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MP News: 19 की उम्र, छह राज्यों में धमक और 100 से ज़्यादा चोरी के बाद थाने पहुंचकर बोली- साहब! सजा दे दो
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़
Published by: दिनेश शर्मा
Updated Wed, 16 Apr 2025 02:17 PM IST
सार
राजगढ़ के कड़िया गांव की आशा, जो बचपन से चोरी करती थी, अब मुख्यधारा में लौटना चाहती है। SP आदित्य मिश्रा की प्रेरणा और समझाइश से उसका हृदय परिवर्तन हुआ। हनुमान-रावण की कथा से प्रेरित होकर अब 25 अपराधियों ने अपराध छोड़ दिया है और नई ज़िंदगी शुरू कर रहे हैं।
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छह राज्यों में चोरियों की बात कबूलती महिला
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में राजगढ़ जिले के तीन गांव कड़िया सांसी, हुलखेड़ी और गुलखेड़ी का नाम शायद इस देश की हर राज्य की पुलिस के ज़हन में है। दरअसल ये तीनों गांव पूरे देश में लूट और डकैती की ट्रेनिंग देने के कारण सुर्खियों मे रहते हैं और आए दिन देश के कई राज्यों की पुलिस को कई मामलों में यहां के आरोपियों की तलाश रहती है। लेकिन अब इन गांवों की तस्वीर बदलती नज़र आ रही है। इसका ताज़ा उदाहरण है एक ऐसी लड़की जो महज छह साल की उम्र से देश के अलग अलग राज्यों में जाकर चोरी कर रही थी। उसके दबदबे का अंदाज़ा इसी बात से लगा सकते हैं कि वह छह राज्यों में 100 से ज़्यादा चोरियां कर चुकी हैं। उसी की ज़ुबानी सुनते हैं उसकी कहानी।
आखिर आशा (परिवर्तित नाम) का यह हृदय परिवर्तन कैसे हुआ। आपने फिल्मों में देखा होगा कि एक पुलिस अधिकारी किसी गांव में जाता है और लोगों को अपराध छोड़ने की नसीहत देता है। कुछ ऐसा ही राजगढ़ के युवा SP आदित्य मिश्रा ने किया। हालांकि उनका तरीक़ा थोड़ा अलग था। उन्होंने हनुमान जी और रावण का उदाहरण देते हुए लोगों को समझाने की कोशिश की। उसी का असर है कि हाल ही में 25 लोग अपराध की दुनिया छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं और अब आशा भी अपनी नई ज़िंदगी के सपने बुन रही है।
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राजगढ़ एसपी ने दी थी समझाइश
- फोटो : अमर उजाला
आठ साल की थी, तब से कर रही चोरियां
पुलिस का समझाइश का असर हुआ है। एसपी सर ने कहा था कि हमसे जितना बन पड़ेगा, सबको रोजगार दिलाऊंगा। मैं सबको कहना चाहती हूं कि सब बुरे काम छोड़ दें। आशा ने बताया कि मैं भी चोरियां करती थी। मैंने यूपी, एमपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र में भी चोरियां की हैं। मैं आठ साल की थी, तब से चोरियां कर रही हूं। एसपी सर ने जिस तरीके से समझाया, उससे मेरा मन परिवर्तन हुआ है। मेरे घरवाले मुझे चोरी करने भेजते थे।
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हनुमान-रावण का उदाहरण देकर दी थी समझाइश
एसपी जब कड़िया गांव गए थे तो वहा कथा हो रही थी। उसी दौरान एसपी ने कहा कि गुरु महाराज बता रहे थे कि हनुमानजी भी पुलिस की तरह ही थे। वो लंका गए थे रावण को समझाने के लिए की आपने गलती कर दी है। गलती स्वीकार करो और सीता मैया को रामजी के पास वापस भेज दो। पर रावण तो रावण था, सबने समझाने का प्रयास किया पर वो नहीं माना तो लंका जल गई। इसीलिए मेरा आपसे अनुरोध है। मैं भी प्रशासन के हनुमान के रूप में हूं और आपके पास आया हूं, कृपया करके जीवन में आप आगे बढ़ें। आप दो कदम चलेंगे तो मैं 20 कदम चलने को तैयार हूं, पर आप मत मजबूर करें कि हमें कुछ कठोर कदम उठाना पड़े। ऐसी कई चोपाल के बाद अपराधियों मे डर व्याप्त है और लोग चोरिया छोड़ मुख्य धारा मे आना चाहते हैं।
लोगों को भी सलाह
आशा ने बताया कि वह यह सब कुछ छोड़ना चाहती है और मुख्य धारा में जुड़ना चाहती है। वही उसने अन्य लोगों से भी अपील की है कि गलत काम छोड़कर अच्छा काम करें।
पुलिस का समझाइश का असर हुआ है। एसपी सर ने कहा था कि हमसे जितना बन पड़ेगा, सबको रोजगार दिलाऊंगा। मैं सबको कहना चाहती हूं कि सब बुरे काम छोड़ दें। आशा ने बताया कि मैं भी चोरियां करती थी। मैंने यूपी, एमपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र में भी चोरियां की हैं। मैं आठ साल की थी, तब से चोरियां कर रही हूं। एसपी सर ने जिस तरीके से समझाया, उससे मेरा मन परिवर्तन हुआ है। मेरे घरवाले मुझे चोरी करने भेजते थे।
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हनुमान-रावण का उदाहरण देकर दी थी समझाइश
एसपी जब कड़िया गांव गए थे तो वहा कथा हो रही थी। उसी दौरान एसपी ने कहा कि गुरु महाराज बता रहे थे कि हनुमानजी भी पुलिस की तरह ही थे। वो लंका गए थे रावण को समझाने के लिए की आपने गलती कर दी है। गलती स्वीकार करो और सीता मैया को रामजी के पास वापस भेज दो। पर रावण तो रावण था, सबने समझाने का प्रयास किया पर वो नहीं माना तो लंका जल गई। इसीलिए मेरा आपसे अनुरोध है। मैं भी प्रशासन के हनुमान के रूप में हूं और आपके पास आया हूं, कृपया करके जीवन में आप आगे बढ़ें। आप दो कदम चलेंगे तो मैं 20 कदम चलने को तैयार हूं, पर आप मत मजबूर करें कि हमें कुछ कठोर कदम उठाना पड़े। ऐसी कई चोपाल के बाद अपराधियों मे डर व्याप्त है और लोग चोरिया छोड़ मुख्य धारा मे आना चाहते हैं।
लोगों को भी सलाह
आशा ने बताया कि वह यह सब कुछ छोड़ना चाहती है और मुख्य धारा में जुड़ना चाहती है। वही उसने अन्य लोगों से भी अपील की है कि गलत काम छोड़कर अच्छा काम करें।

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