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भोपाल लव जिहाद: महिला आयोग ने पूछा- जब एसआईटी से जांच तो अलग-अलग FIR क्यों? टीम ने क्या बात कही; जानें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Sun, 04 May 2025 09:41 PM IST
सार
Bhopal Love Jihad: राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम को लीड कर रही निर्मल कौर झारखंड की पूर्व डीजीपी हैं। ऐसे में उन्हें पुलिसिंग का बहुत लंबा अनुभव है। उन्होंने एसआईटी से अब तक सभी पांच प्रकरण को लेकर पूछताछ की और सभी की अलग-अलग अपडेट प्राप्त की।
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अपराध (सांकेतिक तस्वीर)।
- फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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विस्तार
राजधानी भोपाल में लव जिहाद के मामलों को लेकर केंद्र सरकार भी अलर्ट है। केंद्र सरकार के खुफिया विभाग अपने स्तर पर तो जानकारी जुटा ही रहे हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक टीम बनाकर जांच के लिए भेजा है। महिला आयोग की टीम का नेतृत्व झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर कर रही हैं, जबकि टीम में जबलपुर उच्च न्यायालय की अधिवक्ता निर्मला नायक और राष्ट्रीय महिला आयोग के अवर सचिव आशुतो पाण्डेय शनिवार को भोपाल पहुंच चुके हैं।
शनिवार को तीनों अधिकरियों ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से अब तक दर्ज मामलों को लेकर अपडेट ली है। रविवार को होटल रेडिसन में टीम ने लव जिहाद को लेकर जांच कर रही एसआईटी को तलब कर पूछताछ की। एसआईटी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से आयोग की टीम ने पूछा कि जब आरोपी एक हैं, संगठित होकर गिरोह बनाकर ब्लैकमेल और दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया गया तो एक साथ मामले दर्ज कर अलग-अलग थानों को जांच के लिए क्यों सौंपा गया। मामले का खुलासा होने के बाद एसआईटी बनाई गई, लेकिन अभी तक संगठित अपराध की धारा क्यों नहीं लगाई गई। पुलिस अधिकारियों ने तर्क दिया कि पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि यह इतना बड़ा गिरोह है, इसलिए अलग-अलग प्ररकण दर्ज किए गए। एसआईटी की जांच में ही संगठित अपराध की बात सामने आई, ऐसे में चालान को संगठित अपराध की धाराओं के साथ अदालत में पेश किया जाएगा।
टीम के पहुंचते ही थाना पुलिस में हड़कंप
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम अचानक से बागसेवनिया थाने पहुंच गई। दरअसल बागसेवनिया थाने में ही पहली, दूसरी, तीसरी एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद ही जांच के लिए उन्हें जहांगीरबाद और अशोका गार्डन थाने भेजा गया है। आयोग की टीम ने थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों से यह जानना चाहा कि जब आप के पास पीड़ित इस तरह के संगठित गिरोह की शिकायत लेकर पहुंची तो अधिकारियों को किस तरह से ब्रीफ किया, पीड़िता को कैसा रिस्पांस दिया। सभी मामलों को एक साथ जांच के लिए क्यों नहीं रखा। शिकायत के बाद मुख्य आरोपी फरहान को शांति भंग करने की धारा में प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा, लेकिन दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का प्रकरण दर्ज करने में देरी क्यों की। टीम के सवालों का सुनकर थाने में हड़कंप मच गया। हालांकि टीम के साथ भोपाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, जांच के लिए गठित एसआईटी के अधिकारी मौजूद थे।
पढ़ें: भोपाल में लव जिहाद को लेकर आक्रोश, ध्रुवनारायण सिंह ने की नाइट क्लबों पर सख्त कार्रवाई की मांग
अब तक लिया अपडेट, जानें पूछताछ के बिंदु
