अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस को लेकर बुधवार को पुलिस सतर्क रही। हर तरफ पुलिस की मौजूदगी का ही असर था कि कहीं पर भी कोई शरारती तत्व अशांति फैलाने की कोशिश नहीं कर सका। एसएसपी डॉ. जोगेंद्र कुमार सुबह ही शहर में निकले फिर दोपहर में दफ्तर से ही हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए थे। प्रमुख मस्जिद, मंदिर के पास पुलिस की सतर्कता ज्यादा देखी गई।
अयोध्या ढांचा विध्वंस मामला: हर तरफ तैनात थी फोर्स, अफसर दफ्तर से करते रहे निगरानी
जानकारी के मुताबिक, सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने के लिए पुलिस और प्रशासन ने शांति सुरक्षा समितियों से पहले ही संपर्क कर लिया था। वह भी सक्रिय दिखे। संवेदनशील इलाके के थानेदार दोनों पक्षों के लोगों से बातचीत करते हुए अभी से उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि अदालत का जो भी फैसला आए उस पर हर हाल में शांति कायम होनी चाहिए। हुआ भी यही। फैसला आने के बाद कहीं पर भी लोगों ने इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया तक नहीं दी।
पहले ही पुलिस ने कई लोगों को किया था पाबंद
उपद्रवियों से निपटने को लेकर पुलिस ने पहले ही तैयारी कर ली थी। गोरखपुर पुलिस किसी को कोई मौका नहीं देना चाहती थी, लिहाजा ऐसे लोग जो इस मौके का गलत फायदा उठा सकते हैं, उन्हें पहले ही पांबद कर बता दिया गया था कि अगर शांति में खलल होती है तो वे इसके लिए जिम्मेदार माने जाएंगे। इसका असर हुआ और शांति से फैसले को सब ने स्वीकार किया।
90 जगहों पर लगाई गई थी पिकेट
शहर के 90 प्रमुख संवेदनशील जगहों पर पुलिस पिकेट लगाई गई थी। पीएसी को भी रिजर्व रखा गया था। संवेदनशील इलाकों की ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई। सीओ अपने सर्किल में तो वहीं थानेदरार और चौकी इंचार्ज अपने इलाके में भ्रमण करते रहे।
एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने कहा कि वैसे तो पुलिस हमेशा ही सतर्क रहती है लेकिन फैसले को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई थी। संवदेनशील इलाकों में पुलिसफोर्स लगाई गई, फैसले के वक्त सड़कों पर पुलिस भ्रमण पर रही। शांतिव्यवस्था कायम रखने में आमजन ने पुलिस का सहयोग किया है।