मंत्री के परिवार का नशा कनेक्शन, सियासी गलियारों में चर्चाएं जोरों पर
सतना पुलिस ने राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के भाई और बहनोई को गांजा तस्करी में गिरफ्तार किया, जिसके बाद प्रदेश की राजनीति में हंगामा मच गया है। मामला केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच गया है। कांग्रेस ने बागरी के खिलाफ प्रदर्शन किया। बढ़ते विवाद के बीच उनके इस्तीफे की चर्चाएं तेज हैं।
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प्रदेश में इन दिनों राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी और उनके परिवार की बड़ी चर्चा है। मामला ही कुछ ऐसा है कि पूरे प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। दरअसल, मंत्री के भाई और बहनोई को सतना जिले की पुलिस ने गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया है। प्रदेश की सियासत में अब यह मामला जोर पकड़ता जा रहा है और बात पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच गई है। इधर, सरकार दो साल का जश्न मना रही है। ऐसे में बागरी के परिवार का यह नशा कनेक्शन मामला सरकार की बदनामी का कारण भी बनता जा रहा है। कांग्रेस ने भी इस मामले में बागरी पर हमला बोला है और उनके भोपाल स्थित सरकारी आवास पर प्रदर्शन भी किया है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि क्या बवाल को देखते हुए सरकार प्रतिमा बागरी से इस्तीफा लेगी?
राजधानी में हाई प्रोफाइल शादी
राजधानी भोपाल में पूर्व आईआरएस अधिकारी और किसी समय छत्तीसगढ़ के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह रहे अमन सिंह की बेटी खुशबू की हाई प्रोफाइल शादी की चर्चा राजनीतिक, प्रशासनिक और औद्योगिक गलियारों में छाई रही। इस हाई प्रोफाइल शादी में राजनीतिक, प्रशासनिक और उद्योग जगत की बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल हुईं। 7 दिसंबर को होटल ताज में हुए रिसेप्शन में देश के सबसे चर्चित उद्योगपति गौतम अदाणी परिवार सहित शामिल हुए। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सौदान सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, डॉ. रमन सिंह, दिग्विजय सिंह, राजीव शुक्ला, बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन, राजीव प्रताप रूडी, विवेक तंखा, रविंद्र श्रीवास्तव, महेश जेठमलानी सहित छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कई मंत्री और ब्यूरोक्रेट से शामिल हुए। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन 25 नवंबर को संपन्न विवाह में शामिल हुए थे। अमन सिंह की बेटी खुशबू का विवाह मध्य प्रदेश कैडर के 2020 बैच के आईएएस अधिकारी प्रखर सिंह के साथ हुआ। प्रखर वर्तमान में अलीराजपुर में जिला पंचायत के सीईओ हैं।
क्यों कम हुए सिंधिया के ग्वालियर-मुरैना के सरकारी दौरे?
केंद्रीय मंत्री और गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले दिनों में लगातार ग्वालियर और मुरैना के दौरे करते रहे हैं। इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने ग्वालियर के विकास को लेकर सरकारी बैठक भी कर डाली, लेकिन पिछले एक-दो महीने से उनके दौरे नहीं हो रहे हैं। वे अपने संसदीय क्षेत्र गुना का दौरा तो लगातार कर रहे हैं, लेकिन ग्वालियर-मुरैना में उनके दौरे सीमित दिखाई दे रहे हैं। ग्वालियर-मुरैना क्षेत्र में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया की आपसी टसल की चर्चा राजनीतिक गलियारों में कई बार सुनी गई है। इस मामले में क्या इसी टसल का ही कोई असर तो नहीं है?
सफल होगा खंडेलवाल का यह पॉलीटिकल प्रयोग?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के निर्देश पर भाजपा के भोपाल मुख्यालय स्थित कार्यालय में प्रतिदिन दो मंत्रियों की आमद की शुरुआत हो गई है। मंत्रियों से कहा गया है कि वे कार्यालय में बैठकर यहां आने वाले कार्यकर्ताओं की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण करें। इसकी शुरुआत तो हो गई है, लेकिन यह प्रयोग कब तक चल पाएगा, यह समय बताएगा। इस तरह का प्रयोग मुख्यमंत्री रहते हुए उमा भारती ने भी किया था, जो लंबे समय तक नहीं चल पाया था। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या हेमंत खंडेलवाल का यह प्रयोग सफल होगा?
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