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MP News: सहकारिता संशोधन विधेयक पारित, विपक्ष ने किया वॉकआउट, सिंघार ने गला घोंटने वाला बताया
न्यूज डेस्क, भोपाल, मध्य प्रदेश
Published by: आनंद पवार
Updated Mon, 24 Mar 2025 09:33 PM IST
सार
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन सोमवार को सहकारिता संशोधन विधेयक पारित हो गया, लेकिन विपक्ष ने इस पर कड़ा विरोध जताया। विपक्ष ने संशोधन विधेयक के विरोध में वॉकआउट किया।
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मध्य प्रदेश विधानसभा।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन सोमवार को सहकारिता संशोधन विधेयक पारित हो गया। विपक्ष ने संशोधन विधेयक पर सवाल उठाए और इसके विरोध में सदन से वॉकआउट कर दिया। हंगामे के बीच संशोधन विधेयक पारित हो गया।
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग के संशोधन विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखते ही हंगामा शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस संशोधन विधेयक को सहकारिता का गला घोंटने वाला विधेयक बताया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सोसायटी के 2011 से अभी तक चुनाव नहीं हुए। प्राइवेट कंपनी किसी भी सोसायटी को टेकओवर कर लेगी। सोसायटी का अंश लेकर कोई भी मनमानी करेगा। पीपीपी मोड का विपक्ष विरोध करता है। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि सरकार हाइकोर्ट के आदेश पर भी चुनाव टाल रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि किसानों को समय पर खाद, बीज और लोन मिले। मगर भाजपा सरकार मनमानी कर रही है और किसानों की आवाज नहीं सुन रही है। सिंघार ने कहा कि निष्पक्ष संस्था पर सरकार का कंट्रोल नहीं होना चाहिए। विधेयक पर पहले विधानसभा समिति को विचार करना चाहिए।
मंत्री बोले- किसानों को फायदा होगा
संशोधन विधेयक के विरोध का जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमारी सरकार चुनाव रोकने के पक्ष में नहीं है। इस संशोधन विधेयक से सहकारिता आंदोलन मजबूत होगा। कॉआपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप जैसी योजना देश में मिसाल बनेगी। साथ ही कहा कि जिस तरह ट्रिब्यूनल के चेयरमैन बनने की प्रकिया होती है, वैसी ही इसकी प्रक्रिया होगी। उन्होंने कहा कि बाहर वाला कोई भी व्यक्ति अंशपूंजी नहीं ले सकता। समिति के सदस्य को ही अंशपूंजी मिलेगी। अंशधारी बैंक के कर्मचारी को प्रशासक बनाया जा सकेगा। गृह निर्माण सोसायटी का वेलफेयर में रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। पीपीपी मोड से किसानों को समय पर पैसा मिलेगा।
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सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग के संशोधन विधेयक को विधानसभा के पटल पर रखते ही हंगामा शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस संशोधन विधेयक को सहकारिता का गला घोंटने वाला विधेयक बताया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सोसायटी के 2011 से अभी तक चुनाव नहीं हुए। प्राइवेट कंपनी किसी भी सोसायटी को टेकओवर कर लेगी। सोसायटी का अंश लेकर कोई भी मनमानी करेगा। पीपीपी मोड का विपक्ष विरोध करता है। उमंग सिंघार ने आगे कहा कि सरकार हाइकोर्ट के आदेश पर भी चुनाव टाल रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि किसानों को समय पर खाद, बीज और लोन मिले। मगर भाजपा सरकार मनमानी कर रही है और किसानों की आवाज नहीं सुन रही है। सिंघार ने कहा कि निष्पक्ष संस्था पर सरकार का कंट्रोल नहीं होना चाहिए। विधेयक पर पहले विधानसभा समिति को विचार करना चाहिए।
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मंत्री बोले- किसानों को फायदा होगा
संशोधन विधेयक के विरोध का जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमारी सरकार चुनाव रोकने के पक्ष में नहीं है। इस संशोधन विधेयक से सहकारिता आंदोलन मजबूत होगा। कॉआपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप जैसी योजना देश में मिसाल बनेगी। साथ ही कहा कि जिस तरह ट्रिब्यूनल के चेयरमैन बनने की प्रकिया होती है, वैसी ही इसकी प्रक्रिया होगी। उन्होंने कहा कि बाहर वाला कोई भी व्यक्ति अंशपूंजी नहीं ले सकता। समिति के सदस्य को ही अंशपूंजी मिलेगी। अंशधारी बैंक के कर्मचारी को प्रशासक बनाया जा सकेगा। गृह निर्माण सोसायटी का वेलफेयर में रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। पीपीपी मोड से किसानों को समय पर पैसा मिलेगा।
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