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Bhopal Crime: सायबर ठगों को बैंक खाते किराए पर देने वालों को बंधक बनाकर पीटा, जानिए किसने और क्यों की मारपीट?
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Thu, 11 Dec 2025 06:59 PM IST
सार
भोपाल में साइबर जालसाजों को किराए पर बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले गिरोह में विवाद के बाद दो खाताधारकों को बंधक बनाकर पीटा गया। पीड़ितों ने विदिशा से उठाकर भोपाल लाए जाने की बात कही। मिसरोद पुलिस ने शिकायत न होने पर जानकारी साइबर सेल को सौंप दी।
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भोपाल में सायबर ठगों के साथियों में हुआ विवाद
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजधानी भोपाल में एक अजीब मामला सामने आया है। सायबर जालसाजों के लिए किराए पर बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले और खातेधारकों के बीच विवाद हो गया। खातेदार को बंधक बनाकर पीटा गया। हालांकि पुलिस प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।
जानकारी के मुताबिक करीब आधा दर्जन युवक मिलकर भोले-भाले लोगों से किराए पर बैंक खाते लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साइबर फ्रॉड गिरोह चलाने वालों को उपलब्ध कराते थे। बैंक खातेदारों और साइबर जालसाजों के बीच दलाली का कार्य करने वाले बदमाश झांसी, ललितपुर और राजस्थान के रहने वाले बताए जा रहे हैं। जिन लोगों को बंधक बनाकर पीटा है, वह बैंक खातेदार है और विदिशा जिले के रहने वाले हैं। घटना भोपाल में हुई है। स्थानीय लोगों ने हंगामा और मारपीट देखने के बाद मिसरोद थाना पुलिस को सूचना दे दी। हालांकि किसी भी पक्ष ने प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया है। हालांकि थाना पुलिस ने पीड़ित लोगों से जितनी जानकारी उगलवा सकी है, उतनी जानकारी स्टेट साइबर क्राइम को सौंप दी है।
विदिशा में पीटा, फिर भोपाल लाकर पीटा
जानकारी के अनुसार गुरुवार को सुबह ग्यारह बजे के करीब मिसरोद थाना क्षेत्र के शिवा विह्स्परिंग वुड्स सोसायटी में साइबर क्राइम से जुड़े आरोपी ने दो लोगों को बंधक बनाकर पिटाई की है। दोनों पीड़ित भी आरोपियों से जुड़े हुए थे। गुरुवार सुबह एक व्यक्ति अर्धनग्न हालत में कॉलोनी के बाहर खड़ा होकर चिल्ला रहा था। पीड़ित कह रहा था कि पहले मुझे विदिशा में पीटा, फिर ऑडी कार से लेकर भोपाल आया और कमरे में बंधक बनाकर पीटा है। दिन में इतना सुनते ही कॉलोनी के लोग एकत्रित हो गए और पीटने वाले के संबंध में जानकारी जुटाने लगे। आरोपी भी साइबर फ्रॉड गिरोह से जुड़ा था, लिहाजा पुलिस केस में फंसने की डर से भागने लगा तो लोगों ने कॉलोनी का गेट बंद कर दिया। इसके बाद आरोपी ने कार मारते हुए कॉलोनी का गेट तोड़ दिया और फरार हो गया है।
ये भी पढ़ें- हमीदिया अस्पताल परिसर में कचरे में मिले दो नवजातों के अधजले शव, मचा हड़कंप
एक अधिवक्ता के जरिए जालसाज ने किराए पर लिया था फ्लैट
