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Carbide waste disposal: सीएम डॉ. यादव बोले- पीथमपुर की जनता समेत सभी पक्ष कोर्ट के सामने अपनी बात रखें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Mon, 06 Jan 2025 04:36 PM IST
सार

यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने पर हाईकोर्ट के फैसले पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीथमपुर की जनता समेत सभी लोग कोर्ट के सामने अपनी बात रखें।

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Carbide waste disposal: CM Dr. Yadav said - All parties including the people of Pithampur should present their
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे के विरोध को लेकर हुए बवाल के बाद सोमवार को सरकार ने अपना पक्ष हाई कोर्ट के सामने रखा। इसके बाद कोर्ट के फैसले पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पीथमपुर की जनता से अपील है कि वे कोर्ट के सामने अपनी बात रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जो कहा था, वही बात हमने हाई कोर्ट में भी रखी। हमने कहा था कि हाई कोर्ट के निर्देशानुसार हमने यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में शिफ्ट किया। पीथमपुर में जन भावनाओं और अन्य पक्षों को सुनने का मौका मिलना चाहिए। हाई कोर्ट ने इस बात को माना और सभी पक्षों को सुनने के लिए 6 सप्ताह का वक्त दिया है। 
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उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट अपना फैसला देगा। इस फैसले पर हम कोर्ट का धन्यवाद करते हैं। हाई कोर्ट ने जो निर्णय लिया है, वह सरकार की मंशा को समझकर लिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे हाई कोर्ट के परामर्श के बाद ही आगे बढ़ेंगे। उन्होंने स्थानीय जनता से अपील कि वे अपनी बात न्यायालय के सामने रखें क्योंकि अभी समय है।

बता दें कि 2-3 दिसंबर 1984 की मध्यरात्रि को भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ, जिससे कम से कम 5,479 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग आज भी इस त्रासदी के प्रभाव से जूझ रहे हैं। हाई कोर्ट के निर्देश पर 2 जनवरी को 12 सीलबंद कंटेनरों में पैक किए गए कचरे को भोपाल स्थित बंद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से पीथमपुर के निपटान स्थल पर 250 किमी दूर स्थानांतरित किया गया। इसके बाद पीथमपुर में जमकर बवाल हुआ। दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया और लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। इसके बाद सरकार ने सभी की सहमति से कचरा जलाने का निर्णय लिया। अब कोर्ट ने सरकार को कचरा जलाने के संबंध में निर्णय लेने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है।



 
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