नहीं बताई गई है। जबकि, आयोग ने निर्देश दिया था कि इस पर एक रिपोर्ट तैयार करके इसे लागू किया जाए। अभी तक इसे लागू न करने की क्या वजह है? 
  • उपभोक्ताओं को यह जानकारी नहीं दी जा रही कि किस अधिकारी से संपर्क करें, कहां जाएं या अपनी शिकायतें कैसे दर्ज कराएं? 
  • न कोई जन सूचना, न सार्वजनिक दिशा-निर्देश और न ही समय-सीमा निर्धारित की गई है। ऐसा क्यों? 

परिषद ने निम्न व्यवस्था की मांग की- 

  • 'वर्टिकल व्यवस्था' को तत्काल प्रभाव से रोका जाए, जब तक आयोग से विधिवत अनुमति न ली जाए।
  • उपभोक्ताओं को स्पष्ट व पारदर्शी सूचना दी जाए, जैसे कि संपर्क अधिकारी, शिकायत पद्धति और समाधान की समय-सीमा।
  • 1912 व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और OTP आधारित प्रणाली को उपयुक्त व सुगम बनाया जाए।
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