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Hindi News ›   Madhya Pradesh ›   Bhopal News ›   Ruckus over toxic waste: Today the matter will be raised at the doorstep of Supreme Court, High Court and NGT.

MP News: जहरीले कचरे पर बवाल, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट से लेकर एनजीटी की चौखट पर सोमवार को उठेगा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sun, 05 Jan 2025 09:12 PM IST
सार

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर कल सुनवाई हो सकती है। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार भी कचरे को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट रखेंगी। सरकार कोर्ट से कचरा जलाने के लिए समय मांगेगी। 

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Ruckus over toxic waste: Today the matter will be raised at the doorstep of Supreme Court, High Court and NGT.
पीथमपुर में जलेगा यूनियन कार्बाइड का कचरा। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को लेकर बवाल जारी है। सोमवार को यह मामला शीर्ष अदालतों में गूंज सकता है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर पीथमपुर में कचरा जलाने पर रोक लगाने की मांग की गई है। वहीं, मप्र हाईकोर्ट जबलपुर में मध्य प्रदेश सरकार कचरा भोपाल से पीथमपुर शिफ्ट करने के मामले में अब तक की प्रगति रिपोर्ट पेश करेगी। चूंकि, कचरा जलाने का विरोध हो रहा है, इसलिए राज्य सरकार हाईकोर्ट से कुछ मोहलत मांग सकती है। सीएम डॉ. मोहन यादव और सीएस अनुराग जैन कह चुके हैं कि जनता की आम राय बनाकर कचरा जलाने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा जाएगा। उधर, एक याचिका एनजीटी में भी याचिका दायर की गई है। इसमें प्रदेश के मुख्य सचिव से यह लिखित वादा लेने की गुहार लगाई गई कि वे यह लिखकर दें कि कचरा जलाने से पीथमपुर के लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में जलाने पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि जहरीले कचरे को भोपाल से पीथमपुर ले जाने का फैसला लेते समय पीथमपुर के लोगों से कोई सलाह या सहमति नहीं ली गई। पीथमपुर में रहने वालों को रेडिएशन का खतरा हो सकता है। यदि रेडिएशन हुआ तो पीथमपुर में चिकित्सा सुविधाएं भी मौजूद नहीं हैं। 
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मप्र सरकार कचरा जलाने के लिए सहमति बनाने मांगेगी वक्त
उधर, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा है कि कचरे के निपटारे को लेकर लोगों के बीच फैल रही गलतफहमियों को दूर करने की आवश्यकता है। कचरे के निपटारे से किसी को कोई खतरा नहीं होगा। यह काम वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में होगा। सरकार ने अब तक कोर्ट के निर्देशों का पालन किया है। जनविरोध को लेकर कोर्ट में पक्ष रखा जाएगा। वर्तमान में सरकार ने कचरे को पीथमपुर में डंप किया है। हाईकोर्ट ने 6 जनवरी तक इसे हटाने के कहा था। सोमवार को पेश होने वाली प्रगति रिपोर्ट में सरकार कचरे के निष्पादन के लिए समय मांगेगी। आम सहमति के बाद ही कचरे को जलाया जाएगा।
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एनजीटी में भी याचिका दायर 
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की भोपाल पीठ में भी जहरीले कचरे को लेकर याचिका दायर की गई है। इसमें सरकार से कचरे को जलाने पर आसपास के लोगों को कोई नुकसान नहीं होने का आश्वासन मांगा गया है। जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शन मंच की तरफ से याचिका दायर की गई है। इसमें याचिकाकर्ता की तरफ से मांग की गई है कि सरकार को निर्देशित किया जाए कि वह कचरे को जलाने को लेकर जनता की चिंताओं को दूर करें। इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट मीडिया में प्रकाशित कराई जाए। साथ ही प्रदेश सरकार के अधिकारियों से कचरे को जलाने से स्थानीय लोगों को कोई नुकसान नहीं होने का शपथ पत्र लेने का अनुराध किया गया है। संगठन की तरफ से याचिका लगाने की चिंताओं को लेकर बताया कि यूनियन कार्बाइड के 1984 के हादसे में हजारों लोगों की जान चल गई और आज भी प्रभावित लोग उस त्रासदी के असर से जूझ रहे हैं। 

बता दें, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर यूनियन कार्बाइड का 337 टन कचरा दो- तीन जनवरी की दरमियानी रात को भोपाल से पीथमपुर भेजा गया है। इसके बाद पीथमपुर में कचरा जलाने को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। दो लोगों ने आत्मदाह करने का प्रयास किया। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं, पुलिस पर भी पथराव हुआ। इस मामले में अब प्रशासन लोगों की सहमति से ही कचरा जलाने की बात कह चुका है।
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