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MP Weather: प्रदेश के दक्षिणी जिलों में बदला मौसम, 15 जिलों में बारिश और गरज-चमक का अलर्ट, ठंडी रातें,गर्म दिन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Wed, 22 Oct 2025 07:27 AM IST
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सार
अरब सागर में सक्रिय सिस्टम के चलते मौसम विभाग ने इंदौर, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, देवास, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है।

मौसम
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्यप्रदेश के दक्षिणी हिस्से में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। अरब सागर में सक्रिय सिस्टम के चलते राज्य के कई जिलों में आंधी, बारिश और गरज-चमक का असर देखने को मिल रहा है। दिवाली की रात जबलपुर में झमाझम बारिश हुई, वहीं मंगलवार को भोपाल समेत कई जगहों पर बादल छाए रहे और हल्की बूंदाबांदी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने इंदौर, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, देवास, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी और बालाघाट में हल्की बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया है। यह स्थिति बुधवार को भी बनी रह सकती है।
अरब सागर में सिस्टम एक्टिव, असर MP तक
दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बना लो प्रेशर एरिया अगले 24 घंटों में और मजबूत हो सकता है। साथ ही, समुद्र में चक्रवातीय गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं, जिनका प्रभाव विशेष रूप से मध्यप्रदेश के दक्षिणी इलाकों में पड़ेगा।
रात में ठंड, दिन में गर्मी
राज्य में मौसम के इस बदलाव का असर तापमान पर भी साफ नजर आ रहा है। रातें ठंडी हो गई हैं, जबकि दिन में धूप के कारण गर्मी बनी हुई है। भोपाल में रात का तापमान गिरकर 17.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इंदौर में 18.6 डिग्री, ग्वालियर और उज्जैन में 19.5 डिग्री, जबकि जबलपुर में 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सबसे कम तापमान राजगढ़ में 15.4 डिग्री रहा।
नवंबर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा, जो जनवरी के अंत तक रहेगा। इस बार फरवरी तक ठंड का असर महसूस किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2010 के बाद यह सबसे सर्द सर्दी हो सकती है। साथ ही, सर्दियों में सामान्य से ज्यादा बारिश की भी संभावना है।
यह भी पढ़ें-भोपाल नगर निगम ने 20 टन पटाखों का कचरा किया अलग, वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण की तैयारी
विदा हो चुका है मानसून, फिर भी जारी है बारिश
मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि मध्यप्रदेश से मानसून 13 अक्टूबर को विदा हो चुका है। हालांकि, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाले सिस्टम के कारण छिटपुट बारिश का सिलसिला जारी है। इस साल प्रदेश में मानसून की एंट्री 16 जून को हुई थी और कुल 3 महीने 28 दिन सक्रिय रहा।
यह भी पढ़ें-मध्य प्रदेश में दीपावली पर पटाखों से दमघोंटू हुई हवा, प्रदेश में इंदौर-ग्वालियर का AQI रहा सबसे ज्यादा
बारिश में कई जिलों ने तोड़ा रिकॉर्ड
इस मानसून सीजन में प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। गुना सबसे अधिक बारिश वाला जिला रहा, जहां 65.7 इंच पानी गिरा। वहीं श्योपुर में 216.3% बारिश दर्ज की गई। ग्वालियर-चंबल संभाग में औसत से दोगुनी बारिश हुई। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) वर्षा हुई, जो भारी कमी की श्रेणी में आता है। उज्जैन, सीहोर और बैतूल में कोटा पूरा तो नहीं हुआ, लेकिन सामान्य के करीब वर्षा हुई।

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अरब सागर में सिस्टम एक्टिव, असर MP तक
दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बना लो प्रेशर एरिया अगले 24 घंटों में और मजबूत हो सकता है। साथ ही, समुद्र में चक्रवातीय गतिविधियां भी शुरू हो गई हैं, जिनका प्रभाव विशेष रूप से मध्यप्रदेश के दक्षिणी इलाकों में पड़ेगा।
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रात में ठंड, दिन में गर्मी
राज्य में मौसम के इस बदलाव का असर तापमान पर भी साफ नजर आ रहा है। रातें ठंडी हो गई हैं, जबकि दिन में धूप के कारण गर्मी बनी हुई है। भोपाल में रात का तापमान गिरकर 17.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। इंदौर में 18.6 डिग्री, ग्वालियर और उज्जैन में 19.5 डिग्री, जबकि जबलपुर में 21 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सबसे कम तापमान राजगढ़ में 15.4 डिग्री रहा।
नवंबर से पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा, जो जनवरी के अंत तक रहेगा। इस बार फरवरी तक ठंड का असर महसूस किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2010 के बाद यह सबसे सर्द सर्दी हो सकती है। साथ ही, सर्दियों में सामान्य से ज्यादा बारिश की भी संभावना है।
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विदा हो चुका है मानसून, फिर भी जारी है बारिश
मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि मध्यप्रदेश से मानसून 13 अक्टूबर को विदा हो चुका है। हालांकि, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाले सिस्टम के कारण छिटपुट बारिश का सिलसिला जारी है। इस साल प्रदेश में मानसून की एंट्री 16 जून को हुई थी और कुल 3 महीने 28 दिन सक्रिय रहा।
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बारिश में कई जिलों ने तोड़ा रिकॉर्ड
इस मानसून सीजन में प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई। गुना सबसे अधिक बारिश वाला जिला रहा, जहां 65.7 इंच पानी गिरा। वहीं श्योपुर में 216.3% बारिश दर्ज की गई। ग्वालियर-चंबल संभाग में औसत से दोगुनी बारिश हुई। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) वर्षा हुई, जो भारी कमी की श्रेणी में आता है। उज्जैन, सीहोर और बैतूल में कोटा पूरा तो नहीं हुआ, लेकिन सामान्य के करीब वर्षा हुई।