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कोरोना वायरस: रामोत्सव पर नहीं निकलेगी शोभायात्रा, गंगा आरती में शामिल नहीं होंगे श्रद्धालु

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी/अयोध्या/विंध्याचल/वृंदावन/मथुरा Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Thu, 19 Mar 2020 03:01 AM IST
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The procession will not go on Ramotsav because of corona
कोरोना से बचने के लिए मथुरा में सुदर्शन कवच हवन... - फोटो : अमर उजाला
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कोरोना वायरस का असर विभिन्न धार्मिक गतिविधियों पर भी पड़ा है। प्रदेश में कहीं गंगा आरती में श्रद्धालुओं के शामिल होने पर रोक लगा दी गई है, तो कई मंदिरों में भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। हालांकि सेवा-पूजा नियमित रहेगी, लेकिन श्रद्धालु दर्शन नहीं कर पाएंगे। अयोध्या में रामोत्सव के दौरान शोभायात्रा भी इस बार नहीं निकाली जाएगी। प्रदेश में बाहर से लौटे तीर्थ यात्रियों की भी स्क्रीनिंग की जा रही है।

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वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर होने वाली मां गंगा की परंपरागत दैनिक आरती में श्रद्धालुओं के शामिल होने पर रोक लगा दी गई है। यह निर्णय डीएम कौशल राज शर्मा ने गंगा के घाटों पर होने वाली आरती को सीमित करने के निर्देश पर लिया है। गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा समिति ने 15 अप्रैल तक शाम की गंगा आरती को सात की जगह एक अर्चक से करवाने का फैसला किया है। समिति अध्यक्ष सुशांत मिश्र और सचिव दिनेश शंकर दुबे ने बताया कि  इस दौरान मां
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गंगा से कोरोना वायरस से बचाव की प्रार्थना की जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि गंगा आरती पर रोक नहीं है, केवल श्रद्धालुओं के शामिल होने पर रोक लगाई गई है।

अब यूपी के 50 हजार घरों व देश के तीन लाख गांवों में मनेगा रामोत्सव
विहिप ने अयोध्या में होने वाले रामोत्सव के स्वरूप में परिवर्तन कर दिया है। अब रामोत्सव में न तो किसी प्रकार की शोभायात्रा निकाली जाएगी और न ही भीड़ जुटेगी। यूपी के 50 हजार घरों व देश के तीन लाखा गांवों में अब मर्यादित ढंग से रामोत्सव मनेगा।  विहिप के प्रदेश संगठन मंत्री अंबरीश सिंह ने केंद्रीय टोली के निर्देश पर देश भर के जिलों को परिवर्तित कार्यक्रम का संदेश भी भेज दिया है। 

रामोत्सव पूरे देश में 25 मार्च चैत्र प्रतिपदा से 8 अप्रैल हनुमान जयंती तक मनाया जाएगा। विहिप ने रामोत्सव में किसी भी प्रकार की शोभायात्रा, जुलूस न निकालने का निर्णय लिया है। मर्यादित संख्या में गोष्ठियां कर उसमें राममंदिर निर्माण का विषय उठाया जाएगा। सामूहिक आरती के कार्यक्रम संपन्न होंगे। घरों मेें भगवा ध्वज लगाकर देश भर में धार्मिक अनुष्ठानो के माध्यम से रामोत्सव के कार्यक्रम को राममय बनाने की योजना है। 

विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के अनुसार कोरोना वायरस के चलते विहिप के रामोत्सव कार्यक्रम का स्वरूप बदला है कार्यक्रम स्थगित नहीं किया गया है। जगह-जगह अनुष्ठानों के क्रम में हनुमान चालीसा, नवाह्न पारायण, मानस पाठ आदि के कार्यक्रम किए जाएंगे। रामोत्सव के आयोजन में जगह-जगह गोष्ठियां कर राममंदिर आंदोलन की चर्चा की जाएगी। हालांकि कोरोना के चलते इन गोष्ठियों का स्वरूप छोटा होगा। गोष्ठियों में कारसेवकों का सम्मान होगा। 

अनिश्चितकाल के लिए बंद हुआ मां विंध्यवासिनी मंदिर का गर्भ गृह

मिर्जापुर में विंध्याचल स्थित देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल मां विंध्यवासिनी दरबार का गर्भगृह बुधवार की शाम चार बजे से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया। विंध्याचल स्थित प्रशासनिक भवन में बुधवार को श्री विंध्य पंडा समाज के पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। केवल पुजारी ही गर्भगृह में रहेंगे। डीएम सुशील कुमार पटेल ने बताया कि विग्रह का चरण स्पर्श, श्रद्धालुओं को अंदर बैठाकर पूजन, रक्षासूत्र बांधने, प्रसाद चढ़ाने का काम नहीं कराया जा सकेगा। रक्षासूत्र बांधने और भक्तों को आशीर्वाद देने का कार्य तीर्थ पुरोहित मंदिर प्रांगण के बाहर मौजूद दुकानों पर करेंगे।

