अयोध्या में विवादित ढांचे को ध्वस्त करने के मामले में बुधवार को फैसला आ गया है। सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाते हुए, इस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है। इसे लेकर जिले की पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है। जिले में संवदेनशील स्थानों और कस्बों में पुलिस पिकेट लगाई गई है।
अयोध्या ढांचा विध्वंस पर 28 साल बाद आया फैसला, गोरखपुर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात, वीडियो
जानकारी के मुताबिक, सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने के लिए पुलिस और प्रशासन ने शांति सुरक्षा समितियों के साथ बैठक कर ली थी। संवेदनशील इलाके के थानेदारों ने दोनों पक्षों के लोगों से बातचीत करते हुए, उन्हें समझाया गया था कि अदालत का जो भी फैसला आए उस पर हर हाल में शांति कायम होनी चाहिए।
वहीं, उपद्रवियों से निपटने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात किया गया है। पुलिस ने मौके का गलत फायदा उठाने वालों को पहले ही पाबंद कर लिया है। ऐसे लोगों से साफ कहा है कि अगर शांति में खलल होगी तो इसके लिए वही जिम्मेदार माने जाएंगे।
एसपी सिटी डॉ. कौस्तुभ ने बताया कि शहर में 90 चौराहों पर पुलिस पिकेट लगी है। कुछ और चौराहों पर फोर्स लगाई गई है। पीएसी को भी रिजर्व रखा गया है। संवेदनशील इलाकों की ड्रोन कैमरों से निगरानी कराई जा रही है। सीओ अपने सर्किल में तो थानेदार और चौकी इंचार्ज अपने इलाके में भ्रमण कर रहे हैं। किसी भी सूचना पर पुलिस तत्काल मौके पर जाएगी।
