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MP Weather Today: मध्य प्रदेश में फिर शुरू हुआ तेज बारिश का दौर, सीधी में 9 घंटे में 2 इंच से ज्यादा गिरा पानी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Fri, 03 Oct 2025 08:38 PM IST
सार
प्रदेश के 16 जिलों में शुक्रवार बारिश हुई। सीधी में 9 घंटे में 2 इंच से ज्यादा पानी गिरा। सागर में डेढ़ इंच और सतना में एक इंच बारिश हो गई। भोपाल, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, देवास, बैतूल, रतलाम, नरसिंहपुर, सागर, सतना, उमरिया, जबलपुर, बालाघाट, टीकमगढ़, रीवा, सिंगरौली समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा।
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मौसम
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में मौसम फिर से सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को बारिश का दौर जारी रहा। सीधी में 9 घंटे में 2 इंच से ज्यादा पानी गिरा। मऊगंज में पिछले 10 घंटे से पानी गिर रहा है।इसके अलावा भोपाल, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, देवास, बैतूल, रतलाम, नरसिंहपुर, सागर, सतना, उमरिया, जबलपुर, बालाघाट, टीकमगढ़, रीवा, सिंगरौली समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा। सागर में डेढ़ इंच और सतना में एक इंच बारिश हो गई। मौसम विभाग ने 4 जिले- रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में अगले 24 घंटे के दौरान 8 इंच तक बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी 4 अक्टूबर को भी बनी रहेगी।
चक्रवाती परिसंचरण तंत्र भी प्रभाव
मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में डिप्रेशन और डीप डिप्रेशन की सक्रियता देखी जा रही है। साथ ही दो चक्रवाती परिसंचरण तंत्र भी प्रभाव में हैं, जिनमें से एक मध्यप्रदेश के पूर्वी भाग पर सक्रिय है। इसका असर शुक्रवार से देखने को मिलेगा। आगामी 48 घंटों तक अच्छी बारिश की संभावना बनी रहेगी।
यह भी पढ़ें-यह भोपाल एम्स में प्लाज्मा गायब होने का मामला, दो कर्मचारियों पर मामला दर्ज, CCTV से खुली पोल
10 अक्टूबर तक प्रदेश से विदा लेगा मानसून
प्रदेश के 12 जिलों से मानसून की विदाई हो चुकी है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून लौट चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान परिस्थितियां पूरी तरह अनुकूल नहीं हैं, लेकिन 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदा ले लेगा। गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून ने प्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी, जो सामान्य तिथि से एक दिन बाद है। आमतौर पर 6 अक्टूबर तक मानसून विदा हो जाता है, लेकिन सक्रिय सिस्टम के चलते यह प्रक्रिया थोड़ी आगे बढ़ सकती है।
यह भी पढ़ें-भोपाल में विजयादशमी पर रावण दहन की धूम, राजधानी के कोलार में जलाया गया प्रदेश का सबसे ऊंचा रावण
गुना रहा सबसे अधिक वर्षा वाला जिला
इस बार प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा गुना जिले में दर्ज की गई 65.6 इंच। मंडला और रायसेन में भी 62 इंच से अधिक वर्षा हुई। वहीं श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा पानी गिरा। दूसरी ओर, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में वर्षा अपेक्षाकृत कम हुई है। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच वर्षा दर्ज की गई है। मानसून की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में वर्षा की स्थिति संतोषजनक नहीं थी। इंदौर में तो एक समय सबसे कम बारिश दर्ज की गई थी। लेकिन सितंबर में हुई अच्छी बारिश से इंदौर में सामान्य वर्षा का लक्ष्य पूरा हो गया है। उज्जैन में कुछ जिलों में अभी भी सुधार की जरूरत है। सबसे कम वर्षा वाले जिलों में शाजापुर अभी भी शीर्ष पर है।
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चक्रवाती परिसंचरण तंत्र भी प्रभाव
मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में डिप्रेशन और डीप डिप्रेशन की सक्रियता देखी जा रही है। साथ ही दो चक्रवाती परिसंचरण तंत्र भी प्रभाव में हैं, जिनमें से एक मध्यप्रदेश के पूर्वी भाग पर सक्रिय है। इसका असर शुक्रवार से देखने को मिलेगा। आगामी 48 घंटों तक अच्छी बारिश की संभावना बनी रहेगी।
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10 अक्टूबर तक प्रदेश से विदा लेगा मानसून
प्रदेश के 12 जिलों से मानसून की विदाई हो चुकी है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून लौट चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान परिस्थितियां पूरी तरह अनुकूल नहीं हैं, लेकिन 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदा ले लेगा। गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून ने प्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी, जो सामान्य तिथि से एक दिन बाद है। आमतौर पर 6 अक्टूबर तक मानसून विदा हो जाता है, लेकिन सक्रिय सिस्टम के चलते यह प्रक्रिया थोड़ी आगे बढ़ सकती है।
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गुना रहा सबसे अधिक वर्षा वाला जिला
इस बार प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा गुना जिले में दर्ज की गई 65.6 इंच। मंडला और रायसेन में भी 62 इंच से अधिक वर्षा हुई। वहीं श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा पानी गिरा। दूसरी ओर, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में वर्षा अपेक्षाकृत कम हुई है। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच, बड़वानी में 33.5 इंच और धार में 33.6 इंच वर्षा दर्ज की गई है। मानसून की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में वर्षा की स्थिति संतोषजनक नहीं थी। इंदौर में तो एक समय सबसे कम बारिश दर्ज की गई थी। लेकिन सितंबर में हुई अच्छी बारिश से इंदौर में सामान्य वर्षा का लक्ष्य पूरा हो गया है। उज्जैन में कुछ जिलों में अभी भी सुधार की जरूरत है। सबसे कम वर्षा वाले जिलों में शाजापुर अभी भी शीर्ष पर है।

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