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम को लीड कर रही निर्मल कौर झारखंड की पूर्व डीजीपी हैं। ऐसे में उन्हें पुलिसिंग का बहुत लंबा अनुभव है। उन्होंने एसआईटी से अब तक सभी पांच प्रकरण को लेकर पूछताछ की और सभी की अलग-अलग अपडेट प्राप्त की। उन्होंने समझा कि किस तरह से यह पूरा गिरोह ऑपरेट हो रहा था। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से अब तक की गई पूछताछ के बाद आगे किन बिंदुओं पर पूछताछ कर गिरोह के पूरे खुलासा होने तक का प्लान भी जाना। अधिकारियों की जांच और आरोपियों से पूछताछ से आयोग की टीम संतुष्ट जरूर नजर आई। लेकिन भोपाल की महिला और बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों को लेकर शुरूआत में बरती गई असंवेदनशीलता को लेकर नाराजगी भी जाहिर की है। जाहिर सी बात है कि पहली लड़की को प्रकरण दर्ज कराने के लिए कई दिन तक मशक्कत करनी पड़ी है। टीम ने समझाश भी दी है कि अगर जांच में कोताही बरती गई, प्ररकणों को अलग-अलग देखा गया तो आरोपी बच जाएंगे।
आज पीड़िताओं से भी मिल सकती है टीम
पुलिस सूत्रों के अनुसार महिला आयोग की टीम ने पीड़िताओं के संबंध में जानकारी ली है। कुछ पीड़िताओं के परिजनों से फोन पर संपर्क किया है। संभावना जताई जा रही है कि महिला आयोग की टीम सोमवार को पीड़िताओं से गुप्त स्थान पर मुलाकात कर सकती है, ताकि पता लग सके कि भोपाल की पुलिस ने इस मामले में शुरूआत में कितनी कोताही बरती है। इसके साथ ही कुछ और बिंदु भी जांच के लिए निकल सकते हैं या नहीं। पीड़िताओं से उनकी आपबीती भी टीम की महिला सदस्य जानना चाहती हैं, ताकि आयोग राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के अपराधों के रोकथाम और हो जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर कुछ बिंदु तय कर सके और केंद्र सरकार को अपनी सिफारिश भेज सके।
फरहान की कॉल डिटेल में दर्जनों युवतियां, जिनसे लंबी बात होती थी
भोपाल के कोकता क्षेत्र में स्थित निजी कॉलेज की हिंदु छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर दुष्कर्म, ब्लैकमेल और लव जिहाद मामले में नित नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस को फरहान के मोबाइल की कॉल डिटेल मिल गई है। फरहान वर्तमान में दो मोबाइल नंबर ऑपरेट कर रहा है। उसके दोनों मोबाइल नंबर की डिटेल पुलिस को मिली है, जिसमें कई युवतियों के नंबर हैं। कई ऐसे नंबर मिले हैं, जिनमें लंबी बातचीत हुई है, जो उसी कॉलेज में पढ़ती हैं, पढ़ चुकी हैं। कॉलेज के बाहर की भी कुछ लड़किया हैं, जिनके नंबर फरहान के पास मिले है।
इसके साथ ही फरहान की कुछ ऐसे रईशजादों, शहर के बदमाशों और भोपाल के आसपास रहने वाले उसके वर्ग के युवकों के नंबर भी मिले हैं, जिन पर उसकी लंबी बातचीत होती थी। पुलिस अब उन युवतियों और युवकों से भी संपर्क करेगी। पुलिस यह पता लगाना चाह रही है कि कहीं फरहान का गिरोह कुछ युवतियों को देह व्यापार के रूप में दूसरे युवकों के पास तो नहीं भेजता। क्योंकि इस गिरोह का दूसरा शातिर आरोपी साहिल डांस क्लास की युवतियो को फार्म हाउस और अन्य पार्टियों में पैसे लेकर डांस करने भेजता था। वहां पर युवतियों को एक से दो हजार रूपए दिलाकर युवतों के साथ देह व्यापार करने के लिए भी मजबूर करता था।
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शनिवार को तीनों अधिकरियों ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से अब तक दर्ज मामलों को लेकर अपडेट ली है। रविवार को होटल रेडिसन में टीम ने लव जिहाद को लेकर जांच कर रही एसआईटी को तलब कर पूछताछ की। एसआईटी और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से आयोग की टीम ने पूछा कि जब आरोपी एक हैं, संगठित होकर गिरोह बनाकर ब्लैकमेल और दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया गया तो एक साथ मामले दर्ज कर अलग-अलग थानों को जांच के लिए क्यों सौंपा गया। मामले का खुलासा होने के बाद एसआईटी बनाई गई, लेकिन अभी तक संगठित अपराध की धारा क्यों नहीं लगाई गई। पुलिस अधिकारियों ने तर्क दिया कि पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि यह इतना बड़ा गिरोह है, इसलिए अलग-अलग प्ररकण दर्ज किए गए। एसआईटी की जांच में ही संगठित अपराध की बात सामने आई, ऐसे में चालान को संगठित अपराध की धाराओं के साथ अदालत में पेश किया जाएगा।
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टीम के पहुंचते ही थाना पुलिस में हड़कंप
