इंद्रदेव नाराज हैं, ऊपर से अब हाकिमों ने भी धमकी देनी शुरू कर दी है। सूखे की मार झेल रहे किसानों के सामने अब जेल जाने का भी खतरा मंडरा रहा है। नहर व नलकूप खंड के अफसर दावा कर रहे नहरों-तालाबों में भरपूर पानी है। कुछ किसानों की ही वजह से नहरों से पानी की पूरी आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
Monsoon: गोरखपुर में सूखे की मार झेल रहे किसानों के सामने जेल जाने का खतरा
यह भी कहा कि यदि यह नहीं साफ हो पा रहा है कि किसने नहर काटी तो उन किसानों पर एफआईआर दर्ज कराई जाए जिनके खेतों में पानी जा रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटना की जानकारी संबंधित एसडीएम व तहसीलदार को लिखित तौर पर दी जाए और फोटोग्राफ समेत आख्या आपदा विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप पर उपलब्ध कराई जाए।
अधिशासी अभियंता नलकूप खंड द्वितीय एम के सिंह ने बताया कि सभी खंड मिलाकर जिले में 1187 नलकूप संचालित हैं। इनमें से ज्यादातर चल रहे हैं सिर्फ 38 नलकूप ही बिजली एवं यांत्रिक दोष के कारण बंद हैं। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के सापेक्ष सभी 32 तालाब और 281 पोखरों में पानी भरा है।
इसपर एडीएम ने निर्देश दिए कि भरे गए सभी तालाब-पोखरों की तहसीलवार सूची, फोटोग्राफ के साथ 19 जुलाई तक उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही यह मानचित्र भी प्रस्तुत करें कि नलकूप कहां-कहां हैं और उनसे कौन से तालाब-पोखरों में पानी भरा जा रहा है।
इसी तरह उन्होंने सिंचाई खंड एवं सरयू नहर खंड-प्रथम के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिया कि वे दो दिन के भीतर नहरों की सूची मानचित्र के साथ उपलब्ध कराएं, जिसमें यह बताया जाए कि कौन सी नहर कहां से शुरू होकर कहां खत्म हो रही है।
औसत 443 मिमी बारिश होनी चाहिए, हुई 115 मिमी
बैठक में बताया गया कि मौसम विभाग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के मुताबिक 17 जुलाई तक औसत 443 मिमी बारिश होनी चाहिए थी मगर उसके सापेक्ष 115 मिमी ही बारिश हुई।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि पर्याप्त वर्षा नहीं होने की वजह से धान की अवधि में तैयार होने वाली प्रजाति को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है और विलंब की दशा में 10 अगस्त तक सीधी बुआई कराई जाएगी। एडीएम ने कहा कि डीएम के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सभी किसानों को लाभ मिले, इसके लिए जरूरी कार्रवाई की जाए। पेयजल उपलब्धता को लेकर नगर निगम के मुख्य अभियंता ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में 145 बड़े गहरे नलकूप, 87 मिनी नलकूप, 4173 इंडिया मार्क हैंडपंप हैं। इसपर एडीएम ने निर्देश दिया कि पानी की कहीं भी समस्या हो तो तत्काल उसका निस्तारण कराया जाए।
मंडल अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) सतीश ओझा ने कहा कि नहरों के टेल तक पानी नहीं है। कहीं पानी है तो भी सतह पर है। बड़ी संख्या में नलकूप खराब पड़े हैं। विभाग सिर्फ आंकड़ेबाजी कर रहा है। बोरिंग से पानी को लेकर सख्ती की जा रही है। कहीं पर भी किसानों ने नहर नहीं काटी है। सिंचाई एवं नहर खंड के अधिकारी अपनी खामियों को छिपाने के लिए किसानों पर तोहमत मढ़ रहे हैं। ईमानदारी से जांच हो तो सब साफ हो जाएगा। भारतीय किसान यूनियन किसानों की इन समस्याओं और अफसरों की मनमानी के खिलाफ मंगलवार को कमिश्नर, डीएम से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेगा। सूखे की इस स्थिति में किसानों को राहत नहीं पहुंचाई गई तो यूनियन आंदोलन करेगा।
एडीएम फाइनेंस राजेश कुमार सिंह ने कहा कि नहर काटने के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इस आदेश की आड़ में कोई मनमानी नहीं कर सकता। विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे पहले साक्ष्य प्रस्तुत करें। फोटो सहित संबंधित एसडीएम, तहसीलदार के साथ ही आपदा कार्यालय पर आख्या प्रस्तुत करें फिर कार्रवाई करें। नलकूप को लेकर कोई शिकायत नहीं आई है। संभव है कि कुछ नलकूप खराब हों। किसान शिकायत करें, खराब नलकूपों को सही करा दिया जाएगा।