पीड़ित ने थाना पुलिस और कॉलोनी वालों को बताया कि साहिल नाम का व्यक्ति यहां किराए से रहता है। साहिल शिवा विह्स्परिंग वुड्स सोसायटी के ब्लॉक नंबर-6 में स्थित एक फ्लैट में रहता था। यह फ्लैट रीना पाटिल के नाम पर है। घटना के बाद रीना पाटिल के पति भी मौके पर पहुंचे और बताया कि एक अधिवक्ता को किराये पर दिया था। अधिवक्ता ने मकान खाली किया और कुछ युवकों को किराये पर दिला दिया था, जिसे मैं नहीं जानता।
पांच-पांच हजार प्रति माह के किराए पर लिए थे बैंक खाते
पीड़ित लखन मेघवाल और उसके साथी ने बताया कि वे लोग विदिशा और मंदसौर के रहने वाले हैं। साहिल झांसी का रहने वाला है। साहिल का एक दोस्त आकाश भी झांसी-ललितपुर के पास का रहने वाला है। इस गिरोह का एक अन्य दलाल हरिओम वर्तमान में विदिशा में रहता है। हरिओम के जरिए कि पीड़ित लोगों ने पांच-पांच हजार रुपए प्रतिमाह पर अपने बैंक खाते साइबर फ्रॉड के पैसों के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए दिए थे।
ये भी पढ़ें- भोपाल प्रिंटिंग प्रेस से चोरी हुआ था वन रक्षक का पेपर-बाइंडिंग का काम करने वाले ने ही चुराया
यह है असली कहानी
पीड़ित लोग पांच-पांच हजार रुपए में साहिल के गिरोह को बैंक खाते किराए पर देते थे। विदिशा में यह काम हरिओम करता है तो भोपाल में आकाश व अन्य लोग बैंक खाता धारकों की तलाश के लिए एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। यह सभी बैंक खातों की पासबुक, एटीएम कार्ड अपने पास रखने के बाद साइबर जालसाजों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। जालसाज प्रति माह पीड़ितों को पैसे देते थे। एक लाख रुपए अभी पिटाई का शिकार हुए लोगों के बैंक खातों में जमा है। उसी राशि को निकालने के चक्कर में साहिल का युवकों से विवाद हुआ। इसके बाद साहिल और उसके दोस्त विदिशा से युवकों को उठाकर पीटा और भोपाल लाकर फिर से पीटा। हालांकि युवकों ने थाना पुलिस से स्पष्ट कर दिया कि हम लोगों का आपसी मामला है, इसलिए प्रकरण दर्ज नहीं कराना है।
मिसरोद थाना प्रभारी रतन सिंह परिहार ने कहा कि मामला साइबर जालसाजों द्वारा बैंक खातों को उपयोग किए जाने का ही लग रहा है। लेकिन पीड़ित ने प्रकरण दर्ज कराने से मना कर दिया है। जितनी जानकारी मिली है, वह साइबर सेल को भेज दी गई है। आगे इस मामले को साइबर जांच में लेकर कार्रवाई करेगी।
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जानकारी के मुताबिक करीब आधा दर्जन युवक मिलकर भोले-भाले लोगों से किराए पर बैंक खाते लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर साइबर फ्रॉड गिरोह चलाने वालों को उपलब्ध कराते थे। बैंक खातेदारों और साइबर जालसाजों के बीच दलाली का कार्य करने वाले बदमाश झांसी, ललितपुर और राजस्थान के रहने वाले बताए जा रहे हैं। जिन लोगों को बंधक बनाकर पीटा है, वह बैंक खातेदार है और विदिशा जिले के रहने वाले हैं। घटना भोपाल में हुई है। स्थानीय लोगों ने हंगामा और मारपीट देखने के बाद मिसरोद थाना पुलिस को सूचना दे दी। हालांकि किसी भी पक्ष ने प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया है। हालांकि थाना पुलिस ने पीड़ित लोगों से जितनी जानकारी उगलवा सकी है, उतनी जानकारी स्टेट साइबर क्राइम को सौंप दी है।
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विदिशा में पीटा, फिर भोपाल लाकर पीटा
