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MP News: सैंपल पेपर दो महीने देरी से मिले, सिलेबस अधूरा, 7 फरवरी से शुरू होंगी 10वीं-12वीं की मुख्य परीक्षाएं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Wed, 10 Dec 2025 06:48 PM IST
सार
एमपी बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। परीक्षा 7 फरवरी से शुरू होंगी और करीब 18 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। हालांकि, कई स्कूलों में सिलेबस अभी अधूरा है (20-40%), जिससे छात्रों में तनाव और तैयारी पर असर पड़ा है। इस बार सैंपल पेपर पिछले साल की तुलना में देरी से जारी हुए हैं।
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एमपी बोर्ड
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा 2026 के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। बोर्ड परीक्षा 7 फरवरी से शुरू होंगी, जिसमें करीब 18 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। हालांकि, अधिकांश स्कूलों में अब तक सिलेबस पूरा नहीं हो सका है। कुछ स्कूलों में 20 प्रतिशत जबकि कुछ में 40 प्रतिशत पाठ्यक्रम बचा हुआ है। इस वजह से विद्यार्थियों में मुख्य परीक्षाओं को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसी बीच इस साल सैंपल पेपर पिछले वर्ष की तुलना में करीब दो महीने देरी से जारी होने से लाखों विद्यार्थी दबाव में हैं। पिछले साल बोर्ड परीक्षा के लिए सैंपल पेपर अक्टूबर महीने में जारी कर दिए गए थे, जबकि इस बार ये दिसंबर के पहले सप्ताह में उपलब्ध कराए गए। इसका असर यह हुआ कि छात्र लंबे समय तक पुराने पैटर्न के आधार पर पढ़ाई करते रहे और अब परीक्षा से ठीक पहले उन्हें तैयारी की दिशा बदलनी पड़ी।
मानसिक स्थिति पर असर
कई स्कूल अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने में लगे हैं। छात्रों का कहना है कि सिलेबस भी अधूरा है, जिससे रिवीजन और आत्मविश्वास दोनों प्रभावित हो रहे हैं। इस वर्ष 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में करीब 18 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। सैंपल पेपर में देरी और अधूरा सिलेबस इतने बड़े स्तर पर छात्रों की तैयारी और मानसिक स्थिति पर असर डाल रहा है।
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इस छोटे प्रश्नो की संख्या ज्यादा
दसवीं और बारहवीं की वार्षिक परीक्षा 2026 के लिए सैंपल पेपर जारी कर दिए हैं। इस बार विद्यार्थियों को छोटे-छोटे प्रश्नों पर ज्यादा ध्यान देना होगा, जबकि लंबी और जटिल प्रश्नों की संख्या कम की गई है। सभी सैंपल पेपर और मेधावी विद्यार्थियों की आंसरशीट मंडल की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा का पैटर्न अब सीबीएसई के अनुसार होगा। पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा नवमी से बारहवीं तक के लिए किताबें इसी पैटर्न पर प्रकाशित की गई हैं। पिछले साल बोर्ड परीक्षा परंपरागत पैटर्न पर आधारित थी, जिसमें मुख्य रूप से आब्जेक्टिव प्रश्न होते थे। मध्य प्रदेश में लगभग 18 लाख विद्यार्थी इस बार वार्षिक परीक्षा में शामिल होंगे। माशिमं का कहना है कि सैंपल पेपर के आधार पर नियमित अभ्यास करने से विद्यार्थी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
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मानसिक स्थिति पर असर
कई स्कूल अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने में लगे हैं। छात्रों का कहना है कि सिलेबस भी अधूरा है, जिससे रिवीजन और आत्मविश्वास दोनों प्रभावित हो रहे हैं। इस वर्ष 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में करीब 18 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। सैंपल पेपर में देरी और अधूरा सिलेबस इतने बड़े स्तर पर छात्रों की तैयारी और मानसिक स्थिति पर असर डाल रहा है।
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इस छोटे प्रश्नो की संख्या ज्यादा
दसवीं और बारहवीं की वार्षिक परीक्षा 2026 के लिए सैंपल पेपर जारी कर दिए हैं। इस बार विद्यार्थियों को छोटे-छोटे प्रश्नों पर ज्यादा ध्यान देना होगा, जबकि लंबी और जटिल प्रश्नों की संख्या कम की गई है। सभी सैंपल पेपर और मेधावी विद्यार्थियों की आंसरशीट मंडल की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा का पैटर्न अब सीबीएसई के अनुसार होगा। पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा नवमी से बारहवीं तक के लिए किताबें इसी पैटर्न पर प्रकाशित की गई हैं। पिछले साल बोर्ड परीक्षा परंपरागत पैटर्न पर आधारित थी, जिसमें मुख्य रूप से आब्जेक्टिव प्रश्न होते थे। मध्य प्रदेश में लगभग 18 लाख विद्यार्थी इस बार वार्षिक परीक्षा में शामिल होंगे। माशिमं का कहना है कि सैंपल पेपर के आधार पर नियमित अभ्यास करने से विद्यार्थी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
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