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम अचानक से बागसेवनिया थाने पहुंच गई। दरअसल बागसेवनिया थाने में ही पहली, दूसरी, तीसरी एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद ही जांच के लिए उन्हें जहांगीरबाद और अशोका गार्डन थाने भेजा गया है। आयोग की टीम ने थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों से यह जानना चाहा कि जब आप के पास पीड़ित इस तरह के संगठित गिरोह की शिकायत लेकर पहुंची तो अधिकारियों को किस तरह से ब्रीफ किया, पीड़िता को कैसा रिस्पांस दिया। सभी मामलों को एक साथ जांच के लिए क्यों नहीं रखा। शिकायत के बाद मुख्य आरोपी फरहान को शांति भंग करने की धारा में प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा, लेकिन दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का प्रकरण दर्ज करने में देरी क्यों की। टीम के सवालों का सुनकर थाने में हड़कंप मच गया। हालांकि टीम के साथ भोपाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, जांच के लिए गठित एसआईटी के अधिकारी मौजूद थे।
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अब तक लिया अपडेट, जानें पूछताछ के बिंदु
राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम को लीड कर रही निर्मल कौर झारखंड की पूर्व डीजीपी हैं। ऐसे में उन्हें पुलिसिंग का बहुत लंबा अनुभव है। उन्होंने एसआईटी से अब तक सभी पांच प्रकरण को लेकर पूछताछ की और सभी की अलग-अलग अपडेट प्राप्त की। उन्होंने समझा कि किस तरह से यह पूरा गिरोह ऑपरेट हो रहा था। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से अब तक की गई पूछताछ के बाद आगे किन बिंदुओं पर पूछताछ कर गिरोह के पूरे खुलासा होने तक का प्लान भी जाना। अधिकारियों की जांच और आरोपियों से पूछताछ से आयोग की टीम संतुष्ट जरूर नजर आई। लेकिन भोपाल की महिला और बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों को लेकर शुरूआत में बरती गई असंवेदनशीलता को लेकर नाराजगी भी जाहिर की है। जाहिर सी बात है कि पहली लड़की को प्रकरण दर्ज कराने के लिए कई दिन तक मशक्कत करनी पड़ी है। टीम ने समझाश भी दी है कि अगर जांच में कोताही बरती गई, प्ररकणों को अलग-अलग देखा गया तो आरोपी बच जाएंगे।
आज पीड़िताओं से भी मिल सकती है टीम
पुलिस सूत्रों के अनुसार महिला आयोग की टीम ने पीड़िताओं के संबंध में जानकारी ली है। कुछ पीड़िताओं के परिजनों से फोन पर संपर्क किया है। संभावना जताई जा रही है कि महिला आयोग की टीम सोमवार को पीड़िताओं से गुप्त स्थान पर मुलाकात कर सकती है, ताकि पता लग सके कि भोपाल की पुलिस ने इस मामले में शुरूआत में कितनी कोताही बरती है। इसके साथ ही कुछ और बिंदु भी जांच के लिए निकल सकते हैं या नहीं। पीड़िताओं से उनकी आपबीती भी टीम की महिला सदस्य जानना चाहती हैं, ताकि आयोग राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के अपराधों के रोकथाम और हो जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई को लेकर कुछ बिंदु तय कर सके और केंद्र सरकार को अपनी सिफारिश भेज सके।
फरहान की कॉल डिटेल में दर्जनों युवतियां, जिनसे लंबी बात होती थी
भोपाल के कोकता क्षेत्र में स्थित निजी कॉलेज की हिंदु छात्राओं को प्रेमजाल में फंसाकर दुष्कर्म, ब्लैकमेल और लव जिहाद मामले में नित नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस को फरहान के मोबाइल की कॉल डिटेल मिल गई है। फरहान वर्तमान में दो मोबाइल नंबर ऑपरेट कर रहा है। उसके दोनों मोबाइल नंबर की डिटेल पुलिस को मिली है, जिसमें कई युवतियों के नंबर हैं। कई ऐसे नंबर मिले हैं, जिनमें लंबी बातचीत हुई है, जो उसी कॉलेज में पढ़ती हैं, पढ़ चुकी हैं। कॉलेज के बाहर की भी कुछ लड़किया हैं, जिनके नंबर फरहान के पास मिले है।
इसके साथ ही फरहान की कुछ ऐसे रईशजादों, शहर के बदमाशों और भोपाल के आसपास रहने वाले उसके वर्ग के युवकों के नंबर भी मिले हैं, जिन पर उसकी लंबी बातचीत होती थी। पुलिस अब उन युवतियों और युवकों से भी संपर्क करेगी। पुलिस यह पता लगाना चाह रही है कि कहीं फरहान का गिरोह कुछ युवतियों को देह व्यापार के रूप में दूसरे युवकों के पास तो नहीं भेजता। क्योंकि इस गिरोह का दूसरा शातिर आरोपी साहिल डांस क्लास की युवतियो को फार्म हाउस और अन्य पार्टियों में पैसे लेकर डांस करने भेजता था। वहां पर युवतियों को एक से दो हजार रूपए दिलाकर युवतों के साथ देह व्यापार करने के लिए भी मजबूर करता था।

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