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Child Health Winter Tips: कमजोर इम्यूनिटी या अभिभावक की गलती? सर्दियों में बच्चों को बीमार होने से कैसे रोकें

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Mon, 08 Dec 2025 11:48 AM IST
सार

Winter Health Care For Kids: सर्दी का मौसम आ गया है। पिछली सर्दी में वह बीमार पड़ गया था और अब फिर उसे खांसने-छींकने की शिकायत होने लगी है। चिकित्सक कहते हैं कि ऐसे में आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी।
 

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Winter Health Care For Kids know How To Protect Children From Cold flu in hindi
बच्चे बार-बार क्यों पड़ जाते हैं बीमार, कारण जान करें बचाव - फोटो : Freepik

Winter Health Care For Kids: सर्दी का मौसम शुरू होते ही घर में गूंजती एक छोटी-सी छींक भी माता-पिता के दिल की धड़कनें तेज कर देती है। बच्चों की नाजुक त्वचा, सूखते होंठ और बांह मोड़कर ठंड से बचने की कोशिश, ये सब माता-पिता को परेशान करती हैं। वहीं सर्दियों में बच्चों को सर्दी-जुकाम, कान का दर्द, खांसी और हल्का बुखार जल्दी घेर लेते हैं और तब मन में एक-एक करके चिंताएं जन्म लेती हैं- क्या बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर है? क्या मैंने उसे पर्याप्त गरम कपड़े नहीं पहनाए? क्या बाहर खेलने से उसे ठंड लग गई?



माता-पिता का इस स्थिति में चिंतित होना स्वाभाविक है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे अगर कभी-कभार बीमार पड़ें तो यह उनकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने की सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन बार-बार बीमारी पड़ें तो आपको सावधानी बरतने की जरूरत है। थोड़ी-सी समझदारी, सही देखभाल और मौसम के मुताबिक बदलाव बच्चे को ठंड से बचाकर उसकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। फिर मौसम चाहे जितना भी ठिठुरन भरा हो, आपका बच्चा खुश, सक्रिय और पूरी तरह से स्वस्थ रहता है।
 

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हर बार बीमार क्यों - फोटो : Freepik.com

हर बार बीमार क्यों

बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कम तापमान और शीत लहर सीधे तौर पर बच्चों में संक्रमण का कारण नहीं बनते हैं। ये दोनों कारक ऐसी परिस्थितियां पैदा करते हैं, जो बच्चों में स्वास्थ्य जोखिम को बढ़ा देते हैं। ठंड के महीने में बच्चे घर या बंद स्थान के अंदर ज्यादा समय बिताते हैं। ऐसे में स्कूल, घर या फिर डे-केयर में उनके दूसरे बच्चों में पनप रहे जर्म्स यानी कीटाणुओं के संपर्क में आने की आशंका बढ़ जाती है। दूसरी ओर बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो रही होती है। वे आम बीमारियों का कारण बनने वाले ज्यादातर वायरस के संपर्क में नहीं आए होते हैं। इसलिए वे वयस्कों की तुलना में ज्यादा बार बीमार पड़ते हैं।

वहीं ठंडी और ड्राई हवा नाक के म्यूकस मेम्ब्रेन को सुखा देती है। म्यूकस मेम्ब्रेन रोगाणुओं से शरीर की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाता है। कुछ वायरस, जैसे-फ्लू वायरस ठंडे मौसम में शरीर में लंबे समय तक स्थिर बने रह सकते हैं। साथ ही छोटे बच्चे अपने हाथ को अक्सर मुंह और नाक के पास ले जाते हैं, जिनसे संक्रमित होने की आशंका बनी रहती है।
 

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सावधानियां जरूरी - फोटो : Freepik.com

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली

सर्दियों में बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। इसके कई कारण हैं। असल में ठंडी और शुष्क हवा वायरस के फैलने के लिए अनुकूल माहौल बनाती है, जिससे बच्चे जल्दी संक्रमित हो जाते हैं। इस मौसम में धूप कम मिलती है, जिससे विटामिन डी का स्तर घटने लगता है और इम्यूनिटी कमजोर पड़ती है। वहीं ठंड के कारण शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं, जिसका असर प्रतिरक्षा प्रणाली पर पड़ता है। ये सभी कारक सर्दियों में बच्चों को संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना देते हैं।
 
