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MP News: PWD ने दो साल में 52 ठेकेदारों को नोटिस और 15 को ब्लैकलिस्ट किया, CM ने की विभाग की समीक्षा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: आनंद पवार
Updated Wed, 10 Dec 2025 09:35 PM IST
सार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा में कहा कि सड़क और अधोसंरचना राज्य की विकास-रफ्तार तय करते हैं और हर परियोजना का उद्देश्य जनता का जीवन आसान बनाना है। बैठक में गुणवत्ता, पारदर्शिता और तकनीकी नवाचारों पर जोर देते हुए आगामी बड़े हाईवे और एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए।
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सीएम मोहन यादव ने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा की
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को मंत्रालय में लोक निर्माण विभाग (PWD) की व्यापक समीक्षा करते हुए कहा कि सड़कें केवल यातायात का माध्यम नहीं, बल्कि राज्य के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की जीवनरेखा हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हर सड़क, हर पुल और हर परियोजना जनता के जीवन को सरल, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की सरकारी संकल्पना का हिस्सा है। समीक्षा बैठक में विभाग के दो वर्षों के प्रदर्शन, उपलब्धियों, नवाचारों और आगामी कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि विभाग ने निर्माण गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए औचक निरीक्षण प्रणाली को मजबूत बनाया है। इसी प्रक्रिया के तहत पिछले दो वर्षों में 52 ठेकेदारों को नोटिस जारी किए गए और गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन करने पर 15 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया। मुख्यमंत्री ने इसे शून्य सहनशीलता नीति का मजबूत उदाहरण बताते हुए विभाग की कार्यप्रणाली को सराहा।
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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों के साथ ग्रामीण और औद्योगिक इलाकों में भी सड़क और अधोसंरचना विकास को समान गति मिले। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जबलपुर और ग्वालियर को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र घोषित किया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में राजमार्गों और शहरी ढांचागत सुविधाओं का विस्तार तेज़ी से हो सकेगा। उन्होंने पर्यावरण समन्वय को विकास का अनिवार्य हिस्सा बताते हुए भवन निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट, सौर ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधनों के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश भी दिए। बैठक में विभागीय नवाचारों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई। पीएम गतिशक्ति आधारित जीआईएस मास्टर प्लान, लोक परियोजना प्रबंधन प्रणाली (LPMS), लोक निर्माण सर्वे ऐप और सड़क व भवनों की 100% जियो-मैपिंग जैसी आधुनिक तकनीकों ने विभाग की कार्यक्षमता और पारदर्शिता को नई दिशा दी है। वहीं “लोकपथ एप” के माध्यम से प्राप्त 12,212 शिकायतों में से 12,166 का निराकरण कर विभाग ने 99.6% समाधान दर हासिल की है।
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मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ-2028 से जुड़े कार्यों को जून 2027 तक समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा अगले तीन वर्षों में राज्य वित्त पोषित एक्सप्रेसवे मॉडल के तहत उज्जैन–इंदौर, इंदौर–उज्जैन और भोपाल पूर्वी बायपास जैसे बड़े हाई-स्पीड कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे।, 600 नए "लोक कल्याण सरोवर", 100% सौर ऊर्जा आधारित विभागीय भवन और वैज्ञानिक विश्लेषण आधारित रोड मास्टर प्लान जैसी कई बड़े स्तर की परियोजनाएं लागू की जाएंगी।
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उज्जैन–सिंहस्थ 2028 के लिए 52 प्रमुख कार्यों पर 12 हजार करोड़ रुपये व्यय कर धार्मिक पर्यटन, आस्था स्थलों और शहरी कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जाएगा। प्रदेश में 6-लेन एवं 4-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का व्यापक नेटवर्क विकसित कर औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि मंडियों, लॉजिस्टिक जोन और प्रमुख शहरों को तेज गति से जोड़ा जाएगा। एनएचएआई के सहयोग से सतना–चित्रकूट, रीवा–सीधी, बैतूल–खंडवा–इंदौर, जबलपुर–झलमलवाड़ जैसे राष्ट्रीय महत्व के हाईवे का विस्तार किया जाएगा। समीक्षा बैठक में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, मुख्य सचिव अनुराग जैन तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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