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Nirbhaya case: इस शख्स की गवाही से निर्भया को मिला था इंसाफ, जानिए क्या है आज उसका हाल

अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Wed, 16 Dec 2020 03:12 PM IST
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Nirbhaya case 8 year special story of Nirbhaya Friend know about nirbhaya
Nirbhaya Case - फोटो : अमर उजाला।
निर्भया कांड को आज आठ साल पूरे हो गए हैं। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में एक चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया गया था। इस दौरान उसके साथ उसका साथी अवनींद्र भी उसी बस में सवार था। घटना के सात साल तीन महीने बाद निर्भया को इंसाफ मिला था। मार्च 2020 में निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर चढ़ाया गया था। इस कड़ी में अवनींद्र की गवाही बहुत महत्वपूर्ण रही है। आगे की स्लाइड्स में पढ़िए पूरी कहानी...
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Nirbhaya case 8 year special story of Nirbhaya Friend know about nirbhaya
अवनींद्र। (File) - फोटो : अमर उजाला

अवनींद्र गोरखपुर के ही रहने वाले हैं। फिलहाल अब वह विदेश में अपने बेटे और पत्नी के साथ रह रहे हैं और एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। अवनींद्र के पिता अधिवक्ता भानू प्रकाश पांडे गोरखपुर शहर में ही रहते हैं। उनका कहना है कि अवनींद्र उस दिन को कभी भूला नहीं पाया।

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अवनींद्र। (File) - फोटो : अमर उजाला
भानू प्रकाश निर्भया कांड को यादकर भावुक हो जाते हैं, वे कहते हैं कि अवनींद्र को उस दिन का दर्द हमेशा सताता है। वह सोचता है कि काश, वह उसे बचा पाता। भानू प्रकाश बताते हैं कि चारों आरोपियों ने उन्हें पहले बस में लिफ्ट दी और उनका सारा सामान लूट लिया। इसके बाद दोनों को बस के अंदर ही बेरहमी से मारा-पीटा। दोषियों का इससे भी मन नहीं भरा तो उन्होंने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
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Nirbhaya Case: बाएं निर्भया की मां, दाएं अवनींद्र। (File) - फोटो : अमर उजाला।
उन्होंने बताया कि इसके बाद दोषियों ने चलती बस से पहले अवनींद्र को बिना कपड़ों के सड़क पर फेंक दिया और फिर निर्भया को भी...। दोषियों ने सोचा कि इतनी रात को इनकी मदद करने कोई नहीं आएगा, ऐसे में दोनों दर्द और ठंड से मर जाएंगे।
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nirbhaya case - फोटो : अमर उजाला
भानू प्रकाश कहते हैं कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि इंसानों के  बीच में ऐसे लोग छिपे हैं जो इस हद तक जाएंगे। किसी इंसान के साथ इतनी हैवानियत कोई कैसे कर सकता है। इस केस में अवनींद्र की गवाही की भूमिका बड़ी अहम साबित हुई है। गौरतलब है कि निर्भया के चारों गुनहगारों अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को 20 मार्च 2020 की सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया था।
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