MP News: यूका की जहरीली राख पर हाईकोर्ट सख्त, एक्सपर्ट कमेटी से मांगा संतोषजनक जवाब, 14 अगस्त को सुनवाई
भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के विनिष्टीकरण को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के जवाबों पर असंतोष जताते हुए 14 अगस्त तक संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। जहरीली राख में मरकरी और रेडियोएक्टिव तत्वों की मौजूदगी पर चिंता जताई गई है।
विस्तार
यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के विनष्टीकरण से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने की। याचिका की सुनवाई के दौरान यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को नष्ट करने से निकली राख का विनष्टीकरण किए जाने के संबंध में विशेषज्ञ समिति के सदस्यों से युगलपीठ ने जवाब तलब किए। युगलपीठ द्वारा किए गए प्रश्नों का विशेषज्ञ संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं कर पाए। इस पर पीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 14 अगस्त को निर्धारित करते हुए समिति के सदस्यों से प्रश्नों के संबंध में संतोषजनक जवाब प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।
गौरतलब है कि साल 2004 में आलोक प्रताप सिंह ने यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के विनष्टीकरण की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की मृत्यु के बाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में कर रही थी। पिछली सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से पेश रिपोर्ट में बताया गया था कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण सफलतापूर्वक पीथमपुर स्थित सुविधा केंद्र में कर दिया गया है। केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तकनीकी विशेषज्ञों की देखरेख में जहरीले कचरे को नष्ट किया गया है। जहरीले कचरे से 850 मीट्रिक टन राख और अवशेष एकत्रित हुआ है। एमपी-पीसीबी से सीटीओ मिलने के बाद अलग लैंडफिल सेल में उसे नष्ट किया जाएगा। कोर्ट ने उक्त रिपोर्ट को रिकार्ड में लेते हुए अपने आदेश में एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों को अगली सुनवाई के उपस्थित रहने आदेश जारी किए थे।
ये भी पढ़ें- आर्थिक संकट से जूझ रही शहडोल नगर पालिका, दुकानदारों से बकाया वसूली तेज
इस दौरान हाईकोर्ट में एक अन्य जनहित याचिका के दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे की राख में रेडियो एक्टिव पदार्थ सक्रिय हैं, जो चिंता का विषय हैं। इसके अलावा राख में पारा है, जिसे नष्ट करने की तकनीक सिर्फ जापान और जर्मनी के पास है। हाईकोर्ट ने इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद मूल मामले के साथ सुनवाई के आदेश दिए थे। सभी याचिकाओं पर गुरुवार को संयुक्त रूप से सुनवाई की गई।
युगलपीठ ने ने सुनवाई के दौरान यूनियन कार्बाइड के जहरीला कचरा की राख में हैवी मेटल और मर्करी के संबंध में सवाल किए। इसके अलावा घनी आबादी वाले क्षेत्र के पास कचरे के विनष्टीकरण स्थल का चयन किए जाने के संबंध में भी युगलपीठ ने उपस्थित एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों से सवाल किए। एक्सपर्ट कमेटी के सदस्यों के जवाब पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ तथा खालिद नूर फखरूद्दीन ने पैरवी की।

कमेंट
कमेंट X