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MP Weather: इस सीजन में 21% ज्यादा बारिश, 5 साल में दूसरी बार सबसे अधिक गिरा पानी, पिछले सीजन से 3% अधिक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Wed, 01 Oct 2025 06:41 PM IST
सार
राज्य में इस साल अब तक औसतन 44.77 इंच के करीब बारिश हो चुकी है। यह आंकड़ा न सिर्फ इस बार के मौसम की प्रचुरता को दर्शाता है, बल्कि पिछले साल की तुलना में लगभग 3% अधिक वर्षा को भी दिखाता है। वर्ष 2023 में पूरे सीजन के दौरान 18% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
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बारिश
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भोपाल मध्य प्रदेश में इस वर्ष अब तक औसत से 21% अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे यह बारिश के लिहाज़ से पिछले 5 वर्षों में दूसरा सबसे ज्यादा बरसात वाला साल बन गया है। राज्य में सामान्य वर्षा का औसत लगभग 37 इंच माना जाता है। इसके ऊपर होने वाली बारिश को "अधिक वर्षा" की श्रेणी में रखा जाता है। राज्य में इस साल अब तक औसतन 44.77 इंच के करीब बारिश हो चुकी है। यह आंकड़ा न सिर्फ इस बार के मौसम की प्रचुरता को दर्शाता है, बल्कि पिछले साल की तुलना में लगभग 3% अधिक वर्षा को भी दिखाता है। वर्ष 2023 में पूरे सीजन के दौरान 18% अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई थी।
बीते पांच साल का बारिश का लेखा-जोखा
वर्ष बारिश की स्थिति
2021 सामान्य बारिश
2022 23% अधिक बारिश (सबसे अधिक)
2023 सामान्य बारिश
2024 18% अधिक बारिश
2025 21% अधिक बारिश
सबसे कम और सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले
इस बार गुना में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। 65.5 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। मंडला-रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में शामिल हैं।
यह भी पढ़ें-वन विहार से शुरू हुआ वन्यजीव सप्ताह, CM बोले-मप्र बनेगा इको सिस्टम मॉडल, जल-थल-नभ में संतुलन की कोशिश
किसानों और जल स्रोतों के लिए राहत
विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष लगातार हो रही बारिश ने कई जिलों में जलभराव और फसलों पर भी प्रभाव डाला है। हालांकि किसानों और जल स्रोतों के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन लगातार अधिक वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका भी बनी रही है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि अक्टूबर के पहले सप्ताह कुछ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जिससे इस वर्ष की कुल वर्षा सामान्य से और अधिक हो सकती है।
यह भी पढ़ें-हंगामे के बाद BMHRC सहित 4 और सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को मिली मान्यता,अब भी 13 कालेज मान्यता से वंचित
क्या है सामान्य बारिश की परिभाषा?
मध्य प्रदेश में प्रति वर्ष औसतन 37 इंच बारिश को "सामान्य" माना जाता है। यदि यह आंकड़ा इससे 20% तक ऊपर या नीचे जाता है, तो उसे अधिक या कम वर्षा के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। मध्य प्रदेश इस वर्ष सामान्य से अधिक बारिश के चलते एक बार फिर जलवायु संतुलन और कृषि क्षेत्र के लिहाज से मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहा है। हालांकि ज्यादा बारिश के चलते प्रबंधन और राहत व्यवस्था की सतर्कता भी उतनी ही जरूरी हो जाती है।
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2021 सामान्य बारिश
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2024 18% अधिक बारिश
2025 21% अधिक बारिश
सबसे कम और सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले
इस बार गुना में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। 65.5 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। मंडला-रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। वहीं, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में शामिल हैं।
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किसानों और जल स्रोतों के लिए राहत
विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष लगातार हो रही बारिश ने कई जिलों में जलभराव और फसलों पर भी प्रभाव डाला है। हालांकि किसानों और जल स्रोतों के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन लगातार अधिक वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका भी बनी रही है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि अक्टूबर के पहले सप्ताह कुछ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जिससे इस वर्ष की कुल वर्षा सामान्य से और अधिक हो सकती है।
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क्या है सामान्य बारिश की परिभाषा?
मध्य प्रदेश में प्रति वर्ष औसतन 37 इंच बारिश को "सामान्य" माना जाता है। यदि यह आंकड़ा इससे 20% तक ऊपर या नीचे जाता है, तो उसे अधिक या कम वर्षा के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। मध्य प्रदेश इस वर्ष सामान्य से अधिक बारिश के चलते एक बार फिर जलवायु संतुलन और कृषि क्षेत्र के लिहाज से मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहा है। हालांकि ज्यादा बारिश के चलते प्रबंधन और राहत व्यवस्था की सतर्कता भी उतनी ही जरूरी हो जाती है।

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