वृंदावन में इस्कॉन बंद, 60 ब्रह्मचारी 31 मार्च तक रहेंगे मंदिर के अंदर
वृंदावन में इस्कॉन मंदिर बुधवार से 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस दौरान मंदिर में निवास करने वाले करीब 60 ब्रह्मचारी मंदिर के अंदर ही रहेंगे। मंदिर में न तो कोई बाहर से प्रवेश कर सकेगा और न ही अंदर का कोई भी व्यक्ति बाहर आ पाएगा। मंदिर के अंदर जो भी लोग मौजूद हैं उनको कोरोना के खतरे से बचाने के लिए मंदिर में ही कोरोटाइन जोन विकसित किया है। इस दौरान ठाकुर जी और प्रभुपाद जी की सेवा यथावत चलती रहेगी। इस्कॉन के अध्यक्ष पंचगौड़ा दास ने मंदिर को बंद कराया और अन्य पदाधिकारियों को निर्देश दिए। यह पहला मौका है कि मंदिर पर बाहर के श्रद्धालुओं के लिए ताले लटकाए गए हैं।

नहीं निकली रंगनाथ जी की परंपरागत रथयात्रा
कोरोना के चलते वृंदावन में रंगजी मंदिर की परंपरागत रथयात्रा भी नहीं निकल सकी। मंदिर से भगवान को रथ में बैठाया गया लेकिन रथ को खींचा नहीं गया। इसके बाद पुन: भगवान मंदिर में ही चले गए। ब्रह्मोत्सव के सातवें दिन भगवान श्री गोदा रंगमन्नार ने 60 फीट ऊंचे रथ पर सवार होकर दर्शन दिए लेकिन रथ को खींचा नहीं गया। यह निर्णय प्रशासन का सहयोग करने के लिए रंगनाथ मंदिर ट्रस्ट ने लिया। मंदिर ट्रस्ट द्वारा बड़ी आतिशबाजी भी स्थगित कर दी गई है।

द्वारिकाधीश महाराज व केशव देव मंदिर में दर्शनों का समय घटाया
मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर में दर्शनों के समय को कम कर दिया गया है। बुधवार सुबह मंगला से लेकर शयन के दर्शन में कटौती की गई है। द्वारिकाधीश मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी के अनुसार दर्शन खुल तो समय से रहे हैं, लेकिन बंद पहले हो रहे हैं। प्रत्येक दर्शन केवल 15 मिनट के ही हो रहे हैं। इधर, प्राचीन केशव देव मंदिर में सुबह 10 से 11 बजे तक होने वाली कथा के साथ शाम 5 से 6 बजे तक होने वाले सामूहिक कीर्तन को बंद कर दिया गया है। मीडिया प्रभारी नारायण प्रसाद शर्मा के अनुसार दर्शन में 15 मिनट कटौती कर दी गई है जिससे दर्शनार्थियों का दबाव कम रहे।

श्रद्धालुओं के बीच नहीं आएंगे मंदिर के पुजारी
मथुरा के मंदिरों के पुजारियों और सेवायतों को श्रद्धालुओं से दूर रहने की सलाह दी गई है। द्वारिकाधीश मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी और अधिकारी वैध अशोक कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से बताया कि मंदिर के गोस्वामी बृजेश कुमार महाराज के निर्देशानुसार कांकरौली युवराज डॉ. वागीश कुमार महाराज के निर्देशन में मंदिर प्रबंध तंत्र ने जनहित में निर्णय लिया है कि मंदिर के पुजारीगण एवं सेवागण अग्रिम निर्देशों तक मंदिर परिसर से बाहर अति आवश्यक कार्य से ही जाएंगे और भक्तों से कम से कम एक मीटर की दूरी बना कर रखेंगे। वहीं, भक्तों से सीधे माला या अन्य कोई सामग्री स्वीकार नहीं की जाएगी। इसके लिए एक टोकरी का प्रयोग करेंगे और भक्तों से पुष्प, द्रव्य व सामग्री टोकरी में ही अर्पित करवाई जाएगी।

मंदिरों को किया जा रहा सैनिटाइज्ड
कोरोना वायरस को देखते हुए मथुरा में मंदिरों को सैनिटाइज्ड किया जा रहा है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सहित द्वारिकाधीश मंदिर, प्राचीन केशवदेव व बिड़ला मंदिर को सैनिटाइज्ड किया गया।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में श्रद्धालु घटे, सुदर्शन कवच पाठ व हवन हुआ
कोरोना वायरस की मुक्ति और समग्र समाज को संकट मुक्त रखने के उद्देश्य से श्रीकृष्ण जन्मस्थान में बुधवार को सुदर्शन कवच का पाठ और इसके बाद हवन का आयोजन हुआ। इसमें रोगमुक्ति और विश्व शांति के लिए आहुतियां दी गईं। जन्मस्थान में श्रद्धालुओं की संख्या काफी घट गई है। श्रीधाम राधाकुंड के मंदिर और गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में भी श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी दिखाई दे रही है। 

नेपाल से लौटे तीर्थयात्रियों को 14 दिन घर में रहने की हिदायत
उधर, फर्रुखाबाद के कमालगंज में ग्राम पंचायत बहोरनपुर टप्पा हवेली के मजरा कल्लू नगला में नेपाल से दो बसों से लौटे 82 तीर्थयात्रियों से बुधवार को एसडीएम, सीएमओ व एसीएमओ ने पूछताछ की। दो तीर्थयात्रियों ने दस्त उल्टी व बुखार की परेशानी बताई। अधिकारियों ने कोरोना वायरस से बचाव के प्रति जागरूक करते हुए सभी को 14 दिन घर में रहने की हिदायत दी

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