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चिंताजनक: पीसीओडी की शिकार हो रहीं हैं युवतियां, डॉक्टर बोले- इन लक्षणों को बिल्कुल न करें नजरअंदाज
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Mon, 20 Sep 2021 01:29 PM IST
सार
15 से 20 गुना बढ़े पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के मामले। इस बीमारी में युवतियां और महिलाएं मोटापे की हो रही हैं शिकार। जिम और डाइट से भी नहीं हो रहा है फायदा।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
- फोटो : अमर उजाला।

अनियंत्रित खानपान, बिगड़ी जीवन शैली के चलते बड़ी संख्या में 15 साल की किशोरी से लेकर 35 साल तक की महिलाएं पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) का शिकार हो रहीं हैं। चौंकाने वाली बात है कि पीसीओडी के केस 15 से 20 गुना तक बढ़ गए हैं। चिंता की बात यह है कि जानकारी के अभाव में इससे पीड़ित युवतियां और महिलाएं जिम और पॉर्लर में रुपये खर्च कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब वे डॉक्टरों के पास पहुंचती हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अवनीश कुमार ने बताया कि पीसीओडी के केस में इस कदर इजाफा हुआ है कि हर 50 में से 15-20 मरीज मिल रहीं हैं। इस बीमारी की वजह से युवतियां जहां मोटापे और अनियमित मासिक चक्र का शिकार हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर महिलाओं की प्रेग्नेंसी प्रभावित हो रही है।
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डॉ. अवनीश कुमार
- फोटो : अमर उजाला।
जिम और डायटिशियन की सलाह भी नहीं आएगी काम
डॉ. अवनीश ने बताया कि इस बीमारी की शिकार छात्राएं भी हो रही है। छात्राओं ने बताया कि मोटापे के कारण उन्होंने जिम और डायटिशियन की सलाह भी लीं, लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। इस दौरान उनके मासिक चक्र भी बदल गए। जांच में पता चला कि उन्हें पीसीओडी की दिक्कत है। फिलहाल इन लोगों का इलाज जारी है।
डॉ. अवनीश ने बताया कि इस बीमारी की शिकार छात्राएं भी हो रही है। छात्राओं ने बताया कि मोटापे के कारण उन्होंने जिम और डायटिशियन की सलाह भी लीं, लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। इस दौरान उनके मासिक चक्र भी बदल गए। जांच में पता चला कि उन्हें पीसीओडी की दिक्कत है। फिलहाल इन लोगों का इलाज जारी है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : iStock
प्रेग्नेंसी न होने से बढ़ रहा तनाव
पीसीओडी की शिकार महिलाओं को सबसे अधिक दिक्कत प्रेग्नेंसी को लेकर है। हर पांच महिलाओं में यह समस्या देखने को मिल रही है। महिलाओं की अनियमित मासिक की वजह से शादी के बाद प्रेग्नेंसी की समस्याएं बढ़ गई हैं। इसकी वजह से महिलाएं चिंतित हैं।
पीसीओडी की शिकार महिलाओं को सबसे अधिक दिक्कत प्रेग्नेंसी को लेकर है। हर पांच महिलाओं में यह समस्या देखने को मिल रही है। महिलाओं की अनियमित मासिक की वजह से शादी के बाद प्रेग्नेंसी की समस्याएं बढ़ गई हैं। इसकी वजह से महिलाएं चिंतित हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला।
इन लक्षणों को बिल्कुल न करें नजरअंदाज
डॉ. अवनीश का कहना है कि अनियमित मासिक चक्र, लगातार वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, पेट में दर्द बने रहना, त्वचा संबंधी समस्याएं और अनचाहे बालों की दिक्कत अगर बनी रहती है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। इन सब लक्षणों को देखते ही विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलें, जिम और पॉर्लर जाने से समस्या का कोई समाधान नहीं होना। ऐसे में उनकी समस्याएं और बढ़ेंगी।
डॉ. अवनीश का कहना है कि अनियमित मासिक चक्र, लगातार वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, पेट में दर्द बने रहना, त्वचा संबंधी समस्याएं और अनचाहे बालों की दिक्कत अगर बनी रहती है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। इन सब लक्षणों को देखते ही विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलें, जिम और पॉर्लर जाने से समस्या का कोई समाधान नहीं होना। ऐसे में उनकी समस्याएं और बढ़ेंगी।
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- फोटो : अमर उजाला।
यह है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
डॉ. अवनीश ने बताया कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में हार्मोंस में असंतुलन के कारण ओवरी में छोटी-छोटी गांठे यानी सिस्ट बन जाते हैं। इनकी वजह से बड़े-बड़े हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं। जो पीरियड्स व प्रेग्नेंसी को प्रभावित करते हैं।
डॉ. अवनीश ने बताया कि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम में हार्मोंस में असंतुलन के कारण ओवरी में छोटी-छोटी गांठे यानी सिस्ट बन जाते हैं। इनकी वजह से बड़े-बड़े हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं। जो पीरियड्स व प्रेग्नेंसी को प्रभावित करते हैं।