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Diarrhea: डायरिया से जुड़ी इन चार बातों को कहीं आप भी तो नहीं मानते सच? जान लीजिए हकीकत

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिखर बरनवाल Updated Wed, 04 Jun 2025 05:01 PM IST
सार

डायरिया एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिससे लगभग हर कोई कभी न कभी प्रभावित होता है। डायरिया को लेकर हमारे समाज में कई भ्रांतियां प्रचलित हैं। आइए उन्हीं में से कुछ भ्रांतियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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डायरिया - फोटो : Freepik.com

Diarrhea Related Myths: डायरिया एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जिससे लगभग हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी जूझा होता है। डायरिया खासकर गर्मियों और बरसात के मौसम में ज्यादा देखने को मिलती है। इसमें व्यक्ति को बार-बार पतले दस्त आते हैं, जिससे शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है, जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। यह आमतौर पर दूषित भोजन या दूषित पानी से फैलता है। इसके लक्षणों में पेट दर्द, ऐंठन, उल्टी और बुखार भी शामिल हो सकते हैं। 



डायरिया को लेकर हमारे समाज में कई गलत धारणाएं फैली हुई हैं, जिन्हें लोग अक्सर सच मान लेते हैं। आइए इस लेख में हम यहां चार आम मिथकों और उनकी हकीकत को समझते हैं, ताकि आप इस स्थिति से सही तरीके से निपट सकें।

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डायरिया - फोटो : Freepik.com

मिथक 1: डायरिया में नमक नुकसान करता है
कुछ लोग सोचते हैं कि डायरिया के दौरान नमक का सेवन हानिकारक होता है। यह पूरी तरह गलत है। डायरिया में शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम) की हानि होती है। इसकी पूर्ति के लिए ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन), जिसमें नमक और चीनी का मिश्रण होता है, पीना जरूरी है। ओआरएस डिहाइड्रेशन को रोकने में मदद करता है और शरीर को आवश्यक खनिज प्रदान करता है।


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डायरिया - फोटो : adobe stock images

मिथक 2: डायरिया कभी गंभीर नहीं होता
कई लोग मानते हैं कि डायरिया सामान्य समस्या है और यह अपने आप ठीक हो जाती है। हकीकत यह है कि डायरिया गंभीर हो सकता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। यदि डायरिया लंबे समय तक रहे या बार-बार दस्त हों, तो यह डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डायरिया बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। गंभीर मामलों में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।


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डायरिया - फोटो : Freepik.com

मिथक 3: डायरिया में सिर्फ सूखा खाना खाना चाहिए
यह धारणा भी गलत है कि डायरिया में केवल सूखा खाना, जैसे खिचड़ी या टोस्ट, ही खाना चाहिए। हकीकत में, डायरिया के दौरान हल्का और संतुलित आहार जरूरी है। केला, चावल, सेब की चटनी और टोस्ट (BRAT डाइट) फायदेमंद हैं, साथ ही नारियल पानी, दाल का पानी और हल्का सूप भी पोषण और हाइड्रेशन बनाए रखने में मदद करते हैं। डायरिया में भारी और तैलीय भोजन से बचना चाहिए।

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डायरिया - फोटो : Adobe stock
मिथक 4: घर के खाने से डायरिया नहीं हो सकता
कई लोग मानते हैं कि घर का खाना हमेशा सुरक्षित होता है और इससे डायरिया नहीं हो सकता। यह सच नहीं है। यदि खाना सही तरीके से न पकाया जाए, बर्तन गंदे हों, या खाना महक गया हो, तो बैक्टीरिया या वायरस के कारण डायरिया हो सकता है। रसोई में स्वच्छता, ताजा सामग्री और सही भंडारण जरूरी है। दूषित पानी या कच्चे खाद्य पदार्थ भी डायरिया का कारण बन सकते हैं।

क्या करें डायरिया में?
डायरिया होने पर पर्याप्त मात्रा में पानी और ओआरएस पिएं। हल्का और सुपाच्य भोजन लें। स्वच्छता का ध्यान रखें, जैसे बार-बार हाथ धोना। यदि दस्त अधिक समय तक रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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