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MP News: MP में 2020 से 'लव जिहाद' के 283 केस, इस साल 6 महीनों में 3,742 महिलाएं बनीं दुष्कर्म की शिकार"
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Wed, 06 Aug 2025 04:31 PM IST
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सार
मध्यप्रदेश विधानसभा में सरकार ने महिला अपराध, धर्मांतरण कानून और पुलिस पर हमले जैसे गंभीर मुद्दों पर आंकड़े पेश किए। इसमें बताया गया कि जनवरी से जून 2025 तक बलात्कार और अपहरण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन दोष सिद्धि की दर बेहद कम रही। साथ ही, ‘लव जिहाद’ से जुड़े मामलों और पुलिसकर्मियों पर हमलों के आंकड़े भी सामने आए।

मध्य प्रदेश विधानसभा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्यप्रदेश विधानसभा में सरकार ने बताया कि जनवरी से जून 2025 तक 3,742 महिलाओं के साथ दुष्कर्म और 120 महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज हुईं। इनमें से केवल 2.79% मामलों में दोष सिद्ध हुआ है जबकि गैंगरेप के मामलों में सजा का प्रतिशत मात्र 1.63% है। विधानसभा सदस्य प्रताप ग्रेवाल के सवाल में सरकार ने यह जानकारी दी है। प्रदेश में वर्ष 2018 से लेकर 2024 के सात वर्षों में 54067 महिलाओं से बलात्कार हुए। जिसमें अनुसूचित जाति 14258, जनजाति 14804 पिछड़ा वर्ग 18942 तथा सामान्य वर्ग की महिला 6063 है। 2018 में 7136 बलात्कार की तुलना में 2024 में 20% की वृद्धि होकर 8518 बलात्कार तथा अपहरण 6394 से 53% बढ़कर 10070 हुए। जनवरी से जून 25 तक अपहरण के 5868 प्रकरण दर्ज हुए। विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन तथा जिले द्वारा भेजी गई महिला अपराध की जानकारी में अंतर पूछने पर सरकार की तरफ से बताया गया कि वार्षिक प्रतिवेदन एवं प्रश्न दिनांक को भेजी गई जानकारी में समय का अंतराल है,पीड़िता की बरामदगी होने पर बलात्संग की घटना घटित होना पाए जाने पर अपहरण के प्रकरण बलात्संग के प्रकरण में परिवर्तित होते हैं, जिससे अपहरण एवं बलात्संग के प्रकरणो में कमी, वृद्धि होना एवं आंकड़ों में परिवर्तन होना संभव है।
‘लव जिहाद’ के 283 मामलों में 197 कोर्ट में लंबित
मध्यप्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत पिछले पांच वर्षों में 283 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से सबसे अधिक 74 केस इंदौर जिले से हैं। भोपाल (31), खरगोन (13), धार (13) और छतरपुर (11) अन्य प्रमुख जिले हैं। भाजपा विधायक आशिष गोविंद शर्मा ने ‘लव जिहाद’ से जुड़े मामलों की जानकारी मांगी थी। सरकार ने बताया कि 2020 से अब तक 283 मामले धार्मिक स्वतंत्रता कानून के तहत दर्ज हुए हैं। इसमें से 197 मामले अभी कोर्ट में लंबित हैं। 87 मामले में कोर्ट ने निर्णय सुनाया है। इसमें 50 मामलों में आरोपी बरी हो गई। सिर्फ सात मामलों में आरोपियों को सजा हुई। एक मामला ऐसा भी था, जिसमें दोनों पक्षों के बीच रजामंदी हो गई। वहीं, सरकार ने स्वीकार किया कि कई मामलों में पीड़िता की गवाही कमजोर रही जिससे आरोपी छूट गए।
राज्य में डेढ़ वर्ष में 5 पुलिसकर्मी शहीद, 612 घायल
जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच प्रदेश में 5 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई और 612 घायल हुए। ये आंकड़े सरकार ने कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के सवाल के जवाब में विधानसभा में दिए। 461 मामले पुलिस पर हमले के दर्ज किए गए।

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