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MP विधानसभा: कानून व्यवस्था पर कांग्रेस का हंगामा, ड्रग्स कारोबार को लेकर सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Thu, 31 Jul 2025 09:55 PM IST
सार

मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था और ड्रग्स कारोबार को लेकर जोरदार विरोध किया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

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MP Assembly: Congress creates ruckus over law and order, makes serious allegations against the government rega
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों को प्रदर्शन - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन कांग्रेस ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायकों ने ड्रग्स के प्रतीकात्मक इंजेक्शन और पुडियां लेकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि एमडी ड्रग्स का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने इसमें भाजपा नेताओं की संलिप्तता को लेकर भी आरोप लगाए।  नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि बढ़ते एमडी ड्रग्स कारोबार ने युवाओं को गर्त में धकेल दिया है। सरकार छोटी मछलियों को पकड़ रही है, मगरमच्छों को कब पकड़ेगी? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं की संलिप्तता के कारण मुख्य आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और पुलिस प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।
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इस पर राज्य मंत्री शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि "प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि संगठित अपराधों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में वर्षों से कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है। एक वर्ष में 10 नक्सलियों का सफाया किया गया। फुटकर नशा बेचने वालों और माफियाओं पर सख्त कार्रवाई हो रही है। उन्होंने बताया कि सरकार "नशे से दूरी है जरूरी" अभियान चलाया गया। डायल 112 सेवा अगस्त से पूरे प्रदेश में शुरू होगी। "ऑपरेशन मुस्कान" के तहत 7615 लापता नाबालिग बालिकाओं को घर पहुंचाया गया।

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उमंग सिंघार ने सरकार के आंकड़ों को गुमराह करने वाला बताया और कहा कि 2024 में औसतन प्रतिदिन औसतन 25 संगीन अपराध दर्ज हो रहे है। 20 बलात्कार, 38 महिलाओं की गुमशुदगी दर्ज हुई हैं। साइबर अपराध में 250 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस और प्रशासन की पकड़ कमजोर है। इस पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि सायबर अपराध में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन सायबर हेल्पलाइन पर मिलने वाली शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई कर रही है। सरकार की अपराधियों पर जीरो टोलरेंस की नीति हैं। सरकार के जवाब को विपक्ष ने गुमराह करने वाला बताया। जिसके बाद  जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

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विधायक बृजेन्द्र सिंह बोले- वन विभाग राजस्व भूमि पर कर रहा कब्जा, मेडिकल कॉलेज और हाईवे प्रोजेक्ट भी प्रभावित
मध्यप्रदेश विधानसभा के सत्र के दौरान पन्ना जिले में वन विभाग और राजस्व विभाग की भूमि सीमाओं को लेकर चल रहे विवाद का मामला जोरशोर से उठा। भाजपा विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने ध्यानआकर्षण में पन्ना जिले में राजस्व एवं वन विभाग की सीमाओं का निराकरण न होने से उत्पन्न स्थिति का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वन और राजस्व विभाग की सीमाओं का आज तक स्पष्ट निराकरण नहीं हुआ है, जिसकी वजह से वन विभाग अक्सर राजस्व की जमीन को अपनी सीमा में दर्शा देता है। इससे आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा अक्सर निर्माण कार्य जबरन रुकवा दिए जाते हैं। विधायक सिंह ने इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए वन व्यवस्थापन अधिकारी की नियुक्ति की मांग की, जिसे संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी समर्थन दिया।

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25 साल से लंबित है समाधान, सरकार के पत्र भी बेअसर
विधायक ने बताया कि इस मामले में करीब 25 वर्ष पहले तत्कालीन मुख्य सचिव ने छह महीने के भीतर निराकरण के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हाल ही में राजस्व और वन विभाग के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखकर दो महीने में समीक्षा और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इसके चलते गर्ल्स कॉलेज, मेडिकल कॉलेज से लेकर नेशनल हाईवे-39 (झांसी से इलाहाबाद) के फोरलेन विस्तार कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 

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415 पट्टों पर नहीं हुआ अमल, आदिवासियों को हटाने की आशंका
विधायक ने बताया कि पन्ना में वन व्यवस्थापन के 415 पट्टे हैं, जिन पर आज तक राजस्व अमल नहीं कर पाया है। उन्होंने चिंता जताई कि पन्ना का 60 प्रतिशत क्षेत्र वन क्षेत्र में आता है, और डेढ़ हजार से ज्यादा भू-स्वामियों को बेदखल करने की प्रक्रिया चल रही है। जबकि पीएस फॉरेस्ट ने सभी डीएफओ को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी को बेदखल न किया जाए, फिर भी ग्रामीण लगातार विधायक व प्रशासन के पास शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।

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सरकार का जवाब- नहीं हटाया जाएगा एक भी आदिवासी
विधानसभा में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि जहां भी ऐसी समस्याएं आती हैं, वहां दोनों विभागों के अधिकारी मिलकर सर्वे कर समाधान करते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एक भी आदिवासी को नहीं हटाया जाएगा। वहीं, विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह अपनी मांग पर अडिग रहे और वन व्यवस्थापन अधिकारी की नियुक्ति की मांग दोहराई।
 
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