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MP News: SIR पर घमासान जारी, नेता प्रतिपक्ष ने आदिवासी वोट कटाने का लगाया आरोप, दिग्विजय ने 30 फर्जी नाम पकड़े
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Sun, 30 Nov 2025 01:43 PM IST
सार
मध्य प्रदेश में मतदाता पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकारी सिस्टम के जरिए आदिवासी बहुल इलाकों में मतदाताओं के नाम काटने की कोशिश हो रही है। वहीं, भोपाल के नरेला क्षेत्र में जांच के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को संघ कार्यालय में फर्जी नामों का मामला मिला, जिसके बाद पार्टी ने चुनाव आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
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नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर बड़ा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि धार सहित आदिवासी बहुल जिलों में योजनाबद्ध तरीके से आदिवासी मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं। सिंघार ने दावा किया कि धार कलेक्टर ने प्रशासन को मौखिक रूप से SIR फॉर्म रोकने के निर्देश दिए हैं ताकि मजदूरी के लिए बाहर गए आदिवासी मतदाताओं को शिफ्टेड वोटर बताकर सूची से हटाया जा सके। इधर, SIR प्रक्रिया की शिकायतों की जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र पहुंचे। वे मतदान केंद्र क्रमांक 189 पर पहुंचे, जहां स्थानीय कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने उन्हें मतदाता सूची की खामियां दिखाईं। जिस मकान नंबर 70 पर वे जांच करने पहुंचे, वहां ज्योतिबा फुले शाखा, नवीन नगर संघ कार्यालय का बोर्ड लगा मिला।
अन्य राज्यों में काम पर गए आदिवासी मजदूर,उनका नाम काटना सरासर अन्या
सिंघार ने कहा कि गुजरात और अन्य राज्यों में काम पर गए आदिवासी मजदूर मजबूरी में गांव छोड़ते हैं। वे सिर्फ एक फॉर्म भरने के लिए 3,000 रुपये खर्च कर गांव नहीं लौट सकते। ऐसे में उनका नाम काटना सरासर अन्याय है। उन्होंने चुनाव आयोग से पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की और आरोप लगाया कि “यह सिर्फ एक जिले का नहीं, पूरे एमपी का मामला है। सरकार पूरे प्रदेश में 50 लाख वोटर हटाने की तैयारी में है।”
SDM ने दिग्विजय से कहा पटवारी भेज देते हैं
दिग्विजय सिंह ने कहा नरेला विधानसभा के बूथ नंबर 189 का यह मकान नंबर 70 है। यह मध्य प्रदेश शिक्षक संघ का प्रांतीय कार्यालय है और ऊपर आरएसएस के पथ संचलन का बोर्ड लगा हुआ है। ऊपर एक एकेडमी भी दर्ज है, लेकिन मौके पर पहुंचकर मैंने स्वयं देखा वहां कोई गतिविधि नहीं चल रही थी। उन्होंने बताया कि इस मकान का मैंने पूरा निरीक्षण किया। यहां की BLO प्रतिमा भिलवारे से पहले जो BLO थीं, वे इस समय हज यात्रा पर गई हुई हैं। वहीं, सुपरवाइजर भी बदल दिए गए हैं। मौजूदा सुपरवाइजर रमेश जैन का फोन भी नहीं लग रहा। मेरी SDM (जो ARO भी हैं) से फोन पर बात हुई। उन्होंने कहा कि वे पटवारी को भेज देंगे। लेकिन मैंने स्पष्ट किया कि हमें पटवारी से नहीं, बल्कि BLO, सुपरवाइजर और ARO से बातचीत करनी थी।दिग्विजय ने बताया कि 2025 की जो मतदाता सूची हमें मिलकर दी गई है, उसमें इस मकान पर 30 व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं, जबकि हकीकत में यहां सिर्फ एक ही मतदाता रहता है। यानी 29 नाम गलत तरीके से जोड़े गए हैं।
यह भी पढ़ें-शराब चालान घोटाले में 70 करोड़ की संपत्ति जब्त, ईडी ने इंदौर, मंदसौर और खरगोन में की कार्रवाई
जहां 30 वोटर दर्ज, वहां सिर्फ एक व्यक्ति रहता है
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे हंडिया में चावल देखकर पता करते हैं कि पका है या नहीं, उसी तरह यहां की स्थिति भी समझी जा सकती है। एक मकान में 30 वोटर दर्ज हैं, जबकि वास्तविकता में केवल एक व्यक्ति रहता है। यह वही कार्यालय है जहां मप्र शिक्षक संघ और आरएसएस का संचालन होता है। यहां रहने वाले गौतम आर्य संघ के शाखा प्रशिक्षक हैं।
