यूपी: अखिलेश का योगी के बयान पर पलटवार, बोले-जब खुद फंस जाओ, तो दूसरों पर इल्जाम लगाओ
कफ सिरप मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने शायराना अंदाज में सरकार पर आरोप लगाए और एसटीएफ जांच पर सवाल उठाते हुए अवैध कोडीन कफ सिरप कारोबार में मिलीभगत का दावा किया।
विस्तार
कफ सिरप मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी पलटवार किया है। उन्होंने एक्स पर शायराना अंदाज में कहा... जब खुद फंस जाओ, तो दूसरे पर इल्जाम लगाओ, ये खेल हुआ पुराना, हुक्मरान कोई नई बात बताओ। सपा अध्यक्ष आगे दोनों डिप्टी सीएम और सीएम का फोटो लगाते हुए कहते हैं ...फुल दो हॉफ हैं, यूं तो आपस में खिलाफ हैं। कोडीन के मारे ये सारे, आज डर के मारे साथ हैं। अखिलेश ने कहा कि नशाखोरी की जांच के लिए सिरप टॉस्क फोर्स मतलब एसटीएफ के साथ-साथ जीटीएफ भी बना दीजिए।
बाकी जनता समझदार है। भाजपाइयों के चेहरों पर हवाइयां क्यों उड़ी हुई हैं। कोडीन कफ सिरप की सच्चाई वे जानते हैं, तभी खुद नहीं पी, इसीलिए बीच में किसी को खांसी भी आ गई। अखिलेश यादव ने कहा कि अवैध और जहरीली कफ सिरप मामले की जांच कर रही एसटीएफ भी अवैध कारोबारियों से मिली हुई है। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कफ सिरप के पोस्टर के साथ सपा विधायकों का विरोध
विधानमंडल सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग ऑक्सीजन सिलेंडर और कोडीन कफ सिरप को पोस्टर लेकर विधानसभा पहुंचे। सपा के अन्य विधायक भी कफ सिरप का पोस्टर पहनकर आए। जाहिद बेग ने आरोप लगाया कि प्रदूषण की गंभीर स्थिति के चलते एक अंतरराष्ट्रीय मैच तक रद्द करना पड़ा, जो सरकार की विफलता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
दो करोड़ नाम जोड़ने का चुनाव आयोग पर दबाव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक्स के माध्यम से कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग पर अगले दो महीनों में 2 करोड़ मतदाताओं का नाम फॉर्म 6 के माध्यम से जोड़ने के लिए दबाव बनाने की जो बात चर्चा में है, भाजपा सरकार उसका स्पष्टीकरण दे। जब एसआईआर चल रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के 3 करोड़ मतदाताओं के नाम काटने की बात स्वयं मुख्यमंत्री कर रहे हैं, तो फिर चुनाव आयोग बताए कि फॉर्म 6 के माध्यम से 2 करोड़ नए मतदाता कहां से लाए जा रहे हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बीएलओ पर फिर से दबाव बनाया जा रहा है। जब एसआईआर चल रहा है तो फॉर्म 6 के लिए दबाव क्यों बनाया जा रहा है। ये बेहद गंभीर मामला है, इस सिलसिले में जो फोन करवाए जा रहे हैं, उनकी रिकॉर्डिंग जिनके पास है, उनसे आग्रह है कि देशहित में वो इसको जारी करें। न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और तत्काल कॉल रिकॉर्ड प्राप्त करके दंडात्मक कार्रवाई करे।
