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खौफ: शहरी इलाकों में भी भरा बाढ़ का पानी, कई मकानों का डूब चुका है एक मंजिल, दहशत में हैं लोग
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Fri, 03 Sep 2021 02:12 PM IST
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गोरखपुर में बाढ़।
- फोटो : अमर उजाला।

गोरखपुर में राप्ती के किनारे बसे शहर के मोहल्लों में बाढ़ का पानी भरने से हालात गंभीर होते जा रहे हैं। हालांकि हर्वर्ट, मलौनी और लहसड़ी बांध की मजबूती ने शहर को अभी तक बचा रखा है लेकिन खौफ इतना है कि लोग हर वक्त जानकारी जुटा में लगे हैं। एक सप्ताह पहले जब राप्ती का जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ तो किसी को अंदाजा नहीं था कि अगले दो-तीन दिन में ही हालत इतनी गंभीर हो जाएगी। तेजी से बढ़ा नदी का पानी बांध के किनारे बसे गांवों व मोहल्लों में भरने लगा। हर्बर्ट बांध व शहर से सटे बहरामपुर गांव में पांच से छह फुट तक पानी भर गया। उधर, डोमिनगढ़ इलाके में बने घर भी बाढ़ में डूब गए। ट्रांसपोर्ट नगर से जुड़ी शिवपुर कॉलोनी में भी पानी भर गया है।
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गोरखपुर में बाढ़।
- फोटो : अमर उजाला।
उधर, गोरखनाथ ग्रीन सिटी, राजेंद्र नगर, नई कालोनी जंगल बहादुरपुर, मोहरीपुर के सैकड़ों घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। कई मकानों का एक मंजिल डूब चुका है। लोग दूसरे मंजिल पर सामान समेत शरण लिए हुए हैं। अभी राहत की बात बस इतनी है कि बरसात नहीं हो रही, वरना स्थिति और चिंताजनक हो जाती। फलमंडी और ट्रांसपोर्टनगर से सटे कुछ मोहल्लों में भी बाढ़ का पानी भरा है।
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गोरखपुर में बाढ़।
- फोटो : अमर उजाला।
... इधर तक नहीं आएगा न पानी
राप्ती के बढ़े जलस्तर ने लोगों को इतना डरा रखा है कि नदी के नजदीक ही नहीं, दूर बसे मोहल्लों के लोग भी इस बात की तस्दीक करना चाहते हैं कि उनके घर तक तो बाढ़ का पानी नहीं पहुंच पाएगा। वर्ष 1998 की बाढ़ से प्रभावित रहे इलाके के लोग खासतौर पर इस बात को पुष्ट करना चाहते हैं कि अगर शहर में बाढ़ आई तो कौन से मोहल्ले पहले प्रभावित होंगे। लोग इसी हिसाब से अपनी तैयारी भी कर रहे हैं।
राप्ती के बढ़े जलस्तर ने लोगों को इतना डरा रखा है कि नदी के नजदीक ही नहीं, दूर बसे मोहल्लों के लोग भी इस बात की तस्दीक करना चाहते हैं कि उनके घर तक तो बाढ़ का पानी नहीं पहुंच पाएगा। वर्ष 1998 की बाढ़ से प्रभावित रहे इलाके के लोग खासतौर पर इस बात को पुष्ट करना चाहते हैं कि अगर शहर में बाढ़ आई तो कौन से मोहल्ले पहले प्रभावित होंगे। लोग इसी हिसाब से अपनी तैयारी भी कर रहे हैं।

गोरखपुर में बाढ़।
- फोटो : अमर उजाला।
बोक्टा-बरवार बांध पर कोलिया में रिसाव से बढ़ गई थी दहशत
बोक्टा-बरवार बंधे पर के कोलिया गांव के पास रिसाव की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों समेत तहसील का प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया। तत्काल रिसाव को रोकने का प्रयास शुरू कर दिया गया। एसडीएम सुरेश कुमार राय, तहसीलदार बृजमोहन शुक्ला, एक्सईएन रूपेश कुमार खरे रिसाव स्थल पर ही डटे रहे। इसी बीच सहजनवां के भीटी रावत में चौपाल लौट रहे डीएम विजय किरन आनंद भी कोलिया में रुके और रिसाव का जायजा लिया। क्षेत्रीय विधायक शीतल पांडेय भी पहुंचे और अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की है। इस दौरान सहायक अभियंता बीवी सिंह, सहायक अभियंता निजामुद्दीन, जेई अभय श्रीवास्तव, जितेंद्र कुमार, प्रभारी निरीक्षक गीडा डीडी मिश्रा आदि मौजूद रहे।
बोक्टा-बरवार बंधे पर के कोलिया गांव के पास रिसाव की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों समेत तहसील का प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया। तत्काल रिसाव को रोकने का प्रयास शुरू कर दिया गया। एसडीएम सुरेश कुमार राय, तहसीलदार बृजमोहन शुक्ला, एक्सईएन रूपेश कुमार खरे रिसाव स्थल पर ही डटे रहे। इसी बीच सहजनवां के भीटी रावत में चौपाल लौट रहे डीएम विजय किरन आनंद भी कोलिया में रुके और रिसाव का जायजा लिया। क्षेत्रीय विधायक शीतल पांडेय भी पहुंचे और अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की है। इस दौरान सहायक अभियंता बीवी सिंह, सहायक अभियंता निजामुद्दीन, जेई अभय श्रीवास्तव, जितेंद्र कुमार, प्रभारी निरीक्षक गीडा डीडी मिश्रा आदि मौजूद रहे।
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गोरखपुर में बाढ़।
- फोटो : अमर उजाला।
राप्ती की बाढ़ से पाली क्षेत्र के कई गांव घिरे
राप्ती की बाढ़ से भस्का, सिसई, मटियारा, कुसम्हा कला व मटियारी गांव पूरी तरह से घिर गए हैं। ग्रामीण पशुओं को लेकर बांध पर शरण लिए हैं। फसल पूरी तरह डूब चुकी है।
राप्ती की बाढ़ से भस्का, सिसई, मटियारा, कुसम्हा कला व मटियारी गांव पूरी तरह से घिर गए हैं। ग्रामीण पशुओं को लेकर बांध पर शरण लिए हैं। फसल पूरी तरह डूब चुकी है।