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Chhindwara News: भोकई जंगल में महिला की संदिग्ध मौत से सनसनी, तेंदुआ-बाघ या हत्या? जांच में जुटा वन विभाग
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छिंदवाडा
Published by: छिंदवाड़ा ब्यूरो
Updated Fri, 18 Jul 2025 12:48 PM IST
सार
छिंदवाड़ा जिले के भोकई जंगल में खेत जा रही 40 वर्षीय महिला चंपीबाई ढाकरिया का शव संदिग्ध हालत में मिला। सिर की हड्डियां टूटी थीं और चेहरे पर गहरे घाव थे। पुलिस और वन विभाग को बाघ या तेंदुए के हमले की आशंका है, लेकिन शरीर पर पंजों या घसीटने के निशान न होने से हत्या की भी संभावना जताई जा रही है।
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(प्रतीकात्मक फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
रावनवाडा शिवपुरी थाना क्षेत्र के भोकई जंगल में बुधवार को एक 40 वर्षीय महिला का क्षत-विक्षत शव मिलने से इलाके में दहशत फैल गई। मृतका की पहचान उरधन गांव निवासी चंपीबाई ढाकरिया के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में मामला जंगली जानवर के हमले का माना जा रहा है, लेकिन कुछ संदिग्ध बिंदु हत्या की आशंका भी जता रहे हैं। पुलिस और वन विभाग दोनों ही मामले की जांच में जुट गए हैं।
खेत जाने निकली महिला का जंगल में मिला शव
चंपीबाई ढाकरिया बुधवार दोपहर करीब 2 बजे अपने खेत तूमड़ी जाने निकली थीं। जब शाम तक वह घर नहीं लौटीं तो पति और ग्रामीणों ने खोजबीन शुरू की। रात 8 बजे जंगल के बीट क्रमांक 734 में उनका शव मिला। चेहरा बुरी तरह क्षत-विक्षत था और सिर की कई हड्डियां टूटी हुई थीं।
पोस्टमार्टम में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
शव को रात 3 बजे परासिया अस्पताल लाया गया, जहां सुबह पोस्टमार्टम हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, चेहरे पर गहरे दांतों के निशान हैं, लेकिन शरीर पर पंजों या नाखूनों के निशान नहीं पाए गए। इसके साथ ही शव को खाया नहीं गया और आसपास घसीटने के भी कोई निशान नहीं मिले।
ये भी पढ़ें: तेंदूखेड़ा में उल्टी-दस्त का कहर, दूषित पानी और गंदगी से बीमार हुए दर्जनों लोग, प्रशासन ने संभाला
हमलावर की पहचान अधूरी
विशेषज्ञों ने बाघ के हमले की आशंका जताई है क्योंकि तेंदुआ आमतौर पर शिकार को खाता है। वहीं, घटनास्थल के पास एक पत्ते पर सिंदूर का निशान भी मिला है, जिसने मामले को और उलझा दिया है। बता दें, छह महीने पहले इसी क्षेत्र में बाघ कैमरे में कैद हुआ था और तीन दिन पहले तेंदुआ पास के गांव में बकरे का शिकार कर चुका है।
वन विभाग ने शुरू की सर्चिंग
घटना के बाद वन विभाग के डिप्टी रेंजर की अगुआई में टीम ने इलाके में पगमार्क, घसीटने के निशान और अन्य सुराग जुटाने का काम शुरू कर दिया है। SDM के निर्देश पर पोस्टमार्टम के दौरान पशु चिकित्सक की उपस्थिति भी सुनिश्चित की गई। वन विभाग ने घटना को मानव-वन्यप्राणी संघर्ष मानते हुए मुआवजा प्रक्रिया शुरू कर दी है। मृतका के परिजनों को फिलहाल ₹5,000 की तात्कालिक सहायता दी गई है और जांच पूरी होने पर ₹8 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
पुलिस को हत्या की आशंका, जांच जारी
वन विभाग इसे वन्यप्राणी हमला मान रहा है, लेकिन पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं किया है। शरीर पर पंजे या घसीटने के निशान न होना, और शव को न खाया जाना इस आशंका को बल देते हैं। अंतिम निर्णय पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के आधार पर होगा।
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चंपीबाई ढाकरिया बुधवार दोपहर करीब 2 बजे अपने खेत तूमड़ी जाने निकली थीं। जब शाम तक वह घर नहीं लौटीं तो पति और ग्रामीणों ने खोजबीन शुरू की। रात 8 बजे जंगल के बीट क्रमांक 734 में उनका शव मिला। चेहरा बुरी तरह क्षत-विक्षत था और सिर की कई हड्डियां टूटी हुई थीं।
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पोस्टमार्टम में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
शव को रात 3 बजे परासिया अस्पताल लाया गया, जहां सुबह पोस्टमार्टम हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, चेहरे पर गहरे दांतों के निशान हैं, लेकिन शरीर पर पंजों या नाखूनों के निशान नहीं पाए गए। इसके साथ ही शव को खाया नहीं गया और आसपास घसीटने के भी कोई निशान नहीं मिले।
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हमलावर की पहचान अधूरी
विशेषज्ञों ने बाघ के हमले की आशंका जताई है क्योंकि तेंदुआ आमतौर पर शिकार को खाता है। वहीं, घटनास्थल के पास एक पत्ते पर सिंदूर का निशान भी मिला है, जिसने मामले को और उलझा दिया है। बता दें, छह महीने पहले इसी क्षेत्र में बाघ कैमरे में कैद हुआ था और तीन दिन पहले तेंदुआ पास के गांव में बकरे का शिकार कर चुका है।
वन विभाग ने शुरू की सर्चिंग
घटना के बाद वन विभाग के डिप्टी रेंजर की अगुआई में टीम ने इलाके में पगमार्क, घसीटने के निशान और अन्य सुराग जुटाने का काम शुरू कर दिया है। SDM के निर्देश पर पोस्टमार्टम के दौरान पशु चिकित्सक की उपस्थिति भी सुनिश्चित की गई। वन विभाग ने घटना को मानव-वन्यप्राणी संघर्ष मानते हुए मुआवजा प्रक्रिया शुरू कर दी है। मृतका के परिजनों को फिलहाल ₹5,000 की तात्कालिक सहायता दी गई है और जांच पूरी होने पर ₹8 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
पुलिस को हत्या की आशंका, जांच जारी
वन विभाग इसे वन्यप्राणी हमला मान रहा है, लेकिन पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए हत्या की आशंका से भी इनकार नहीं किया है। शरीर पर पंजे या घसीटने के निशान न होना, और शव को न खाया जाना इस आशंका को बल देते हैं। अंतिम निर्णय पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के आधार पर होगा।

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