यह भी पढ़ें-MP DGP कैलाश मकवाणा ने क्राइम प्रिवेंशन, पब्लिक ट्रस्ट, ‘नशे से दूरी–है जरूरी’ पर दिया प्रजेंटेश
जहां आरएसएस की बैठकें होती हैं, वहीं गड़बड़ी पकड़ी गई
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जहां आरएसएस की गतिविधियां चलती हैं, वहीं यह अनियमितता सामने आई है। अब इसका जिम्मेदार कौन है? दोष किस पर ठहराया जाए? उन्होंने SIR प्रक्रिया को पूरी तरह त्रुटिपूर्ण बताते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सजगता के कारण यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आ पाया। हमारा अनुमान है कि पूरे भोपाल में मतदाता सूची के लगभग 25% नाम संदिग्ध हो सकते हैं।
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अन्य राज्यों में काम पर गए आदिवासी मजदूर,उनका नाम काटना सरासर अन्या
सिंघार ने कहा कि गुजरात और अन्य राज्यों में काम पर गए आदिवासी मजदूर मजबूरी में गांव छोड़ते हैं। वे सिर्फ एक फॉर्म भरने के लिए 3,000 रुपये खर्च कर गांव नहीं लौट सकते। ऐसे में उनका नाम काटना सरासर अन्याय है। उन्होंने चुनाव आयोग से पूरे मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की और आरोप लगाया कि “यह सिर्फ एक जिले का नहीं, पूरे एमपी का मामला है। सरकार पूरे प्रदेश में 50 लाख वोटर हटाने की तैयारी में है।”
SDM ने दिग्विजय से कहा पटवारी भेज देते हैं
दिग्विजय सिंह ने कहा नरेला विधानसभा के बूथ नंबर 189 का यह मकान नंबर 70 है। यह मध्य प्रदेश शिक्षक संघ का प्रांतीय कार्यालय है और ऊपर आरएसएस के पथ संचलन का बोर्ड लगा हुआ है। ऊपर एक एकेडमी भी दर्ज है, लेकिन मौके पर पहुंचकर मैंने स्वयं देखा वहां कोई गतिविधि नहीं चल रही थी। उन्होंने बताया कि इस मकान का मैंने पूरा निरीक्षण किया। यहां की BLO प्रतिमा भिलवारे से पहले जो BLO थीं, वे इस समय हज यात्रा पर गई हुई हैं। वहीं, सुपरवाइजर भी बदल दिए गए हैं। मौजूदा सुपरवाइजर रमेश जैन का फोन भी नहीं लग रहा। मेरी SDM (जो ARO भी हैं) से फोन पर बात हुई। उन्होंने कहा कि वे पटवारी को भेज देंगे। लेकिन मैंने स्पष्ट किया कि हमें पटवारी से नहीं, बल्कि BLO, सुपरवाइजर और ARO से बातचीत करनी थी।दिग्विजय ने बताया कि 2025 की जो मतदाता सूची हमें मिलकर दी गई है, उसमें इस मकान पर 30 व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं, जबकि हकीकत में यहां सिर्फ एक ही मतदाता रहता है। यानी 29 नाम गलत तरीके से जोड़े गए हैं।
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जहां 30 वोटर दर्ज, वहां सिर्फ एक व्यक्ति रहता है
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे हंडिया में चावल देखकर पता करते हैं कि पका है या नहीं, उसी तरह यहां की स्थिति भी समझी जा सकती है। एक मकान में 30 वोटर दर्ज हैं, जबकि वास्तविकता में केवल एक व्यक्ति रहता है। यह वही कार्यालय है जहां मप्र शिक्षक संघ और आरएसएस का संचालन होता है। यहां रहने वाले गौतम आर्य संघ के शाखा प्रशिक्षक हैं।
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जहां आरएसएस की बैठकें होती हैं, वहीं गड़बड़ी पकड़ी गई
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जहां आरएसएस की गतिविधियां चलती हैं, वहीं यह अनियमितता सामने आई है। अब इसका जिम्मेदार कौन है? दोष किस पर ठहराया जाए? उन्होंने SIR प्रक्रिया को पूरी तरह त्रुटिपूर्ण बताते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सजगता के कारण यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आ पाया। हमारा अनुमान है कि पूरे भोपाल में मतदाता सूची के लगभग 25% नाम संदिग्ध हो सकते हैं।

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