Delhi Blast: शाहीन ने फरीदाबाद से बनवाया था पैन कार्ड, दिल्ली से पासपोर्ट का रिन्यूएबल; हैरान करने वाले खुलासे
Delhi Blast Case: शाहीन ने फरीदाबाद से पैन कार्ड बनवाया था। दिल्ली से पासपोर्ट का रिन्यूएबल किया था। एजेंसियां विदेशी बैंक खाते पता लगी रही हैं। शाहीन ने चार साल तक सऊदी अरब में काम किया था। आगे पढ़ें पूरी जानकारी...
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आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल की खास सदस्य डॉ. शाहीन के पैन कार्ड और पासपोर्ट की जांच ने जांच एजेंसियों की मुश्किल बढ़ा दी हैं। पता चला है कि शाहीन ने फरीदाबाद से पैन कार्ड बनवाया है। वहीं, यह भी पता चला है कि उसने पासपोर्ट का रिन्यूएबल कराने के लिए करीब छह माह पहले दिल्ली कार्यालय में आवेदन किया था। इससे पहले उसने लखनऊ से पासपोर्ट का रिन्यूएबल कराया था।
सूत्रों के मुताबिक डॉ. शाहीन ने सऊदी अरब के एक अस्पताल में करीब चार साल काम करने के बाद भारत आने पर नया पैन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन किया था। इससे उसके पुराने पैन कार्ड की जानकारी नहीं मिलने से बैंक खातों और निवेश के बारे में पता नहीं चल पा रहा है। इससे जांच की कड़ियां जोड़ने में मुश्किल आ रही है। जांच एजेंसियां उसके सऊदी अरब में नौकरी करने के दौरान खोले गए बैंक खाते का पता भी लगा रही हैं। इससे आतंकी गतिविधियों के लिए विदेशी फंडिंग होने के सुराग हाथ लग सकें।
वहीं शाहीन के भाई डॉ. परवेज का पैन कार्ड लखनऊ से बना था। इसके बाद उसके बैंक खातों और आयकर विवरण को खंगाला जा रहा है। एटीएस की नजर इंट्रीग्रल यूनिवर्सिटी पर बनी हुई है, जहां डॉ. परवेज काम करता था। अधिकारी विवि में परवेज की गतिविधियों व उसके करीबियों के बारे में लगातार छानबीन कर रहे हैं।
जिलों में चंदा बटोरने वालों से पूछताछ
एटीएस ने प्रयागराज में चार संदिग्ध युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जम्मू-कश्मीर निवासी ये युवक चंदा बटोरने के लिए प्रयागराज व आसपास के जिलों में घूम रहे थे। सूचना मिलने पर एटीएस ने उन्हें दबोच लिया। जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस से सत्यापन कराने पर उनकी गतिविधियां संदिग्ध नहीं मिलीं। इसलिए इन्हें छोड़ दिया गया। इसके अलावा सहारनपुर, मुरादाबाद, अमरोहा समेत आधा दर्जन जिलों के 14 डॉक्टरों से भी एटीएस ने पूछताछ की है।
ये सभी फरीदाबाद मॉड्यूल के कश्मीरी और लखनऊ मूल के डॉक्टरों के संपर्क में थे लेकिन उनकी कोई गतिविधि संदिग्ध नहीं पाई गई है। इसलिए किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है। वहीं, एटीएस कश्मीरी मूल के छह डॉक्टरों की तलाश भी कर रही है, जो परवेज के संपर्क में थे। इसलिए जम्मू-कश्मीर पुलिस से मदद मांगी गई है। इनमें से दो डॉक्टर तीन साल पहले इस्लामाबाद भी गए थे।