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मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट पारित: शहरी विकास का नया खाका,CM बोले- उज्जैन में इसरो जैसा सेंटर और साइंस सिटी बना रहे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Tue, 05 Aug 2025 08:03 PM IST
सार
मध्यप्रदेश विधानसभा ने सोमवार को ‘मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025’ पारित कर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे प्रदेश के शहरी और औद्योगिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
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मध्य प्रदेश विधानसभा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्यप्रदेश की विधानसभा में ‘मध्यप्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025’ (मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट) पारित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस विधेयक को प्रदेश के आर्थिक और शहरी विकास की दिशा में एक मील का पत्थर बताया है। इस कानून के तहत इंदौर और भोपाल को पहले चरण में शामिल किया गया है, जबकि ग्वालियर, जबलपुर और रीवा को दूसरे चरण में शामिल करने की योजना है। नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब देते हुए कहा कि यह कानून अगले 25 वर्षों की शहरी जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि देश की सभी मेट्रोपॉलिटन सिटीज का अध्ययन कर यह मॉडल बनाया गया है। इस कानून के तहत इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट सिस्टम, मेट्रो, मोनोरेल, रोपवे जैसे भविष्य के परिवहन साधनों की योजना शामिल की गई है।
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मुख्यमंत्री ने गिनाईं प्राथमिकताएं: रोजगार, इंडस्ट्रियल बेल्ट, आईटी पार्क
विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता रोजगारपरक औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करना है। मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट के अंतर्गत इंडस्ट्रियल बेल्ट को चिन्हित किया जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। इसके साथ ही, इंजीनियरिंग कॉलेज परिसरों में आईटी पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिससे युवा पढ़ाई के साथ-साथ इंडस्ट्री में भी काम कर सकें। महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला कर्मचारियों को 6000 रुपए और पुरुषों को 5000 रुपए प्रति माह इंसेंटिव दिया जाएगा। इसके लिए श्रम कानूनों में संशोधन की तैयारी की जा रही है ताकि कार्यस्थलों के समीप महिला हॉस्टल बनाए जा सकें और रात्रिकालीन काम में भी सुविधा हो।
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उज्जैन को रिसर्च हब के रूप में विकसित करने की योजना
मुख्यमंत्री ने उज्जैन में इसरो की तर्ज पर एक रिसर्च सेंटर और साइंस सिटी बना रहे है। उन्होंने बताया कि इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। उज्जैन को शैक्षणिक, वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टि से एक मल्टी-डायमेंशनल हब के रूप में विकसित करने की रणनीति पर काम हो रहा है।
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छोटे शहर, किसानों और गरीबों की अनदेखी
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मेट्रोपॉलिटन एक्ट को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून गरीबों, किसानों और छोटे शहरों की अनदेखी करता है। उन्होंने कहा कि पीथमपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी पीने के पानी जैसी आधारभूत सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे में बड़े-बड़े सपनों की बजाय ग्रामीण और छोटे शहरों के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
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मास्टर प्लान और भूमि अधिग्रहण पर भी हो स्पष्टता
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह और पंकज उपाध्याय ने मास्टर प्लान की देरी, किसानों की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और छोटे शहरों की उपेक्षा पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इंदौर और भोपाल में मास्टर प्लान वर्षों से लंबित है, तो 25 साल की योजना कैसे लागू की जाएगी? साथ ही यह भी पूछा कि किसानों को बाजार दर पर मुआवजा कैसे मिलेगा?
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मुख्यमंत्री ने गिनाईं प्राथमिकताएं: रोजगार, इंडस्ट्रियल बेल्ट, आईटी पार्क
विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता रोजगारपरक औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करना है। मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट के अंतर्गत इंडस्ट्रियल बेल्ट को चिन्हित किया जाएगा, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। इसके साथ ही, इंजीनियरिंग कॉलेज परिसरों में आईटी पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिससे युवा पढ़ाई के साथ-साथ इंडस्ट्री में भी काम कर सकें। महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला कर्मचारियों को 6000 रुपए और पुरुषों को 5000 रुपए प्रति माह इंसेंटिव दिया जाएगा। इसके लिए श्रम कानूनों में संशोधन की तैयारी की जा रही है ताकि कार्यस्थलों के समीप महिला हॉस्टल बनाए जा सकें और रात्रिकालीन काम में भी सुविधा हो।
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उज्जैन को रिसर्च हब के रूप में विकसित करने की योजना
मुख्यमंत्री ने उज्जैन में इसरो की तर्ज पर एक रिसर्च सेंटर और साइंस सिटी बना रहे है। उन्होंने बताया कि इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। उज्जैन को शैक्षणिक, वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टि से एक मल्टी-डायमेंशनल हब के रूप में विकसित करने की रणनीति पर काम हो रहा है।
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छोटे शहर, किसानों और गरीबों की अनदेखी
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मेट्रोपॉलिटन एक्ट को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून गरीबों, किसानों और छोटे शहरों की अनदेखी करता है। उन्होंने कहा कि पीथमपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में अभी भी पीने के पानी जैसी आधारभूत सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे में बड़े-बड़े सपनों की बजाय ग्रामीण और छोटे शहरों के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
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मास्टर प्लान और भूमि अधिग्रहण पर भी हो स्पष्टता
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह और पंकज उपाध्याय ने मास्टर प्लान की देरी, किसानों की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और छोटे शहरों की उपेक्षा पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि इंदौर और भोपाल में मास्टर प्लान वर्षों से लंबित है, तो 25 साल की योजना कैसे लागू की जाएगी? साथ ही यह भी पूछा कि किसानों को बाजार दर पर मुआवजा कैसे मिलेगा?

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