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MP News: अमित शाह बोले- पेट्रोल पंप, दवाइयों की दुकान, रेल टिकट बुकिंग का संचालन सहकारी समितिया करेंगी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Sun, 13 Apr 2025 10:13 PM IST
सार
भोपाल के रवींद्र भवन में रविवार को आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि समय पर कानूनों में बदलाव न होने के कारण देश में सहकारिता आंदोलन सुस्त पड़ गया था। अब केंद्र सरकार की पहल पर प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) को 300 से अधिक कार्य सौंपे जा चुके हैं, जिससे यह आंदोलन फिर से गति पकड़ रहा है। मंत्री शाह ने भरोसा जताया कि इन प्रयासों से मध्य प्रदेश के 83 प्रतिशत गांवों तक सहकारी व्यवस्थाएं पहुंचेंगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया आधार मिलेगा।
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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता तीनों क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। आज के अनुबंध के बाद प्रदेश के 83 प्रतिशत गांवों तक सहकारिता की पहुंच बढ़ेगी। इनका शत प्रतिशत दोहन करने के लिए बहुत कार्य करने की आवश्यकता है। कई वर्षों से देश में सहकारी आंदोलन सुस्त पड़ गया था। इसकी मुख्य वजह थी कानून में बदलाव नहीं होना। अब पेट्रोल पंप, दवाइयों की दुकान, रेल टिकट बुकिंग और फैक्ट्रियों का संचालन समेत 300 तरह के काम सहकारी समितियों के माध्यम से किए जा रहे हैं। यह बातें केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को रवींद्र भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारिता सम्मेलन में कहीं। वे यहां अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के तहत आयोजित इस सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। इस मौके पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्य प्रदेश डेयरी फेडरेशन के बीच एमओयू भी साइन हुआ।
पहली बार सहकारिता मंत्रालय बना
शाह ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में सहकारी आंदोलन की स्थिति अलग थी। इसे समृद्ध करने और देश की बदलती हुई परिस्थिति के अनुकूल कानून बदलने के निर्णय नहीं लिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 साल बाद पहली बार सहकारिता मंत्रालय बनाया और इसका पहला मंत्री होने के नाते हमने बीते साढ़े तीन साल में इस क्षेत्र में बड़े बदलाव किए। केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने पहला काम किया कृषि समितियों के लिए आदर्श नियम कानून बनाए। आज संपूर्ण भारत ने इस मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर लिया है। पहले छोटे-मोटे फाइनेंस करने वाले पैक्स अब 20 से ज्यादा कार्य कर रहे हैं। पैक्स के माध्यम से रेलवे टिकट, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित 300 से अधिक कार्य किए जा रहे हैं।
ढाई एकड़ के किसान को भी बीज तैयार करने की मान्यता
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीज सहकारिता के अंतर्गत ढाई एकड़ वाले किसान को भी मान्यता दी है। मप्र में प्रति वर्ष साढ़े 5 करोड़ लीटर की दूध उत्पादन क्षमता है। उन्होंने कहा कि मप्र में केवल 17 प्रतिशत गांवों में ही दूध कलेक्शन की व्यवस्था है। आज के अनुबंध के बाद प्रदेश के 83 प्रतिशत गांवों तक सहकारिता की पहुंच बढ़ेगी। पहले साल इसे 50 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए। देश में दूध की शहरी मांग 1 करोड़ 20 लाख लीटर प्रति दिन है। एनबीडीडी के साथ मिलकर पहले वर्ष में कम से कम 50 प्रतिशत गांवों तक दूध डेयरी को विस्तारित करना चाहिए। यह रास्ता अभी टू लेन है, इसे 6 लेन बनाना है।
पैक्स को कंप्यूटराइजड करने में एमपी देश में नंबर-1
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) का 100% कंप्यूटराइजेशन किया है।” उन्होंने कहा कि अब पैक्स 30 से अधिक गतिविधियों में संलग्न हैं, जिससे उनकी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। शाह ने बताया कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद देशभर में सहकारिता आंदोलन को नई दिशा मिली है। उन्होंने बताया कि देश में तीन नई सहकारी समितियों का गठन किया गया है—एक्सपोर्ट को-ऑपरेटिव, ऑर्गेनिक को-ऑपरेटिव और सीड को-ऑपरेटिव, जिनका लाभ सीधे किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन सहकारी गतिविधियों से होने वाली आय अब सीधे किसानों के खातों में जाएगी, ना कि व्यापारियों के।
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पहली बार सहकारिता मंत्रालय बना
शाह ने कहा कि अलग-अलग राज्यों में सहकारी आंदोलन की स्थिति अलग थी। इसे समृद्ध करने और देश की बदलती हुई परिस्थिति के अनुकूल कानून बदलने के निर्णय नहीं लिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 साल बाद पहली बार सहकारिता मंत्रालय बनाया और इसका पहला मंत्री होने के नाते हमने बीते साढ़े तीन साल में इस क्षेत्र में बड़े बदलाव किए। केंद्रीय सहकारिता एवं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने पहला काम किया कृषि समितियों के लिए आदर्श नियम कानून बनाए। आज संपूर्ण भारत ने इस मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर लिया है। पहले छोटे-मोटे फाइनेंस करने वाले पैक्स अब 20 से ज्यादा कार्य कर रहे हैं। पैक्स के माध्यम से रेलवे टिकट, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित 300 से अधिक कार्य किए जा रहे हैं।
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ढाई एकड़ के किसान को भी बीज तैयार करने की मान्यता
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीज सहकारिता के अंतर्गत ढाई एकड़ वाले किसान को भी मान्यता दी है। मप्र में प्रति वर्ष साढ़े 5 करोड़ लीटर की दूध उत्पादन क्षमता है। उन्होंने कहा कि मप्र में केवल 17 प्रतिशत गांवों में ही दूध कलेक्शन की व्यवस्था है। आज के अनुबंध के बाद प्रदेश के 83 प्रतिशत गांवों तक सहकारिता की पहुंच बढ़ेगी। पहले साल इसे 50 प्रतिशत पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए। देश में दूध की शहरी मांग 1 करोड़ 20 लाख लीटर प्रति दिन है। एनबीडीडी के साथ मिलकर पहले वर्ष में कम से कम 50 प्रतिशत गांवों तक दूध डेयरी को विस्तारित करना चाहिए। यह रास्ता अभी टू लेन है, इसे 6 लेन बनाना है।
पैक्स को कंप्यूटराइजड करने में एमपी देश में नंबर-1
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) का 100% कंप्यूटराइजेशन किया है।” उन्होंने कहा कि अब पैक्स 30 से अधिक गतिविधियों में संलग्न हैं, जिससे उनकी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। शाह ने बताया कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद देशभर में सहकारिता आंदोलन को नई दिशा मिली है। उन्होंने बताया कि देश में तीन नई सहकारी समितियों का गठन किया गया है—एक्सपोर्ट को-ऑपरेटिव, ऑर्गेनिक को-ऑपरेटिव और सीड को-ऑपरेटिव, जिनका लाभ सीधे किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन सहकारी गतिविधियों से होने वाली आय अब सीधे किसानों के खातों में जाएगी, ना कि व्यापारियों के।
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