सावधानियां जरूरी

सर्दी-जुकाम से पूरी तरह बच पाना हमेशा संभव नहीं होता, लेकिन कुछ सावधानियां बरतकर जोखिम को कम जरूर किया जा सकता है। इसमें सबसे खास है बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना, क्योंकि मजबूत इम्यून सिस्टम वायरस और संक्रमण से लड़ने में सबसे अधिक मदद करता है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे रोजाना पोषक तत्वों से भरपूर फल और सब्जियां खाएं, जिनमें विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। खास तौर पर विटामिन सी सर्दी-जुकाम से सुरक्षा में प्रभावी माना जाता है, इसलिए बच्चों को संतरा, कीवी, स्ट्रॉबेरी जैसे फलों का सेवन कराना फायदेमंद है।

इसके अलावा जिंक बच्चों के सही विकास और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक है। रोजाना उन्हें बादाम, अखरोट, काजू जैसे ड्राई फ्रूट्स और कद्दू या सूरजमुखी के बीज दिए जा सकते हैं। दालें भी जिंक का अच्छा स्रोत हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। इसके साथ ही नियमित व्यायाम भी आवश्यक है, जो रक्त संचार बढ़ाने के साथ इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है।

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स्वच्छता नियम - फोटो : Freepik

स्वच्छता नियम

सर्दियों में वायरस लंबे समय तक जिंदा रहते हैं और आसानी से फैलते हैं। इसलिए स्वच्छता बनाए रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए कुछ स्वच्छता नियम बनाएं। बच्चों को अपने हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से बार-बार धोने को कहें। जहां हाथ धोना संभव न हो, वहां वे हैंड सैनिटाइजर को इस्तेमाल कर सकते हैं। उनको चेहरे, खासकर आंख, नाक और मुंह को छूने से रोंके, क्योंकि ये कीटाणुओं के प्रवेश द्वार हैं। बहुत छोटे बच्चे को साफ-सफाई का ख्याल रखने में आप खुद मदद करें।
 
गर्म कपड़े

ठंडा तापमान शरीर की संक्रमणों से रक्षा करने की क्षमता को कमजोर कर देता है, इसलिए बच्चों के लिए ऐसे गर्म कपड़े चुनना जरूरी है, जो उन्हें गरमाहट प्रदान करें। बाहर जाते समय उनके खुले हिस्सों को ढकने के लिए दस्ताने, स्कार्फ और टोपी अवश्य पहनाएं, ताकि ठंडी हवा सीधी शरीर पर असर न कर सके। इसके साथ ही सर्दियों में घर के अंदर की हवा अक्सर हीटिंग सिस्टम की वजह से बहुत ड्राई हो जाती है, जिससे बच्चों के श्वसन तंत्र में जलन या सूखापन बढ़ सकता है। इसे रोकने के लिए घर में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें, ताकि हवा में नमी बनी रहे और वायरस कम सक्रिय हों। साथ ही घर को नियमित रूप से हवादार रखें, ताकि ताजी हवा अंदर और बासी हवा बाहर निकलती रहे।
 

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हाइड्रेशन और पौष्टिक आहार - फोटो : Freepik.com

हाइड्रेशन और पौष्टिक आहार
 
सर्दियों में बच्चों को गरम और पौष्टिक चीजें देना उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का आसान तरीका है। हर्बल चाय या अदरक की चाय जैसे गर्म पेय शरीर को अंदर से गरम रखते हैं, क्योंकि इनमें प्राकृतिक इम्यून बूस्टिंग गुण होते हैं। इनमें थोड़ा शहद मिलाकर बच्चों को दिया जा सकता है। इसी तरह ताजी सब्जियों से बने सूप आराम, गरमाहट और पोषण तीनों प्रदान करते हैं। भोजन में संतरा और कीवी जैसे खट्टे फलों के अलावा लहसुन, जो प्राकृतिक एंटी वायरल माना जाता है और अदरक, जिसमें सूजन रोधी गुण हैं, को अवश्य शामिल करें। साथ ही बच्चों को पर्याप्त आराम करने दें, ताकि उनकी इम्यूनिटी मजबूत हो सके।
 
पर्याप्त नींद

प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक नींद भी है। एक बच्चे को नींद की आवश्यकता उसकी उम्र के अनुसार अलग-अलग होती है। शिशुओं के लिए 12-16 घंटे से लेकर किशोरों के लिए 8-10 घंटे तक की नींद जरूरी है। नींद बिना किसी रुकावट के होनी चाहिए। तनाव से निपटने के लिए बच्चे ध्यान, योग, गहरी सांस लेना या रिलैक्स करने के अन्य तरीके अपना सकते हैं।

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