जानकारी के अनुसार गुरुवार को सुबह ग्यारह बजे के करीब मिसरोद थाना क्षेत्र के शिवा विह्स्परिंग वुड्स सोसायटी में साइबर क्राइम से जुड़े आरोपी ने दो लोगों को बंधक बनाकर पिटाई की है। दोनों पीड़ित भी आरोपियों से जुड़े हुए थे। गुरुवार सुबह एक व्यक्ति अर्धनग्न हालत में कॉलोनी के बाहर खड़ा होकर चिल्ला रहा था। पीड़ित कह रहा था कि पहले मुझे विदिशा में पीटा, फिर ऑडी कार से लेकर भोपाल आया और कमरे में बंधक बनाकर पीटा है। दिन में इतना सुनते ही कॉलोनी के लोग एकत्रित हो गए और पीटने वाले के संबंध में जानकारी जुटाने लगे। आरोपी भी साइबर फ्रॉड गिरोह से जुड़ा था, लिहाजा पुलिस केस में फंसने की डर से भागने लगा तो लोगों ने कॉलोनी का गेट बंद कर दिया। इसके बाद आरोपी ने कार मारते हुए कॉलोनी का गेट तोड़ दिया और फरार हो गया है।
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एक अधिवक्ता के जरिए जालसाज ने किराए पर लिया था फ्लैट
पीड़ित ने थाना पुलिस और कॉलोनी वालों को बताया कि साहिल नाम का व्यक्ति यहां किराए से रहता है। साहिल शिवा विह्स्परिंग वुड्स सोसायटी के ब्लॉक नंबर-6 में स्थित एक फ्लैट में रहता था। यह फ्लैट रीना पाटिल के नाम पर है। घटना के बाद रीना पाटिल के पति भी मौके पर पहुंचे और बताया कि एक अधिवक्ता को किराये पर दिया था। अधिवक्ता ने मकान खाली किया और कुछ युवकों को किराये पर दिला दिया था, जिसे मैं नहीं जानता।
पांच-पांच हजार प्रति माह के किराए पर लिए थे बैंक खाते
पीड़ित लखन मेघवाल और उसके साथी ने बताया कि वे लोग विदिशा और मंदसौर के रहने वाले हैं। साहिल झांसी का रहने वाला है। साहिल का एक दोस्त आकाश भी झांसी-ललितपुर के पास का रहने वाला है। इस गिरोह का एक अन्य दलाल हरिओम वर्तमान में विदिशा में रहता है। हरिओम के जरिए कि पीड़ित लोगों ने पांच-पांच हजार रुपए प्रतिमाह पर अपने बैंक खाते साइबर फ्रॉड के पैसों के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए दिए थे।
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यह है असली कहानी
पीड़ित लोग पांच-पांच हजार रुपए में साहिल के गिरोह को बैंक खाते किराए पर देते थे। विदिशा में यह काम हरिओम करता है तो भोपाल में आकाश व अन्य लोग बैंक खाता धारकों की तलाश के लिए एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। यह सभी बैंक खातों की पासबुक, एटीएम कार्ड अपने पास रखने के बाद साइबर जालसाजों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। जालसाज प्रति माह पीड़ितों को पैसे देते थे। एक लाख रुपए अभी पिटाई का शिकार हुए लोगों के बैंक खातों में जमा है। उसी राशि को निकालने के चक्कर में साहिल का युवकों से विवाद हुआ। इसके बाद साहिल और उसके दोस्त विदिशा से युवकों को उठाकर पीटा और भोपाल लाकर फिर से पीटा। हालांकि युवकों ने थाना पुलिस से स्पष्ट कर दिया कि हम लोगों का आपसी मामला है, इसलिए प्रकरण दर्ज नहीं कराना है।
मिसरोद थाना प्रभारी रतन सिंह परिहार ने कहा कि मामला साइबर जालसाजों द्वारा बैंक खातों को उपयोग किए जाने का ही लग रहा है। लेकिन पीड़ित ने प्रकरण दर्ज कराने से मना कर दिया है। जितनी जानकारी मिली है, वह साइबर सेल को भेज दी गई है। आगे इस मामले को साइबर जांच में लेकर कार्रवाई करेगी।

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